पटनाः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में आज वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया. बजट से बिहार के लोगों को भी काफी उम्मीदें थीं. इसे लेकर लोगों की अब अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह (RJD Leader Jagdanand Singh On Union Budget) ने इसे एक बार फिर झूठ का पुलिंदा करार दिया और कहा कि बिहार के लिए ये बजट अत्यंत निराशाजनक है, क्योंकि बिहार को इससे कुछ भी नहीं मिला.
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'अगर केंद्र सरकार ने 60 लाख लोगों को रोजगार की बात की है, तो यह बताना चाहिए कि किस सेक्टर के जरिए वे यह नौकरियां देंगे. क्योंकि सराकर पहले भी दो करोड़ नौकरी देने का जुमला दे चुकी है. लेकिन लोगों के हाथ कुछ नहीं लगा. बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां चली गईं उसका हिसाब कौन देगा'- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, राजद
वरिष्ठ राजद नेता ने साफ कहा कि जितनी बार भी नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट पेश किया है. यह हर बार झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है. विशेष राज्य के दर्जा को लेकर जगदानंद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा है कि आखिर वह किसके सामने रोना रो रहे हैं, उनकी पार्टी खुद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल है, तो इस बात का दिखावा क्यों कर रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला.
जगदानंद सिंह ने यह भी कहा है कि नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि जब हमारी सरकार थी और हमने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी, तब वे वाजपेयी की एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री थे. उस वक्त उन्होंने बिहार का साथ क्यों नहीं दिया था और अब दिखावा कर रहे हैं.
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बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया. इस बार इलेक्ट्रोनिक्स पर लगने वाले टैक्स में छूट मिली है. वहीं रत्न और आभूषण पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. नकली गहनों पर कस्टम ड्यूटी 400 रुपये प्रति किलो की गई. वहीं, आम आदमी को इस बजट में इनकम टैक्स पर कोई राहत नहीं मिली. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
वहीं, सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया है. दिव्यागों को भी कर राहत का ऐलान किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% की जाएगी.
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