पटनाः बिहार में महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) ने 24 अगस्त को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. उससे पहले विजय सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष पद से 24 अगस्त को ही अपने संबोधन के बाद इस्तीफा दे दिया था. अब बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी (Awadh Bihari Chaudhary Nomination For Speaker) आज 12 बजे तक नामांकन करेंगे. अभी जदयू कोटे से आने वाले उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी कार्यकारी स्पीकर की भूमिका निभा रहे हैं. नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कल यानी 26 अगस्त को होगा.
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महागठबंधन दल के सभी नेता रहेंगे मौजूदः विधानसभा अध्यक्ष पद के नॉमिनेशन के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन दल के सभी नेता मौजूद रहेंगे. आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी का निर्विरोध चुना जाना तय है क्योंकि विपक्ष में बीजेपी अकेले पार्टी है और संख्या बल के हिसाब से केवल 76 विधायक हैं. जबकि महागठबंधन के 7 दलों के पास कुल 164 विधायकों का समर्थन है और एआईएमआईएम के एक विधायक भी महागठबंधन को ही सपोर्ट कर रहे हैं, तो इसलिए संख्या बल को लेकर कहीं कोई परेशानी नहीं है. अवध बिहारी चौधरी असानी से चुनाव जीत जाएंगे. बीजेपी की तरफ से कोई नामांकन करेगा, इसकी उम्मीद कम ही है.
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26 अगस्त को भी बुलाई गई विधानसभा की कार्यवाहीः विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए ही विधानसभा की कार्यवाही 26 अगस्त को भी बुलाई गई है. दूसरी तरफ आज बिहार विधान परिषद के सभापति पद की कुर्सी देवेश चंद्र ठाकुर संभाल लेंगे और इस मौके पर भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ सभी दलों के नेता के मौजूद रहने की संभावना है. विधान परिषद के कार्यकारी सभापति पद पर फिलहाल बीजेपी कोटे से आने वाले अवधेश नारायण सिंह विराजमान हैं, लेकिन अब जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर सभापति की कुर्सी संभालेंगे और सभापति पद के चुनाव के लिए आज विधान परिषद का विशेष सत्र बुलाया गया है.
विजय सिन्हा ने की इस्तीफा देने में देरीः आपको बता दें कि इससे पहले विजय कुमार सिन्हा ने सत्तापक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद इस्तीफा देने में काफी देरी की और कई दिनों तक अड़े रहे. जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था उसे भी उन्होंने गलत बताते हुए अस्वीकार कर दिया था. उनका कहना था कि उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण और निराधार आरोप लगाए गए हैं. स्पीकर पद को लेकर कई दिनों तक असमंजस की स्थिति बनी रही. पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से सख्त बयानबयाजी हुई. बता यहां तक होने लगी की क्या नीतीश सरकार का फ्लोर टेस्ट विजय सिन्हा ही कराएंगे. लेकिन बुधवार को फ्लोर टेस्ट से पहले विजय सिन्हा ने स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया. अब बीजेपी ने विजय सिन्हा को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है.
ऐसा रहा पहले विधानसभा अध्यक्ष का कार्यकालः बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा हमेशा सुर्खियों में बने रहे हैं चाहे मुख्यमंत्री से लखीसराय मामले को बार-बार उठाने को लेकर गरमा गरम बहस का मामला हो जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह मामला कोर्ट का है जो कोर्ट की चीजें हैं उसे सदन में नहीं लाई जा सकती है तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि सदन ऐसे नहीं चलेगा और विजय सिन्हा ने कहा था कि सदन कैसे चलेगा वही बता दीजिए. यही नहीं बीजेपी मंत्री सम्राट चौधरी के व्याकुल नहीं होने वाले सलाह पर भी खूब बवाल मचा था. दोनों मामले में विजय सिन्हा नाराज हो गए थे और मुख्यमंत्री को जाकर बैठक करनी पड़ी थी और सम्राट चौधरी को भी माफी मांगने पड़ी थी विजय सिन्हा के कार्यकाल में पिछले साल सदन के अंदर और बाहर विधायकों पर पुलिसिया कार्रवाई हुई थी लेकिन अपने कार्यकाल में विजय सिन्हा बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह के 1 साल के कार्यक्रम का पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद से उद्घाटन कराया था तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समापन कराया था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी इस दौरान विधान सभा बुलाकर संबोधन कार्यक्रम कराया था तो यह बड़ी उपलब्धि भी विजय सिन्हा के नाम रही है. अब विधानसभा अध्यक्ष पद से विजय सिन्हा की विदाई कैसे होती है इस पर सबकी नजर है.