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जेपी के सर्टिफिकेट से शीर्ष पर पहुंची बीजेपी और आरएसएसः शिवानंद तिवारी

समाजवादियों को जयप्रकाश नारायण आज खटक रहे हैं. लोहिया वादी और समाजवादियों का एक समूह ऐसा है जो यह मानता है कि जेपी की एक गलती ने भाजपा को देश के अंदर चरम पर पहुंचा दिया.

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Published : Oct 8, 2019, 4:34 PM IST

शिवानंद तिवारी

पटना: संपूर्ण क्रांति आंदोलन के महानायक जयप्रकाश नारायण को आज पूरा देश याद कर रहा है. उनकी उपलब्धियों की चर्चा हो रही है. लेकिन लोहिया वादी और समाजवादी नेता जेपी के एक गलती से दुखी हैं. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का मानना है कि पटना के छात्र आंदोलन में ही इसकी झलक दिख गई थी.

shivanand tiwari
राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी का कहना है कि जेपी के छात्र आंदोलन में एबीवीपी ने बढ़चढ़ का हिस्सा लिया जो आरआरएस का अंग है. 1974 के आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सहयोग किया. आरजेडी नेता कहते हैं कि अगर जयप्रकाश नारायण संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान एक गलती ना की होती तो आज बीजेपी यहां नहीं पहुंच पाती. शिवानंद तिवारी ने बताया कि 1974 के आंदोलन के दौरान जेपी ने एबीवीपी का सहयोग करते हुए कहा था कि आरआरएस फासिस्ट है तो मैं भी फासिस्ट हूं.

patna
जयप्रकाश नारायण (फाइल)

लोहिया ने भी समझौता कर की थी गलती
आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि बड़े लोगों की एक छोटी गलती का परिणाम बड़ा होता है. बीजेपी और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के बीच हुए समझौते का जिक्र करते हुए शिवानंद ने बताया कि उनके इस कदम का मधु लिमये ने विरोध किया. मधु ने कहा था कि ये लोग फासिस्ट लोग हैं. इनसे हाथ मिलाना ठीक नहीं है. हालांकि लोहिया ने इसे एक प्रयोग के तौर पर लिया. हालांकि जेपी के आंदोलन के बाद तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई.

जयप्रकाश नारायण पर प्रतिक्रिया देते शिवानंद तिवारी

RSS-ABVP से मेलजोल बढ़ा रहे थे जेपी
आरजेडी उपाध्यक्ष के मुताबिक जेपी के आंदोलन में एबीवीपी और जनता युवा मोर्चा के छात्र एक जगह रहते थे जबकि बाकी संगठन अलग. इसकी शिकायत जयप्रकाश से की गई. जेपी ने छात्र संगठनों के बीच सुलह का जिम्मा नारायण भाई देसाई को दिया. आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि जब आंदोलन के दौरान जेपी आरएसएस अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से मेलजोल बढ़ा रहे थे तब हम लोगों ने उसका विरोध भी किया था.

RSS के कारण जनता पार्टी में टूट
शिवानंद तिवारी के मुताबिक आरआरएस को लेकर जेपी की टिप्पणी, आरआरएस फासिस्ट है तो मैं भी फासिस्ट हूं ने प्रमाणपत्र दे दिया. यहीं से आरएसएस के ताकत में बढ़ोतरी हुई. उन्होंने बताया कि आरएसएस के सवाल पर ही जनता पार्टी के दो टुकड़े हुए.

