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अब हाईकोर्ट की शरण में RJD के हारे हुए प्रत्याशी, वोटों की फिर से गिनती की मांग

पूर्व विधायक शक्ति यादव इस बार हिलसा विधानसभा से चुनाव में महज 13 वोटों के अंतर से हार गए. हालांकि वह हार स्वीकार करने को तैयार नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि उन्हें प्रशासन और सरकार की मिलीभगत से हराया गया है.

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Published : Nov 23, 2020, 4:57 PM IST

पटना: आरजेडी के हारे हुए प्रत्याशी अब पटना हाईकोर्ट की शरण में जा रहे हैं. पूर्व विधायक शक्ति यादव ने तो इस मामले में पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में खुद शक्ति यादव ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और बिहार निर्वाचन आयोग को भी कटघरे में खड़ा किया है.

पूर्व विधायक शक्ति यादव इस बार हिलसा विधानसभा चुनाव में महज 13 वोटों के अंतर से हार गए. हालांकि वह हार स्वीकार करने को तैयार नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि उन्हें प्रशासन और सरकार की मिलीभगत से हराया गया है. शक्ति यादव ने भरोसा जताया है कि हाईकोर्ट से उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.

पूर्व विधायक शक्ति यादव के साथ खात बातचीत

पटना हाईकोर्ट की शरण में पूर्व विधायक शक्ति यादव
महागठबंधन को विधानसभा सीटों पर गड़बड़ी की आशंका है. उनमें हिलसा, बछवारा, भोरे, बरबीघा, चकाई, मुंगेर, परबत्ता, सकरा, झाझा और महिषी विधानसभा सीटें हैं. आरजेडी के पूर्व विधायक शक्ति यादव ने कहा कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से फिर से मतों की गिनती की गुहार लगाई थी. लेकिन निर्वाचन आयोग ने इससे इंकार कर दिया. इसलिए अब वे पटना हाईकोर्ट की शरण में गए हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि वहां से उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.

महागठबंधन के कम वोटों से हारें 10 उम्मीदवारों की सूची

  • हिलसा विधानसभा सीट जेडीयू के कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया ने आरजेडी के शक्ति सिंह यादव को महज 12 वोटों से हराया था.
  • बेगूसराय के बछवारा विधानसभा सीट पर बीजेपी के सुरेंद्र मेहता ने सीपीआई के अवधेश कुमार राय को महज 464 वोटों से हराया.
  • गोपालगंज जिले की भोरे विधानसभा सीट पर जेडीयू के प्रत्याशी सुनील कुमार ने महागठबंधन की सहयोगी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माले) के जितेंद्र पासवान को 462 वोटों से हराया.
  • शेखपुरा के बरबीघा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार गजानंद शाही जेडीयू के सुदर्शन कुमार से महज 113 वोटों से हार गए.
  • चकाई विधानसभा सीट पर आरजेडी प्रत्याशी सावित्री देवी को निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह ने 581 वोटों से हराया.
  • मुंगेर विधानसभा सीट पर आरजेडी उम्मीदवार अविनाश कुमार विद्यार्थी को बीजेपी प्रत्याशी प्रणव कुमार ने 1244 वोटों से हराया था.
  • परबत्ता विधानसभा सीट पर आरजेडी के प्रत्याशी दिगंबर प्रसाद तिवारी को जेडीयू के संजीव कुमार से 951 वोटों से हराया.
  • सकरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उमेश कुमार राम को जेडीयू के अशोक कुमार ने 1537 मतों से चुनाव हरा दिया.
  • झाझा विधानसभा सीट पर आरजेडी के राजेंद्र प्रसाद को जेडीयू के दामोदर रावत ने 1679 मतों हराया.
  • सहरसा जिले की महिषी विधानसभा सीट से जेडीयू के गंजेश्वर शाह ने आरजेडी के उम्मीदवार गौतम कृष्णा को 630 वोटों से हराया.

हारे हुए कैंडिडेट में आरजेडी की संख्या ज्यादा
बता दें कि हारे हुए कैंडिडेट में आरजेडी की संख्या ज्यादा है. हारे हुए 21 प्रत्याशियों में आरजेडी के 14, सीपीआई माले के 3, सीपीआई के 1 और कांग्रेस पार्टी के 3 उम्मीदवार हैं.

हालांकि 10 नवंबर को मतगणना के दिन भी महागठबंधन के उम्मीदवारों ने ईवीएम में पड़े वोट और वीवीपीएटी की पर्ची में मिलान कराने पर जोर दिया था. लेकिन उस दिन दोबारा मतगणना नहीं हो सकी. 40 दिनों तक वीवीपीएटी और ईवीएम का डाटा संभाल कर रखा जाता है. ऐसे में कोई भी प्रत्याशी इस दौरान कोर्ट जा सकता है और दोबारा अपने मतों की जांच करवा सकता है.

