पटना: राजधानी में पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) की लापरवाही के कारण खुले मैनहोल (Open Manhole) से लोगों को परेशानी हो रही है. खुले मैनहोल की वजह से कई लोग दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. वहीं कई लोगों की खुले मैनहोल मे गिरने से मौत भी हो चुकी है. लेकिन निगम प्रशासन फिर भी नहीं चेत रहा है.
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आज भी शहर की मुहल्ले की कई सड़कें टूटी फूटी हैं तो कई इलाके में मैनहोल के ढक्कन ही गायब हैं. ऐसे में अभी भी खतरा बना हुआ है. पटना में बारिश के बाद जलजमाव से लोग आए दिन दो चार होते हैं. तो वहीं खुले मैनहोल खतरनाक हो जाते हैं.
![Patna Municipal Corporation](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12693783_1.jpg)
राहगीरों को पता नहीं चलता है कि कहां मैनहोल खुले हैं और कहां गड्ढे हैं. आलम यह है कि पटना नगर निगम के अंतर्गत पड़ने वाले हर गली में एक दो मैनहोलन के ढक्कन गायब हैं या उनके ढक्कन टूटे पड़े हैं. जिसकी वजह से रात के समय या बरसात के समय में यह मैनहोल ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं.
यह निगम की उदासीनता है और मैनहोल के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है. खराब क्वालिटी के मैनहोल के ढक्कन बन रहे हैं वह तो टूटेगा ही. पटना नगर निगम की मेयर का ध्यान इस क्षतिग्रस्त मैनहोल पर नहीं रहता है, बल्कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से निगम में कितना कार्य करवाया जा सके जिसने उन्हें कमीशन मिले, इस पर ज्यादा फोकस रहता है.- विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी
![Patna Municipal Corporation](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12693783_oo.jpg)
अगर पिछले 5 साल की बात करें तो दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है. पिछले दिनों पटना सिटी अंतर्गत मंगल तालाब के पास मैनहोल का ढक्कन नहीं होने की वजह से 4 साल की रोशनी की गिरने से मौत हो गई तो वहीं पिछले साल पुनाइचाक इलाके में नाले में गिरने से 10 साल के दीपक की मौत हो गई है.
कुछ कमियों के कारण मैनहोल टूट रहे हैं. हम लोग हर समय कोशिश करते हैं कि कोई मैनहोल टूटा हुआ ना मिले. इसके लिए हम लोगों ने अलग से राशि का भी इंतजाम किया है. इसके लिए हर अंचल कार्यालय को निर्देशित भी किया गया है कि वह क्षतिग्रस्त मैनहोल की पहचान करें और उन्हें दुरुस्त करें. निगम के साथ-साथ समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा. तभी इससे निजात पा सकेंगे.- आशीष सिन्हा, सदस्य स्टैंडिंग समिति, पीएमसी
वहीं हर महीने हजारों लोग खुले मैनहोल की वजह से घायल होते हैं. लेकिन निगम प्रशासन अब भी निष्क्रिय बना हुआ है. जहां आमजन के साथ-साथ पार्षद भी इसे बहुत बड़ा घपला मानते हैं.
कुछ कमियों के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है. हमने मेयर से इस पर चर्चा की है और सभी सिटी मजिस्ट्रेट को कहा है कि काम करने के बाद उसे सही तरीके से बंद कर दें ताकि बाद में परेशानी ना हो.- हिमांशु शर्मा, आयुक्त, पीएमसी
बताते चलें कि पटना शहर में नालों की सफाई के लिए लगभग 40,000 से अधिक मैनहोल हैं जिसके माध्यम से हर साल नालों की सफाई होती है. नगर निगम के आयुक्त की मानें तो शहर में 2000 से अधिक मैनहोल के ढक्कन क्षतिग्रस्त हैं जिसे दुरुस्त कराने में लोग लगे हुए हैं. लेकिन निगम की सूत्रों की मानें तो शहर में 6500 से अधिक मैनहोल खुले पड़े हैं.
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