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Monsoon Session: सदन में RJD ने बदली रणनीति, नीतीश सरकार को 'सड़क' पर ला किया खड़ा - roads in bihar

बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन शांतिपूर्ण ढंग से तो चली. लेकिन, सदन में विपक्ष सड़क के मुद्दे को लेकर सरकार से जवाब मांगता रहा. प्रश्नकाल तक की पूरी कार्यवाही में सरकार सड़क पर ही जवाब देती रही. पढ़ें रिपोर्ट..

बिहार विधानसभा
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Published : Jul 28, 2021, 5:44 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में तीसरे दिन की कार्यवाही को लेकर राजद (RJD) ने ऐलान किया था कि वह सदन का बहिष्कार करेंगे, लेकिन पार्टी के सभी नेता सदन में डटे रहे. इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) की रणनीति बदली हुई दिखी. सदन में विपक्ष ने सरकार से सड़क को लेकर सवाल किया. कई सड़कें ऐसी भी हैं जिनको लेकर काम नहीं होने का आरोप भी लगाया.

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विपक्ष की बात तो दूर सदन में सत्ता पक्ष के लोगों ने भी सरकार पर सड़क के खराब होने और उसके न बनाए जाने को लेकर सवाल किया. बीजेपी के नेता नीतीश मिश्रा (Nitish Mishra) ने झंझारपुर से नेशनल हाईवे को जोड़ने वाली सड़क को लेकर सवाल किया. वहीं, शालिनी मिश्रा (Shalini Mishra) में नेशनल हाईवे बनने के कारण विस्थापित हो रहे लोगों को सड़क के किनारे बसाने और जहां बसाया गया है वहां पर सड़क नहीं होने को लेकर सवाल किया.

राजद की तरफ से जितने भी सवाल उठाए गए, सभी सवालों में सड़क का ही मामला था. विधानसभा की पूरी कार्रवाई में सारे मुद्दों ने सरकार को सदन में सड़क पर ही लाकर खड़ा कर दिया था. बिहार विधानसभा के तीसरे दिन के कामकाज में सड़क का मुद्दा सबसे ऊपर रहा.

ये भी पढ़ें- अधर में CM नीतीश का एक और 'ड्रीम प्रोजेक्ट', लोहिया पथ चक्र का डिजाइन बना अड़ंगा

विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janata Darbar) में सबसे ज्यादा मामले गांव और सड़क से जुड़े हुए ही आए थे. सदन में पथ निर्माण विभाग से जुड़े जितने मामले थे, उनका जवाब पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने दिया. लेकिन, उसके बाद ज्यादातर मामले गांव की सड़कों से जुड़े थे, जिसका जवाब श्रवण कुमार ने दिया.

वहीं, अगर नीतीश कुमार के जनता दरबार की बात करें तो शुरू के दो दर्जन से ज्यादा मामले गांव में सड़कों के न होने के ही आए थे, नीतीश कुमार 2 बजे तक लगभग सड़क से जुड़े मामलों पर ही लोगों की फरियाद सुनते रहे थे.

ये भी पढ़ें- एनएच के कई बड़े प्रोजेक्ट के सहारे बिहार की तस्वीर बदलने की तैयारी

सड़क के मुद्दे से विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए पुख्ता रणनीति बनाई थी, क्योंकि नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार के किसी कोने से पटना आने में सिर्फ 5 घंटे लगेंगे, लेकिन 5 किलोमीटर की दूरी 2 घंटे में तय करने पर जिस तरीके की बहस सदन में हुई और टूटी सड़कों को लेकर सरकार को जिस तरीके से सदन में जवाब देना पड़ा. जनता दरबार में जिस तरीके से सड़क के मुद्दे उठाए गए उससे एक बात तो साफ है कि विपक्ष ने सरकार के तमाम मुद्दों को सड़क के मुद्दों पर लाकर खड़ा कर दिया है.

