नई दिल्ली/पटना: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में सीएम कैंडिडेट और सीट बंटवारे को लेकर बिहार महागठबंधन में पहले से टकराव चल रहा है. अब बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर भी टकराव हो गया है. महागठबंधन में आरएलएसपी को कोई भी सीट नहीं दी गई है.
बिहार महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी है. आरजेडी ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का CM कैंडिडेट घोषित कर रखा. लेकिन अन्य सहयोगी दल तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार मानने को फिलहाल तैयार नहीं हैं. वहीं, महागठबंधन के अन्य दलों की मांग को आरजेडी मानने के मूड में नहीं दिख रही है.
'मांग पर किया जाए विचार'
पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने यहां तक कह दिया कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया. तो वह 26 जून को अपना फैसला ले लेंगे. वहीं आज राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने भी बड़ा बयान दिया है.
'महागठबंधन में अंदरूनी कलह चरम पर'
माधव आनंद ने कहा कि बिहार महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है. अब समय आ गया है कि महागठबंधन के सभी दल आपस में बैठकर सभी चीजों को ‘ऑल इज वेल’ कर लें. हम चाहते भी हैं कि महागठबंधन में सब कुछ जल्दी ठीक हो जाए. उन्होंने कहा कि बिहार में विधान परिषद के चुनाव हैं. महागठबंधन में किसी पार्टी ने एक दल से वादा किया था, उस वादे को पूरा करने का वक्त आ गया. साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ महत्वाकांक्षी लोग महागठबंधन में हैं, जिसके कारण महागठबंधन में अंदरूनी कलह चरम पर है.
'नहीं हो सका वादा पूरा'
जानकारी के अनुसार बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर आरएलएसपी से महागठबंधन की तरफ से वादा किया गया था कि एक सीट रालोसपा को दी जाएगी. लेकिन यह वादा पूरा नहीं हो सका. इसके चलते आरएलएसपी में नाराजगी है. माधव आनंद ये भी कहा कि मांझी ने 25 और 26 जून का जो अल्टीमेटम दिया है. इसको गंभीरता से महागठबंधन के दलों को लेना चाहिए.