पटना: बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में भगवान राम और जात पात का जिक्र राजनीति का यूएसपी बन गया है. इन्हीं मुद्दों पर एक बार फिर से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो जीतन राम मांझी सुर्खियों में हैं. जीतन राम मांझी ने हाल ही में एक बयान दिया है कि भगवान राम (Jitan Ram Manjhi statement on God Ram) तुलसीदास के काव्य के काल्पनिक चरित्र भर हैं और वह कोई भगवान नहीं है. वहीं सवर्ण जाति को लेकर टिप्पणी किया है कि सवर्ण जाति के लोग भारत के मूल निवासी नहीं हैं और वह विदेशी हैं. वहीं मांझी के बयान पर सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष (RJD on jitan ram manjhi) भी हमलावर है.
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मांझी पर आरजेडी का हमला: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता बंटू सिंह (RJD Spokesperson Bantu Singh) ने कहा कि जीतन राम मांझी हल्के बयान देने के लिए ही जाने जाते हैं और उनके बयान का कोई महत्व नहीं होता है. वह अपने बयान पर अडिग नहीं रहते हैं. वह नीतीश कुमार के इशारों पर अपने बयान देते रहते हैं और इससे साफ पता चलता है कि सरकार में शामिल भाजपा और जदयू के बीच के रिश्ते क्या हैं. उन्होंने कहा कि माझी जी पुराने नेता और बुजुर्ग हैं, उन्हें संभल कर बयान देने चाहिए.
"भगवान राम पर जो अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं वह गलत है, लेकिन भगवान राम को राजनीति के लिए भाजपा ने हाईजैक किया हुआ है. ऐसे में भाजपा इस मसले पर मांझी जी से सवाल पूछे और बताएं कि ऐसे लोगों के साथ वह सरकार में शामिल क्यों है? मांझी इन दिनों अनाप-शनाप बोल रहे हैं क्योंकि उनका कोई राजनीतिक जनाधार नहीं बचा है. बिहार में काफी सारे बुजुर्ग नेता ऐसे हैं जिनका दिमाग सठिया चुका है और उनमें से मांझी भी एक हैं. वाजिब मुद्दे को भटकाने के लिए इस प्रकार के बयान वह दे रहे हैं जिसे प्रदेश की जनता भली-भांति समझ रही है."- बंटू सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, आरजेडी
'सत्ता की राजनीति कर रहे मांझी': बंटू सिंह ने आगे कहा कि कि सवर्ण जाति को लेकर भी मांझी अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं. राजद राम, परशुराम, कृष्ण और रहीम सभी को मानती है और सभी का सम्मान करती है. इसके अलावा सभी जाति के लोगों का राजद को समर्थन प्राप्त हो रहा है. ऐसे में जीतन राम मांझी पागल हैं. राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए अनाप-शनाप बोल रहे हैं. वह समाज की राजनीति करने की बजाय सत्ता की राजनीति कर रहे हैं और अपने बेटे को मंत्री बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश के आगे नतमस्तक हो गए हैं. जीतन राम मांझी को अनाप-शनाप बोलने के बजाय प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे और युवाओं के लिए रोजगार के क्षेत्र में कैसे अधिक से अधिक काम हो इस पर बोलना चाहिए.
बोचहां सीट पर जीत का दावा: बोचहां विधानसभा सीट पर उपचुनाव के परिणाम के बारे में बोलते हुए आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि शनिवार को जब परिणाम आएगा तो वह राजद के पक्ष में होगा. काफी अधिक मतों से राजद प्रत्याशी अमर पासवान की जीत होगी. बोचहां में सभी वर्गों का राजद को भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ है. इसके बाद आने वाले दिनों में प्रदेश में खेला होगा और इसकी अगुवाई उनके नेता तेजस्वी यादव करेंगे.
'राम तुलसीदास और वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे': दरअसल जीतनराम मांझी ने गुरुवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती और माता सवरी महोत्सव समारोह में कहा था कि वे गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते, राम कोई भगवान नहीं थे. वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे. उन्होंने कहा कि महाकाव्य में बहुत सी अच्छी बात है, उसको हम मानते हैं. अगर आप कहते हैं कि राम को मानते हैं, तो यह दोनों बात नहीं चलेगी. हम राम को भगवान नहीं मानते हैं.
ब्राह्मणों पर दिया था विवादित बयानः इससे पहले भी कई बार जीतन राम मांझी ने भगवान राम और ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं, जिससे उनकी काफी किरकरी हुई थी. मांझी ने कहा था कि ब्राह्मण मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं ऐसे ब्राह्मणों से पूजा-पाठ कराना पाप है. वहीं, भगवान राम को नकारते हुए कहा कि राम केवल गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे. पूर्व सीएम ने सुर्खियां बटोरने के लिए एक बार फिर से ब्राह्मण और भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है.
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