पटनाः तीन कृषि कानूनों (Three Farm Laws) के विरोध में सड़क पर उतरे राजद कांग्रेस और वाम दल के नेताओं ने आज डाक बंगला चौराहा जाम किया. हालांकि इसमें कांग्रेस की उपस्थिति मात्र सांकेतिक रूप से दिखी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) की गैरमौजूदगी का असर भी साफ नजर आया. सबसे ज्यादा संख्या में वाम दलों के नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. डाकबंगला चौराहे पर आंदोलन में सक्रिय भूमिका में वरिष्ठ राजद नेता जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) दिखे.
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पटना में किसानों के समर्थन में जुटे राजद कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं ने डाक बंगला चौराहे को कई घंटों तक जाम रखा. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह आज पार्टी के कार्यकर्ताओं को आंदोलन के दौरान नियंत्रित करते दिखे.
'हम लगातार तीनों काला कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. बिहार में तो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पहले ही किसानों की कमर तोड़ दी थी. उन्होंने बाजार समिति की व्यवस्था ध्वस्त कर दी थी और गर्व से कहते हैं कि सबसे पहले हमने बिहार में इसे लागू किया. लेकिन उन्होंने किसानों को किसी काबिल नहीं छोड़ा है. यही वजह है कि किसान आंदोलन करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते.'- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, राजद
किसान संगठनों के बंद में नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी पर जगदानंद सिंह ने कहा कि सभी नेताओं को अलग-अलग जगह पर अपने-अपने तरीके से आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभानी है. जरूरी नहीं कि हर नेता पटना में डाकबंगला चौराहे पर मौजूद रहे. इसलिए तेजस्वी यादव को जहां होना चाहिए, वे वहां हैं.
वहीं, इससे पहले आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने भी तेजस्वी यादव की गैरमौजूगी पर कहा कि हम सब लालू और तेजस्वी हैं. हर नेता और कार्यकर्ता का लालू और तेजस्वी है.
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बता दें कि किसान संगठनों के भारत बंद को कांग्रेस समेत तमाम गैर-एनडीए दलों ने समर्थन दिया है. बिहार में भी राजद, कांग्रेस और तमाम वामदलों ने पटना के बुद्ध स्मृति पार्क से लेकर डाकबंगला चौराहे तक मार्च किया. डाकबंगला चौराहे को जाम करते हुए उन्होंने कृषि कानून के खिलाफ नारे भी लगाए. इस दौरान बंद समर्थकों ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को लाकर केंद्र सरकार ने किसानों की कमर तोड़ने की कोशिश की है.