पटना: संपूर्ण क्रांति आंदोलन के महानायक जयप्रकाश नारायण को आज पूरा देश याद कर रहा है. उनकी उपलब्धियों की चर्चा हो रही है. लेकिन लोहिया वादी और समाजवादी नेता जेपी के एक गलती से दुखी हैं. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का मानना है कि पटना के छात्र आंदोलन में ही इसकी झलक दिख गई थी.

shivanand tiwari
राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी का कहना है कि जेपी के छात्र आंदोलन में एबीवीपी ने बढ़चढ़ का हिस्सा लिया जो आरआरएस का अंग है. 1974 के आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सहयोग किया. आरजेडी नेता कहते हैं कि अगर जयप्रकाश नारायण संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान एक गलती ना की होती तो आज बीजेपी यहां नहीं पहुंच पाती. शिवानंद तिवारी ने बताया कि 1974 के आंदोलन के दौरान जेपी ने एबीवीपी का सहयोग करते हुए कहा था कि आरआरएस फासिस्ट है तो मैं भी फासिस्ट हूं.

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जयप्रकाश नारायण (फाइल)

लोहिया ने भी समझौता कर की थी गलती
आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि बड़े लोगों की एक छोटी गलती का परिणाम बड़ा होता है. बीजेपी और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के बीच हुए समझौते का जिक्र करते हुए शिवानंद ने बताया कि उनके इस कदम का मधु लिमये ने विरोध किया. मधु ने कहा था कि ये लोग फासिस्ट लोग हैं. इनसे हाथ मिलाना ठीक नहीं है. हालांकि लोहिया ने इसे एक प्रयोग के तौर पर लिया. हालांकि जेपी के आंदोलन के बाद तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई.

जयप्रकाश नारायण पर प्रतिक्रिया देते शिवानंद तिवारी

RSS-ABVP से मेलजोल बढ़ा रहे थे जेपी
आरजेडी उपाध्यक्ष के मुताबिक जेपी के आंदोलन में एबीवीपी और जनता युवा मोर्चा के छात्र एक जगह रहते थे जबकि बाकी संगठन अलग. इसकी शिकायत जयप्रकाश से की गई. जेपी ने छात्र संगठनों के बीच सुलह का जिम्मा नारायण भाई देसाई को दिया. आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि जब आंदोलन के दौरान जेपी आरएसएस अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से मेलजोल बढ़ा रहे थे तब हम लोगों ने उसका विरोध भी किया था.

RSS के कारण जनता पार्टी में टूट
शिवानंद तिवारी के मुताबिक आरआरएस को लेकर जेपी की टिप्पणी, आरआरएस फासिस्ट है तो मैं भी फासिस्ट हूं ने प्रमाणपत्र दे दिया. यहीं से आरएसएस के ताकत में बढ़ोतरी हुई. उन्होंने बताया कि आरएसएस के सवाल पर ही जनता पार्टी के दो टुकड़े हुए.

Intro:समाजवादियों को जयप्रकाश नारायण आज खटक रहे हैं लोहिया वादी और समाजवादियों का एक समूह ऐसा है जो यह मानता है कि जेपी की एक गलती ने भाजपा को देश के अंदर चरम पर पहुंचा दिया


Body:संपूर्ण क्रांति आंदोलन के महानायक जयप्रकाश नारायण को आज देश याद कर रहा है उनके उपलब्धियों की चर्चा हो रही है लेकिन लोहिया वादी और समाजवादियों को जीपी एक गलती आज भी खटक रही है


Conclusion: शिवानंद तिवारी सरीखे नेताओं का मानना है कि जयप्रकाश नारायण नगर संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान एक गलती ना की होती तो आज भाजपा यहां नहीं पहुंच पाती शिवानंद तिवारी ने कहा कि 1974 के आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सहयोग किया और उसी दौरान जयप्रकाश नारायण ने कहा था कि अगर r.s.s. फासिस्ट है तो मैं भी फासिस्ट हूं और उसी का फायदा आज तक आर एस एस और भाजपा के लोगों ने उठाया उसी की परिणति है कि आज केंद्र में भाजपा और संघ इतनी ताकतवर है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि जब आंदोलन के दौरान जीपी आरएसआर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से मेलजोल बढ़ा रहे थे तब हम लोगों ने उसका विरोध भी किया था
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