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नियोजन की मांग को लेकर ग्रामीण चिकित्सक संघ का धरना, सीएम पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप - रेगुलेटरी एक्ट विनियमन पर डॉक्टर

बिहार के ग्रामीण चिकित्सकों ने पटना में धरना प्रदर्शन (Rural Doctors Protest In Patna ) किया. इन लोगों का कहना है कि ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी आज तक नियुक्ति नहीं की गई है. जबकि सीएम नीतीश ने कहा था कि स्वास्थ्य मित्र के रूप में सरकारी सेवा में समायोजन किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर..

Rural Doctors Protest In Patna
Rural Doctors Protest In Patna
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Published : Dec 1, 2021, 7:22 PM IST

Updated : Dec 1, 2021, 7:49 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. ऐसे मौके पर विभिन्न संघों द्वारा नियोजन की मांग को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. बुधवार को ग्रामीण चिकित्सक संघ (Protest Of Rural Doctors Association) द्वारा स्वास्थ्य मित्र के रूप में नियोजन की मांग (Demanding Appointment As Swasthya Mitra) को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया.

यह भी पढ़ें- नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना जारी, कहा-शिक्षा मंत्री सिर्फ कर रहे हैं गुमराह

ग्रामीण चिकित्सकों की मांग है कि उन्हें स्वास्थ्य मित्र के रुप में ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजित किया जाए. ग्रामीण चिकित्सकों का यह भी कहना है कि सरकार ने वर्ष 2014 में ही आश्वासन दिया था कि कहीं ना कहीं सभी की नियुक्ति की जाएगी. आश्वासन में कहा गया था कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य मित्र के नाम से स्वास्थ सेवा का काम ग्रामीण चिकित्सक संभालेंगे. लेकिन सरकार ने अभी तक इन लोगों की मांग को पूरा नहीं किया है.

पटना में ग्रामीण डॉक्टरों का प्रदर्शन

यह भी पढ़ें- पटना में पीटी शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना जारी, बहाली की मांग

ग्रामीण चिकित्सा संघर्ष संघ के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह का कहना है कि वर्ष 2014 में कृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम आयोजित कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण चिकित्सकों को सर्टिफिकेट दिया था. उस दौरान सीएम ने आश्वासन भी दिया था. बावजूद इसके अभी तक हम लोगों का नियोजन स्वास्थ्य मित्र के रुप में गांव में नहीं किया गया है जोकि, गलत है.

यह भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के ऐलान पर शिक्षक अभ्यर्थियों को भरोसा नहीं, कहा- नियुक्ति पत्र मिलने तक जारी रहेगा धरना

"पूरे बिहार के ग्रामीण चिकित्सकों को हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले थे कि आप लोगों को ट्रेनिंग कराकर सर्टिफिकेट देकर सरकारी सेवा में समायोजन करेंगे. लेकिन सीएम अपने वादे को भूल गए. हम सभी धरना प्रदर्शन कर समय-समय पर सरकार को अवगत कराते रहे कि हमें ट्रेनिंग कराकर सर्टिफिकेट दे दिया गया है. 21000 ग्रामीणों चिकित्सकों को अब बहाल किया जाए. लेकिन नीतीश सरकार ग्रामीण चिकित्सकों के साथ अन्याय कर रही है."- मिथिलेश कुमार सिंह, अध्यक्ष, ग्रामीण चिकित्सा संघर्ष मोर्चा

वहीं संघ के सचिव जितेंद्र कुमार का कहना है कि 'सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो, पूरे बिहार में हम लोग आंदोलन करेंगे. क्योंकि कोरोना काल में ग्रामीण चिकित्सकों ने गांव में काफी काम किया है. कई लोगों की जान भी बचाई है. अब सरकार को चाहिए कि स्वास्थ्य सेवाओं में ग्रामीण चिकित्सकों का भी नियोजन किया जाए. स्वास्थ्य मित्र (Rural Doctors On Appointment) के रुप में जिस नियोजन का आश्वासन उन्होंने दिया था उसे पूरा किया जाए.'

