पटना: बिहार विधान परिषद का सदन पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड (Bihar Legislative Council Fully Computerized) हो गया है. सभी सदस्यों को कंप्यूटर के माध्यम से ही अब सदन की कार्यवाही में भाग लेना होगा. विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने ई-विधान का उद्घाटन (Awadhesh Narayan Singh Inaugurated e-Vidhan) किया. वैसे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका उद्घाटन करना था, लेकिन विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के कारण उनका कार्यक्रम रद्द हो गया. सभापति ने उद्घाटन के बाद कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही को भी चलाया. इस मौके पर बिहार सरकार के कई मंत्री भी मौजूद थे.
ये भी पढ़ें: बिहार में यूनिवर्सिटी घोटाला को लेकर विपक्ष के निशाने पर नीतीश सरकार, निष्पक्ष जांच की मांग
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग सदन को चलाने में किया जाए तो इससे अच्छी बात कुछ नहीं हो सकती है. इससे परिषद कार्यालय को भी सदन चलाने में सहुलियत होगी और सदस्यों को भी लाभ मिलेगा.
वहीं, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि हमने तो प्रयोग करके देखा है, बहुत ही अच्छा है. कई तरह की सुविधाएं हैं. हम लोग जो सदन के अंदर जवाब देते हैं, वह भी आसानी से मिल जाएगा और किसी को देना चाहें तो दे सकते हैं. पुराना रिफरेंस भी चाहिए तो वहीं मिल जाएगा. आधुनिक टेक्नोलॉजी का क्रांतिकारी बदलाव है. पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि बिहार में इसकी शुरुआत हो रही है, पूरे देश में एक उदाहरण बनेगा.
ई-विधान एप्लीकेशन की विपक्षी सदस्यों ने भी तारीफ की. कांग्रेस और आरजेडी के सदस्यों ने सभापति को इसके लिए बधाई दी. मदन मोहन झा और प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो सपना देखा था, वह अब जमीन पर उतर रहा है. आज का दिन वाकई बेहद खास है.
वहीं, तोड़फोड़ की आशंका को निर्मूल बताते हुए कांग्रेस और आरजेडी के सदस्यों ने कहा कि सदन में कोई भी ऐसा सदस्य नहीं है जो तोड़फोड़ करे. आरजेडी एमएलसी रामबली सिंह ने कहा कि उच्च सदन में नोकझोंक भी कम ही होता है और यदि कोई सदस्य तोड़-फोड़ करेगा तो उसके वेतन से राशि कटेगी.
ये भी पढ़ें: तेज प्रताप यादव की विधायकी के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में दायर याचिका में हुई गवाही
बिहार विधान परिषद में आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. यह सब कुछ केंद्र सरकार के सहयोग से हुआ है. केंद्र सरकार ने 60% राशि उपलब्ध कराई है तो है राज्य सरकार की ओर से 40% राशि दी गई है. विधान परिषद में ई विधान एप्लीकेशन की शुरुआत 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में हो जाएगी, लेकिन इसका सही लाभ बजट सत्र में ही देखने को मिलेगा. जब सभी सदस्य पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाएंगे.
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP