पटना: राष्ट्रीय जनता दल की एक और कोशिश बेकार चली गई. इस बार तो खुद राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गठबंधन को लेकर ओपन ऑफर दे दिया था. हालांकि पिछले 1 साल में कई बार इस तरह के प्रयास हो चुके हैं. खुद लालू यादव ने विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी विधायक और उसके बाद मांझी और सहनी तक को फोन करके साथ देने को कहा था. लेकिन हर बार सरकार बनाने की राजद की कोशिश बेकार (RJD Could Not Form In Bihar Government) हो रही है.
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शुरुआत कुछ इस कदर हुई कि वर्ष 2020 के नवंबर महीने में 10 जनवरी को जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए, तो राजद गठबंधन एनडीए से मुकाबले में कुछ पीछे रह गया. इसके बाद लालू यादव का ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें वे बीजेपी के एक नवनिर्वाचित विधायक को प्रलोभन देते नजर आए. बात यहीं खत्म नहीं हुई. लालू यादव की ओर से ऑफर मिलने का दावा बाद में जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी ने भी किया. लेकिन लालू यादव की यह पूरी कोशिश बेकार चली गई.
इसके बाद जब वे जेल से बाहर आए, तो फिर राजद ने अपनी कोशिशें शुरू की. लेकिन फिर भी कोई फायदा नहीं मिला. हाल में राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के जरिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार को ओपन ऑफर दे दिया गया. लेकिन राजद की यह कोशिश भी काम ना आयी.
'तेजस्वी तो एक साल से ही प्रयास कर रहे हैं. उनके पिता लालू यादव तो 2005 से ही साथ आने की जुगाड़ में लगे हैं. बीच में भूलवश कुछ वक्त के लिए सीएम नीतीश कुमार जरूर लालू के साथ चले गए लेकिन अब यह गलती दोबारा नहीं होने वाली है.' -नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
'महागठबंधन के कुछ साथी लगातार सीएम नीतीश कुमार के साथ जाकर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यह कहीं से उचित नहीं है. जो मैनडेट मिला है, उसे स्वीकार करना चाहिए और अगले विधानसभा चुनाव का इंतजार करना चाहिए.' -प्रेमचंद्र मिश्र, कांग्रेस नेता
'दरअसल विधानसभा का गणित ही कुछ ऐसा है कि वह राजद को बार-बार कोशिश करने के लिए मजबूर कर रहा है. ये अलग बात है कि उनकी हर कोशिश नाकाम साबित हुई है. अगर राजद कांग्रेस और जदयू एक साथ आएंगे तो 139 विधायकों वाली मजबूत सरकार बन सकती है, लेकिन ऐसा संभव नहीं है. राजद और महागठबंधन के अन्य लोगों को भी इस बात का एहसास है कि इस बार जितनी सीटें उन्हें मिली हैं, शायद भविष्य में इतनी सीटें मिलना मुश्किल हो. यही वजह है कि वे लगातार सरकार बनाने के प्रयास में लगे हैं. जातिगत जनगणना के लिए दबाव बनाना तो एक बहाना है. दरअसल राजद की बेचैनी तो सरकार बनाने की है लेकिन इससे उन्हें फिलहाल कोई फायदा नहीं होने वाला है.' -रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
इधर, जदयू के बयान पर राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि, 'इस बात में कहीं किसी को शक नहीं होनी चाहिए कि विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी हम हैं. हम 365 दिन में से कभी भी सरकार बनाने के लिए तैयार बैठे हैं, लेकिन हम कभी किसी सरकार को गिराने के पक्ष में नहीं हैं. जनादेश की चोरी करके सरकार बनाई गई है. हम बिहार की जनता की भलाई चाहते हैं और वर्तमान सरकार के रहते यह संभव नहीं है.'
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