यह भी पढ़ें- RJD ने नीतीश को याद दिलायी पुरानी शपथ, बोले- 'जो खुद वादा तोड़ता हो, वो दूसरों से उम्मीद कैसे कर सकता है'

बिहार के ग्रामीण चिकित्सकों का सीएम पर हमला (Rural Doctors Attack On CM) तेज हो गया है. इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन (Bihar Rural Doctors Protest) किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण चिकित्सकों का कहना है कि जब कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र में लोग बीमार पड़ते थे तो हम ग्रामीण चिकित्सक अपनी जान पर खेलकर लोगों का इलाज करते थे. इस दौरान हमारे कई साथी की भी मृत्यु हो गई. ग्रामीण चिकित्सकों की मांग है कि उन्हें भी अन्य चिकित्सकों की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए, जो सरकारी चिकित्सकों को दी जाती है. ग्रामीण चिकित्सक के संरक्षण एवम सर्वर्धन हेतु रेगुलेटरी एक्ट विनियमन (Doctors On Regulatory Act Regulations) का निर्माण हो.

नोट: ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. ऐसे मौके पर विभिन्न संघों द्वारा नियोजन की मांग को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. बुधवार को ग्रामीण चिकित्सक संघ (Protest Of Rural Doctors Association) द्वारा स्वास्थ्य मित्र के रूप में नियोजन की मांग (Demanding Appointment As Swasthya Mitra) को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया.

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ग्रामीण चिकित्सकों की मांग है कि उन्हें स्वास्थ्य मित्र के रुप में ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजित किया जाए. ग्रामीण चिकित्सकों का यह भी कहना है कि सरकार ने वर्ष 2014 में ही आश्वासन दिया था कि कहीं ना कहीं सभी की नियुक्ति की जाएगी. आश्वासन में कहा गया था कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य मित्र के नाम से स्वास्थ सेवा का काम ग्रामीण चिकित्सक संभालेंगे. लेकिन सरकार ने अभी तक इन लोगों की मांग को पूरा नहीं किया है.

पटना में ग्रामीण डॉक्टरों का प्रदर्शन

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ग्रामीण चिकित्सा संघर्ष संघ के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह का कहना है कि वर्ष 2014 में कृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम आयोजित कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण चिकित्सकों को सर्टिफिकेट दिया था. उस दौरान सीएम ने आश्वासन भी दिया था. बावजूद इसके अभी तक हम लोगों का नियोजन स्वास्थ्य मित्र के रुप में गांव में नहीं किया गया है जोकि, गलत है.

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"पूरे बिहार के ग्रामीण चिकित्सकों को हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले थे कि आप लोगों को ट्रेनिंग कराकर सर्टिफिकेट देकर सरकारी सेवा में समायोजन करेंगे. लेकिन सीएम अपने वादे को भूल गए. हम सभी धरना प्रदर्शन कर समय-समय पर सरकार को अवगत कराते रहे कि हमें ट्रेनिंग कराकर सर्टिफिकेट दे दिया गया है. 21000 ग्रामीणों चिकित्सकों को अब बहाल किया जाए. लेकिन नीतीश सरकार ग्रामीण चिकित्सकों के साथ अन्याय कर रही है."- मिथिलेश कुमार सिंह, अध्यक्ष, ग्रामीण चिकित्सा संघर्ष मोर्चा

वहीं संघ के सचिव जितेंद्र कुमार का कहना है कि 'सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो, पूरे बिहार में हम लोग आंदोलन करेंगे. क्योंकि कोरोना काल में ग्रामीण चिकित्सकों ने गांव में काफी काम किया है. कई लोगों की जान भी बचाई है. अब सरकार को चाहिए कि स्वास्थ्य सेवाओं में ग्रामीण चिकित्सकों का भी नियोजन किया जाए. स्वास्थ्य मित्र (Rural Doctors On Appointment) के रुप में जिस नियोजन का आश्वासन उन्होंने दिया था उसे पूरा किया जाए.'

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बिहार के ग्रामीण चिकित्सकों का सीएम पर हमला (Rural Doctors Attack On CM) तेज हो गया है. इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन (Bihar Rural Doctors Protest) किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण चिकित्सकों का कहना है कि जब कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र में लोग बीमार पड़ते थे तो हम ग्रामीण चिकित्सक अपनी जान पर खेलकर लोगों का इलाज करते थे. इस दौरान हमारे कई साथी की भी मृत्यु हो गई. ग्रामीण चिकित्सकों की मांग है कि उन्हें भी अन्य चिकित्सकों की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए, जो सरकारी चिकित्सकों को दी जाती है. ग्रामीण चिकित्सक के संरक्षण एवम सर्वर्धन हेतु रेगुलेटरी एक्ट विनियमन (Doctors On Regulatory Act Regulations) का निर्माण हो.

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Last Updated : Dec 1, 2021, 7:49 PM IST
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