पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति गर्म हो गई है. इस मुलाकात के बाद राजद (RJD) ने सीधे-सीधे भाजपा (BJP) पर हमला बोल दिया है. राजद ने कहा है कि चाचा-भतीजे की मुलाकात के बाद भाजपा नेताओं के पेट में दर्द होने लगा है.
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"जातीय जनगणना पर महागठबंधन के साथ जदयू का भी एक ही राय है, जबकि भाजपा इसका विरोध कर रही है. चाचा-भतीजे की मुलाकात के बाद भाजपा खेमे में खलबल मची हुई है. भाजपा नेताओं के पेट में दर्द होने लगा है. जातीय जनगणना इसलिए जरूरी है कि इससे सभी वर्ग के लोगों की जानकारी मिलेगी और उनकी हिस्सेदारी भी मिल सकेगी."- मुकेश रौशन, राजद विधायक
"जातीय जनगणना 2011 में हुई थी. महमोहन सिंह की सरकार थी. उस समय आंकड़े क्यों नहीं प्रस्तुत किए गए? उस समय आंकड़े के लिए लालू यादव धरने पर बैठे थे, उसका क्या हुआ? विपक्ष को याद नहीं है क्या? असल में इनकी मंशा नहीं है कुछ करने का. केन्द्र सरकार सबका साथ और विकास चाहती है. हम देश की 135 करोड़ जनता की चिंता करने वाले लोग हैं. चाचा-भतीजे की मुलाकात को हम मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच की मुलाकात के रूप में देखते हैं."- हरिभूषण ठाकुर बचौल, भाजपा विधायक
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बताते चलें कि बिहार में जातीय जनगणना का जहां जदयू और राजद पक्षधर है, वहीं भाजपा इसके पक्ष में नहीं है. जनसंख्या नियंत्रण कानून का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुले तौर पर विरोध किया है, तो वहीं भाजपा लगातार इसे जरूरी बता रही है. अब देखना यह होगा कि जनता और देश के विकास के हित में केन्द्र और राज्य सरकारें इन दोनों मसले पर क्या फैसला लेती है.