अब देखने वाली बात यह होगी कि सदन में उठ रहे सड़क के मुद्दे को लेकर जिन विभागों के पास सड़क को बनाने की जिम्मेदारी है, वह पूरा कब तक करते हैं. नीतीश कुमार के 5 घंटे में पटना पहुंचने का सपना साकार कैसे होता है, क्योंकि सदन में अध्यक्ष ने कह दिया कि आपने जो कहा है उसे नोट कर लिया गया है. जनता दरबार में भी नीतीश कुमार ने कहा था कि आपकी बातें नोट करवा दी गई हैं, लेकिन यह नोट हुई बातें जमीन पर कब तक उतरेंगी इसका इंतजार पूरे बिहार को है.

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पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में तीसरे दिन की कार्यवाही को लेकर राजद (RJD) ने ऐलान किया था कि वह सदन का बहिष्कार करेंगे, लेकिन पार्टी के सभी नेता सदन में डटे रहे. इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) की रणनीति बदली हुई दिखी. सदन में विपक्ष ने सरकार से सड़क को लेकर सवाल किया. कई सड़कें ऐसी भी हैं जिनको लेकर काम नहीं होने का आरोप भी लगाया.

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विपक्ष की बात तो दूर सदन में सत्ता पक्ष के लोगों ने भी सरकार पर सड़क के खराब होने और उसके न बनाए जाने को लेकर सवाल किया. बीजेपी के नेता नीतीश मिश्रा (Nitish Mishra) ने झंझारपुर से नेशनल हाईवे को जोड़ने वाली सड़क को लेकर सवाल किया. वहीं, शालिनी मिश्रा (Shalini Mishra) में नेशनल हाईवे बनने के कारण विस्थापित हो रहे लोगों को सड़क के किनारे बसाने और जहां बसाया गया है वहां पर सड़क नहीं होने को लेकर सवाल किया.

राजद की तरफ से जितने भी सवाल उठाए गए, सभी सवालों में सड़क का ही मामला था. विधानसभा की पूरी कार्रवाई में सारे मुद्दों ने सरकार को सदन में सड़क पर ही लाकर खड़ा कर दिया था. बिहार विधानसभा के तीसरे दिन के कामकाज में सड़क का मुद्दा सबसे ऊपर रहा.

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विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janata Darbar) में सबसे ज्यादा मामले गांव और सड़क से जुड़े हुए ही आए थे. सदन में पथ निर्माण विभाग से जुड़े जितने मामले थे, उनका जवाब पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने दिया. लेकिन, उसके बाद ज्यादातर मामले गांव की सड़कों से जुड़े थे, जिसका जवाब श्रवण कुमार ने दिया.

वहीं, अगर नीतीश कुमार के जनता दरबार की बात करें तो शुरू के दो दर्जन से ज्यादा मामले गांव में सड़कों के न होने के ही आए थे, नीतीश कुमार 2 बजे तक लगभग सड़क से जुड़े मामलों पर ही लोगों की फरियाद सुनते रहे थे.

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सड़क के मुद्दे से विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए पुख्ता रणनीति बनाई थी, क्योंकि नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार के किसी कोने से पटना आने में सिर्फ 5 घंटे लगेंगे, लेकिन 5 किलोमीटर की दूरी 2 घंटे में तय करने पर जिस तरीके की बहस सदन में हुई और टूटी सड़कों को लेकर सरकार को जिस तरीके से सदन में जवाब देना पड़ा. जनता दरबार में जिस तरीके से सड़क के मुद्दे उठाए गए उससे एक बात तो साफ है कि विपक्ष ने सरकार के तमाम मुद्दों को सड़क के मुद्दों पर लाकर खड़ा कर दिया है.

अब देखने वाली बात यह होगी कि सदन में उठ रहे सड़क के मुद्दे को लेकर जिन विभागों के पास सड़क को बनाने की जिम्मेदारी है, वह पूरा कब तक करते हैं. नीतीश कुमार के 5 घंटे में पटना पहुंचने का सपना साकार कैसे होता है, क्योंकि सदन में अध्यक्ष ने कह दिया कि आपने जो कहा है उसे नोट कर लिया गया है. जनता दरबार में भी नीतीश कुमार ने कहा था कि आपकी बातें नोट करवा दी गई हैं, लेकिन यह नोट हुई बातें जमीन पर कब तक उतरेंगी इसका इंतजार पूरे बिहार को है.

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