पटना: आरजेडी के हारे हुए प्रत्याशी अब पटना हाईकोर्ट की शरण में जा रहे हैं. पूर्व विधायक शक्ति यादव ने तो इस मामले में पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में खुद शक्ति यादव ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और बिहार निर्वाचन आयोग को भी कटघरे में खड़ा किया है.

पूर्व विधायक शक्ति यादव इस बार हिलसा विधानसभा चुनाव में महज 13 वोटों के अंतर से हार गए. हालांकि वह हार स्वीकार करने को तैयार नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि उन्हें प्रशासन और सरकार की मिलीभगत से हराया गया है. शक्ति यादव ने भरोसा जताया है कि हाईकोर्ट से उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.

पूर्व विधायक शक्ति यादव के साथ खात बातचीत

पटना हाईकोर्ट की शरण में पूर्व विधायक शक्ति यादव
महागठबंधन को विधानसभा सीटों पर गड़बड़ी की आशंका है. उनमें हिलसा, बछवारा, भोरे, बरबीघा, चकाई, मुंगेर, परबत्ता, सकरा, झाझा और महिषी विधानसभा सीटें हैं. आरजेडी के पूर्व विधायक शक्ति यादव ने कहा कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से फिर से मतों की गिनती की गुहार लगाई थी. लेकिन निर्वाचन आयोग ने इससे इंकार कर दिया. इसलिए अब वे पटना हाईकोर्ट की शरण में गए हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि वहां से उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.

महागठबंधन के कम वोटों से हारें 10 उम्मीदवारों की सूची

  • हिलसा विधानसभा सीट जेडीयू के कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया ने आरजेडी के शक्ति सिंह यादव को महज 12 वोटों से हराया था.
  • बेगूसराय के बछवारा विधानसभा सीट पर बीजेपी के सुरेंद्र मेहता ने सीपीआई के अवधेश कुमार राय को महज 464 वोटों से हराया.
  • गोपालगंज जिले की भोरे विधानसभा सीट पर जेडीयू के प्रत्याशी सुनील कुमार ने महागठबंधन की सहयोगी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माले) के जितेंद्र पासवान को 462 वोटों से हराया.
  • शेखपुरा के बरबीघा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार गजानंद शाही जेडीयू के सुदर्शन कुमार से महज 113 वोटों से हार गए.
  • चकाई विधानसभा सीट पर आरजेडी प्रत्याशी सावित्री देवी को निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह ने 581 वोटों से हराया.
  • मुंगेर विधानसभा सीट पर आरजेडी उम्मीदवार अविनाश कुमार विद्यार्थी को बीजेपी प्रत्याशी प्रणव कुमार ने 1244 वोटों से हराया था.
  • परबत्ता विधानसभा सीट पर आरजेडी के प्रत्याशी दिगंबर प्रसाद तिवारी को जेडीयू के संजीव कुमार से 951 वोटों से हराया.
  • सकरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उमेश कुमार राम को जेडीयू के अशोक कुमार ने 1537 मतों से चुनाव हरा दिया.
  • झाझा विधानसभा सीट पर आरजेडी के राजेंद्र प्रसाद को जेडीयू के दामोदर रावत ने 1679 मतों हराया.
  • सहरसा जिले की महिषी विधानसभा सीट से जेडीयू के गंजेश्वर शाह ने आरजेडी के उम्मीदवार गौतम कृष्णा को 630 वोटों से हराया.

हारे हुए कैंडिडेट में आरजेडी की संख्या ज्यादा
बता दें कि हारे हुए कैंडिडेट में आरजेडी की संख्या ज्यादा है. हारे हुए 21 प्रत्याशियों में आरजेडी के 14, सीपीआई माले के 3, सीपीआई के 1 और कांग्रेस पार्टी के 3 उम्मीदवार हैं.

हालांकि 10 नवंबर को मतगणना के दिन भी महागठबंधन के उम्मीदवारों ने ईवीएम में पड़े वोट और वीवीपीएटी की पर्ची में मिलान कराने पर जोर दिया था. लेकिन उस दिन दोबारा मतगणना नहीं हो सकी. 40 दिनों तक वीवीपीएटी और ईवीएम का डाटा संभाल कर रखा जाता है. ऐसे में कोई भी प्रत्याशी इस दौरान कोर्ट जा सकता है और दोबारा अपने मतों की जांच करवा सकता है.

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