पटना: बिहार के पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने आज शुक्रवार को लोक शिकायत निवारण में शिथिलता बरतने के आरोप में धनरूआ अंचल के राजस्व कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Revenue employee of Dhanarua suspended) कर दिया. वहीं अंचलाधिकारी को पांच हजार रुपये का अर्थदंड (Dhanarua CO fined five thousand) लगाया है. लोक शिकायत निवारण की द्वितीय अपील में सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने यह कार्रवाई की है.
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क्या है मामलाः अपील करने वाली कुसुम देवी अफराबाद कॉलोनी, गुलजारबाग की रहने वाली है. 4 जुलाई 2021 को अंचलाधिकारी धनरूआ के कार्यालय में दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था. 15 जुलाई 2021 को इसे राजस्व कर्मचारी को अग्रसारित किया गया. राजस्व कर्मचारी राणा रणविजय गोपाल द्वारा लगभग एक साल बाद दिनांक 6 जुलाई 2022 को प्रथम प्रतिवेदन समर्पित किया गया. जबकि, 30 दिन के अंदर प्रतिवेदन समर्पित किया जाना था. परंतु उनके द्वारा अत्यधिक विलंब से प्रतिवेदन दिया जाना यह स्पष्ट हो रहा था कि वह लाभुक को परेशान करने की नीयत से टालमटोल कर रहा था.
गैर जिम्मेदाराना रवैयाः ऐसे में परिवादी द्वारा शिकायत के निवारण हेतु अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष 4 मार्च 2022 को परिवार दायर किया गया. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा प्रतिबंधित किया गया कि 60 दिनों में शिकायत का निवारण नहीं किया जाना स्पष्ट करता है कि लोक प्राधिकार अंचलाधिकारी धनरूआ बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. ऐसे में इस गैर जिम्मेदाराना रवैया को देखते हुए उन पर कार्रवाई करना आवश्यक है.
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लगाया अर्थदंडः ऐसे में जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर प्रसाद ने राणा रणविजय सिंह की कार्यशैली को देखते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है. अंचलाधिकारी को उनके विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा जनहित के महत्वपूर्ण मामले में अनुश्रवण की कमी के आरोप में लोक प्राधिकार अंचल पदाधिकारी धनरूआ के विरुद्ध भी लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत ₹5000 अर्थदंड लगाने का आदेश जारी किया गया है।