पटना: कोरोना वायरस के कहर से पूरा देश कराह रहा है और इसके खिलाफ जंग जारी है. लॉकडाउन होने के कारण बड़ी संख्या में बिहारी छात्र कोटा में फंसे हुए हैं और लगातार सरकार से वो घर वापस बुलाने की मांग कर रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छात्रों की इस समस्या पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. इसके बाद मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने मांग की है कि जो बिहार के छात्र राजस्थान में फंसे हैं, उसे वापस लाने के लिए सरकार पहल करें.
'बिहार के छात्रों की चिंता करे सरकार'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के कोटा में फंसे अपने राज्य के छात्रों को वापस बुलाने का फैसला लिया है. अब बिहार छात्रों को भी वापस बुलाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि बिहार के हजारों छात्र कोटा में इस समय परेशान हैं, उन्हें जल्द वापस लाने के लिए सरकार पहल करे.
बंदरबांट करना चाहती है सरकार- आरजेडी
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि हम लोग राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को लेकर चिंतित हैं. लेकिन नीतीश सरकार को इन सब बातों की कोई चिंता नहीं है कि छात्र वहां किस हाल में रह रहे हैं. मेरी मांग है कि जो भी छात्र राजस्थान के कोटा में फंसे हैं. उन्हें बिहार सरकार वापस बुलाने के लिए शीघ्र पहल करें. राजद नेता ने कहा कि कोरोना के नाम पर हम लोगों ने दिल खोलकर अंशदान दिया है, लेकिन उस पैसे का सरकार दुरुपयोग करने की नियत से काम कर रही है.
'लॉकडाउन का माखौल उड़ाने वाला फैसला'
बता दें कि यूपी सरकार की ओर से कोटा में बस भेजने की खबर आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया कि क्या वे भी कोटा बस भेजेंगे. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि यह लॉकडाउन का माखौल उड़ाने वाला फैसला है. बस भेजने का फैसला पूरी तरह से लॉकडाउन के सिद्धांतों को धता बताने वाला है. साथ ही सीएम नीतीश ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि वह बसों का परमिट वापस लें. कोटा में जो छात्र जहां हैं उनकी सुरक्षा वहीं की जाए.