पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट विस्तार का गेंद बीजेपी के पाले में डाल दिया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि इस मामले में अभी तक बीजेपी की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है. बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव आएगा तभी कोई निर्णय लिया जाएगा.
मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देर को विपक्षी दल बीजेपी और जदयू के बीच आपसी संघर्ष का नतीजा बता रहे हैं. विपक्ष का दावा है कि सरकार खरमास में गिर जाएगी. राजद ने दावा किया है कि 2021 में जनता राजद की सरकार बनाएगी. तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. सत्ताधारी दलों के नेताओं का कहना है कि विपक्ष के नेता मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं.
नहीं चल रही सरकार
बिहार में बढ़े अपराध के ग्राफ पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है.
"नीतीश सरकार गिरे या रहे, लेकिन सरकार चल नहीं रही है. पूरे राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब है. लूट, डकैती और अपहरण हो रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अकेले में बैठते होंगे और सोचते होंगे तो लगता होगा कि यह सरकार नहीं चल रही है."- मदन मोहन झा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
राजद का दावा- सरकार गिरना तय
मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देर पर राजद नेताओं का कहना है कि बीजेपी और जदयू के बीच चल रहे द्वंद के चलते सरकार नहीं चल रही है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद स्वीकार किया है कि बीजेपी के साथ उनकी दाल नहीं गलने वाली. बीजेपी उन्हें काम नहीं करने दे रही है. खरमास के बाद कैबिनेट विस्तार नहीं होगा बल्कि सरकार गिर जाएगी. बिहार में बड़ा बदलाव होने वाला है. बीजेपी अंदर ही अंदर बड़ा खेल करने वाली है. इसका आभास नीतीश कुमार को हो चुका है."
"सरकार में इतना पेंच है कि यह चल नहीं पा रही. मंत्री मंडल विस्तार का मामला भी फंसा हुआ है. एनडीए की पार्टियों के बीच अंतर्विरोध है. इसके चलते सरकार खुद गिर जाएगी. यह सरकार चलेगी कैसे? कैबिनेट का विस्तार नहीं हो रहा है. बिहार में सभी काम ठप हैं. कोई गतिविधी नहीं हो रही. सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. अब तो यह लग रहा है कि सरकार कुछ दिनों की मेहमान है. 2020 में जनता ने तेजस्वी यादव को ही मुख्यमंत्री बनाने का मन बनाया था. 2020 में महागठबंधन की सरकार तो नहीं बनी, लेकिन 2021 में जरूर तेजस्वी के नेतृत्व में सरकार बनेगी."- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, राजद
मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहा विपक्ष
राजद और कांग्रेस द्वारा किए जा रहे सरकार गिरने के दावे पर जदयू ने चुटकी ली है. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि विपक्ष मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहा है.
"विपक्ष की ओर से पहले हर दिन दावा किया जाता था कि उनकी सरकार बन रही है, लेकिन जनता ने उन्हें औंधे मुंह जमीन पर गिरने के लिए विवश कर दिया. अब वे नया शिगूफा छोड़ रहे हैं. कोरोना काल के बाद खरमास का महीना आया है. विपक्ष के लोग अगर इस वक्त को शिगूफा के सहारे काटना चाहते हैं तो यह उनकी मर्जी है. जनादेश एनडीए को मिला है. नीतीश कुमार ने बिहार में सरकार बनाई है. यह जमीनी सच्चाई है. सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी."-राजीव रंजन, प्रवक्ता, जदयू
चुनावी हार से उबर नहीं पाई विपक्ष
"विपक्ष अभी तक विधानसभा चुनाव में मिली हार से उबर नहीं पाई है. बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है. नीतीश कुमार काफी बेहतर ढंग से सरकार चला रहे हैं. सरकार अच्छा काम कर रही है. नीतीश कुमार ने 15 साल गठबंधन की सरकार चलाई है. उन्होंने देश में एक प्रकार का नया उदाहरण पेश किया है."- वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
"बिहार में पहले भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चली है. एनडीए की सरकार मजबूती से काम कर रही है. हम साथ-साथ काम करते आए हैं. अभी भी साथ काम कर रहे हैं. हम जनता की सेवा कर रहे हैं. आम जनता के हित को साधना और जनता को सुविधाएं देना एनडीए की सरकार का उद्देश्य है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी
बेमेल नहीं है जदयू और बीजेपी का संबंध
राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे सरकार गिरने के दावे को गंभीरता से नहीं लेते. दिवाकर का कहना है कि चुनाव के बाद विपक्ष जरूर मजबूत स्थिति में है. राजद सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी है. विपक्ष में शामिल दलों द्वारा ऐसा दावा किया जाना स्वाभाविक है, लेकिन उनके दावे में दम नहीं दिखता.
"राजद के नेता अपने हिसाब से बात कर रहे हैं और इसके लिए तर्क भी गढ़ रहे हैं. भाजपा और जदयू का संबंध बेमेल नहीं है. दोनों दल बड़े-छोटे भाई जैसे हैं. दोनों एक साथ रहे हैं. ये एक ही तरह के सिद्धांत और आधार पर निर्भर हैं. इसके चलते सरकार गिरने की संभावना नहीं है. दोनों पार्टियों के बीच सामंजस्य है. किसान आंदोलन पर दोनों का रुख एक है. भाजपा कृषि कानूनों के मुद्दे पर संकट में है तो जदयू उसका साथ दे रहा है."- डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ
16 और मंत्री होंगे कैबिनेट में शामिल
गौरतलब है कि महज 17 लोगों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई मंत्रिमंडल ने शपथ ली थी. अभी उन्हें 16 और नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करना है. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बिहार में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. फिलहाल मुख्यमंत्री के अलावा 16 मंत्री हैं और मुख्यमंत्री को छोड़कर जदयू के सिर्फ चार मंत्री हैं.