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शिक्षकों के शराब खोजने वाले टास्क पर भड़की RJD, कहा- 'सरकार वापस ले बेतुका फरमान' - etv bharat bihar

स्कूल कैंपस में शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने नियमित अंतराल पर शिक्षा समिति की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है और स्कूलों को नया टास्क भी सौंपा है.

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Published : Jan 28, 2022, 7:37 PM IST

पटना: शिक्षा विभाग ने नशाबंदी को लेकर सरकारी स्कूल के शिक्षकों को नया टास्क सौंपा है. जिस पर राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है और इसे नई नौटंकी करार दिया है. आरजेडी ने शिक्षकों को शराब ढूंढने का टास्क (Teachers Will Search Liquor in Bihar) सौंपे जाने के आदेश को बेतूका फरमान बताते हुए सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: बिहार में अब गुरुजी ढूंढेंगे शराब.. स्कूल कैंपस से लेकर गांव-कस्बों में भी एक्टिव रहेंगे मास्टर साहब

आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि सरकार द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यपकों, शिक्षकों, शिक्षिकाओं, शिक्षा सेवकों, तालीमी मरकज के शिक्षा सेवकों के साथ ही विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को गुपचुप तरीके से शराब पीने वालों और आपूर्ति करने वालों का पता लगाकर मधनिषेध विभाग को सूचित करने का आदेश जारी किया गया है.


चितरंजन गगन ने कहा कि राजद शिक्षकों के लाखों-लाख पद रिक्त रहने के कारण विद्यालयों में सही ढंग से पढ़ाई नहीं हो रहाी है. पहले से ही शिक्षकों से कई अन्य काम लिए जाते रहे हैं. कभी-कभी तो शिक्षकों की कमी की वजह से कई स्कूलों में ताला लटका रहता है. सरकार के इस नये फरमान से तो शिक्षा व्यवस्था ही पूर्ण रूप से ठप हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार को बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण काम शराबबंदी ही दिखाई पड़ रहा है. क्योंकि सरकारी स्कूलों में तो ज्यादातर गरीबों के बच्चे ही पढ़ते हैं.

ये भी पढ़ें: बिहार में शराबबंदी कानून: 6 साल में 3 लाख से ज्यादा केस दर्ज, सिर्फ 1200 लोगों को सजा, जानें वजह..


राजद प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर सरकार केवल तमाशा कर रही है. इस सरकार के पास शराबबंदी के नाम पर तमाशा करने के अलावा और दूसरा कोई काम ही नहीं है. सारा पुलिस प्रशासन इसी में लगा हुआ है, फिर भी शराब का अवैध कारोबार चल ही रहा है.

दरअसल स्कूल कैंपस में शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने नियमित अंतराल पर शिक्षा समिति की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है और स्कूलों को नया टास्क भी सौंपा है. जिसको लेकर आरजेडी ने सरकार पर हमला बोला है.

ये भी पढ़ें: बिहार में होगा शराबबंदी के सकारात्मक पक्ष का सर्वे, सियासी दलों की मांग- नकारात्मक पक्ष भी आना चाहिए सामने

ये भी पढ़ें: झुकेगी सरकार! बिहार में शराबबंदी कानून में होगा संशोधन, न्यायपालिका पर घटेगा बोझ

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पटना: शिक्षा विभाग ने नशाबंदी को लेकर सरकारी स्कूल के शिक्षकों को नया टास्क सौंपा है. जिस पर राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है और इसे नई नौटंकी करार दिया है. आरजेडी ने शिक्षकों को शराब ढूंढने का टास्क (Teachers Will Search Liquor in Bihar) सौंपे जाने के आदेश को बेतूका फरमान बताते हुए सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है.

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आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि सरकार द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यपकों, शिक्षकों, शिक्षिकाओं, शिक्षा सेवकों, तालीमी मरकज के शिक्षा सेवकों के साथ ही विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को गुपचुप तरीके से शराब पीने वालों और आपूर्ति करने वालों का पता लगाकर मधनिषेध विभाग को सूचित करने का आदेश जारी किया गया है.


चितरंजन गगन ने कहा कि राजद शिक्षकों के लाखों-लाख पद रिक्त रहने के कारण विद्यालयों में सही ढंग से पढ़ाई नहीं हो रहाी है. पहले से ही शिक्षकों से कई अन्य काम लिए जाते रहे हैं. कभी-कभी तो शिक्षकों की कमी की वजह से कई स्कूलों में ताला लटका रहता है. सरकार के इस नये फरमान से तो शिक्षा व्यवस्था ही पूर्ण रूप से ठप हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार को बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण काम शराबबंदी ही दिखाई पड़ रहा है. क्योंकि सरकारी स्कूलों में तो ज्यादातर गरीबों के बच्चे ही पढ़ते हैं.

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राजद प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर सरकार केवल तमाशा कर रही है. इस सरकार के पास शराबबंदी के नाम पर तमाशा करने के अलावा और दूसरा कोई काम ही नहीं है. सारा पुलिस प्रशासन इसी में लगा हुआ है, फिर भी शराब का अवैध कारोबार चल ही रहा है.

दरअसल स्कूल कैंपस में शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने नियमित अंतराल पर शिक्षा समिति की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है और स्कूलों को नया टास्क भी सौंपा है. जिसको लेकर आरजेडी ने सरकार पर हमला बोला है.

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