पटनाः बिहार सरकार की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया गया है. इसमें कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को सरकार कैसे गति देगी इसका लेखा-जोखा पेश किया गया है. लेकिन विपक्ष को सरकार की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है. विपक्ष ने रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा करार दिया है. राजद ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं
"मैं सरकार पर विश्वास नहीं करता और न ही इनके इकोनॉमी पर विश्वास करता हूं. इनका पूरा डाटा मैनिपुलेटेड होता है. मुख्यमंत्री जमीनी तौर पर विकास दिखाएं. पहले बिहार के 10 लाख लोग फुटपाथ पर सोते थे ,अब अगर वे घटकर 5 लाख हो गए हैं तो यह विकास का स्तर होगा."-अनवर हुसैन, प्रवक्ता, राजद
'सरकार थपथपा रही अपनी पीठ'
राजद प्रवक्ता अनवर हुसैन ने कहा कि सरकार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर भले ही अपना पीठ थपथपा रही हो लेकिन हकीकत दावों से अलग है. गरीब और जरूरतमंदों तक सरकार नहीं पहुंच पाई और उनके जीवन स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है. लिहाजा सरकार की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है.
"अभी कोरोना काल में पूरे विश्व में आर्तिक मंदी आई है. इसके बावजूद और देशों की तुलना में भारत पूरी मजबूती से खड़ा है."- अनिल शर्मा, प्रवक्ता, भाजपा
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'मजबूत अर्थव्यवस्था की रूपरेखा तय करती है सर्वेक्षण रिपोर्ट'
भाजपा प्रवक्ता अनिल शर्मा ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और विकास को रफ्तार दिया जा रहा है. सर्वेक्षण रिपोर्ट मजबूत अर्थव्यवस्था की रूपरेखा तय करती है. उन्होंने कहा कि पहले विपक्ष को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को अध्ययन करना चाहिए उसके बाद वक्तव्य देना चाहिए.