पटना: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध (Russia Ukraine War) लड़ा जा रहा है, लेकिन उसका असर भारत जैसे देशों पर पड़ना शुरू हो गया है. बिहार जैसे राज्य भी इससे अछूते नहीं हैं. महंगाई ने आम लोगों को रुलाना शुरू कर दिया है. लोगों का बजट भी बिगड़ने लगा है. किचन से लेकर आवागमन पर असर पड़ना शुरू हो गया है. गैस की कीमतों में जहां इजाफा किया गया है. वहीं, पेट्रोल डीजल की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि की संभावना है. पिछले कुछ सालों से लोग बढ़ती कीमतों से पहले ही परेशान हैं और अब संकट के चलते सरसों तेल, रिफाइंड ऑयल, एडिबल ऑयल की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है.
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भारत में एक्सपोर्ट इंपोर्ट प्रभावित: बता दें कि भारत खाद्य तेल की जरूरत का 70% हिस्सा आयात करता है. इसमें सबसे ज्यादा सनफ्लावर ऑयल को भारत इंपोर्ट करता है. भारत में सनफ्लावर ऑयल की जरूरत का 90% हिस्सा यूक्रेन और रूस से इंपोर्ट होता है और युद्ध की स्थिति में इंपोर्ट प्रभावित हुआ है. जिससे कुकिंग वालों के साथ-साथ कच्चे तेल और सोने-चांदी की कीमतों में भी वृद्धि देखने को मिल रही है. साल 2021 में अप्रैल से लेकर दिसंबर तक भारत ने यूक्रेन से कुल जरूरत का 65 फीसदी सनफ्लावर ऑयल इंपोर्ट किया था. गौरतलब है कि तेल कंपनियां 45 से 55 दिनों का स्टॉक अपने पास रखती हैं.
भागलपुरी सिल्क पर असर: भागलपुर के सिल्क को युद्ध से सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. अब तक 50 करोड़ का आर्डर कैंसिल हो चुका है और इस बात की संभावना जताई जा रही है कि 600 करोड़ का कारोबार 150 करोड़ तक ना सिमट जाए. बता दें कि भागलपुरी सिल्क की यूक्रेन और रूस में जबरदस्त मांग है. भागलपुर के दुपट्टे को दोनों देशों में खूब पसंद किया जाता है. भारत रूस और यूक्रेन के बीच व्यापारिक रिश्ते भी हैं. रूस के साथ जहां भारत का सालाना एक लाख करोड़ का व्यवसाय होता है. वहीं, यूक्रेन के साथ 20,000 करोड़ का व्यवसाय होता है.
अर्थशास्त्री डॉक्टर विद्यार्थी विकास का मानना है कि ''रूस यूक्रेन युद्ध का व्यापक असर भारत पर पड़ने वाला है. बिहार जैसे राज्य भी प्रभावित होंगे एक और जहां महंगाई और बेरोजगारी बढ़ेगी, तो वहीं दूसरी तरफ एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर भी असर पड़ेगा. सूती कपड़े और दवा के निर्यात पर भी व्यापक असर पड़ना तय है.''
वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि ''युद्ध अगर लंबा चला तो हालात मुश्किलों भरे होने वाले हैं. खासकर जरूरी सामान की कीमतों में जबरदस्त इजाफा होगा. बिहार जैसे राज्य जो पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है और शराबबंदी के चलते आम लोगों पर कर का बोझ भी ज्यादा है. युद्ध अगर लंबा खींचा तो बिहार की गरीब जनता को महंगाई की मार भी झेलनी होगी.''
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