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बिहार में रोजगार के लिए भटक रहे युवा, लेकिन Dial 112 के लिए सेना के ड्राइवरों की ली जाएगी सेवा - Dial 112 in Bihar from April

112 की सेवा सुचारू और सटीक तरीके से चलाने के लिए राज्य सरकार सेना के रिटायर्ड ड्राइवरों में से 1255 लोगों की सेवा लेने जा रही है. दरअसल डायल 112 की सेवा (Dial 112 Bihar Emergency Number ) शुरू करने के लिए तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. पढ़ें पूरी खबर..

retired army driver in service of dial 112 in bihar
retired army driver in service of dial 112 in bihar
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Published : Feb 25, 2022, 2:21 PM IST

पटना: बिहार पुलिस स्पेशल ऑग्ज़ीलियरी पुलिस के रूप में सेना के रिटायर्ड जवानों से बिहार पुलिस द्वारा सेवा ली जा रही है. ठीक उसी प्रकार डायल 112 के लिए भी सेना के रिटायर्ड 1255 ड्राइवर से सेवा (Retired Army Driver In Service Of Dial 112 In Bihar) ली जाएगी. उन्हें प्रतिमाह ₹25000 वेतन और साल में एक बार वर्दी भत्ता के तौर पर ₹4000 दिया जाएगा, जिस पर सालाना करीब 38.15 करोड़ खर्च होंगे.

पढ़ें- Dial 100 Trailer: रात भर की कहानी में Manoj Bajpayee का दमदार अभिनय, हैरान कर देगा नीना की एक्टिंग

दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अन्य राज्यों के तर्ज पर बिहार में भी अप्रैल माह से डायल 112 (Dial 112 in Bihar from April) शुरू होने जा रहा है. जिसके बाद डायल 100, डायल 102, डायल 103 को एक ही नंबर यानी कि 112 के तहत एक ही प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है. यानी कि अब देश भर में सिर्फ एक नंबर से कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की समस्या को लेकर शिकायत कर सकता है. 1255 आर्मी के रिटायर्ड ड्राइवर की इस कृति के लिए बिहार सरकार के कैबिनेट से भी प्रस्ताव पारित हो चुका है.

बिहार में आपातकालीन सेवाओं के लिए डायल 112 इसी वर्ष अप्रैल में शुरू होने की संभावना जताई जा रही है. जिसके लिए केंद्र सरकार की मदद से इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के तहत यह कार्य करेगा. इसमें खास बात यह है कि, डायल 112 की सेवा के तहत वाहनों को चलाने के लिए राज्य सरकार अब भारतीय सेना के रिटायर्ड ड्राइवरों की सेवा लेगी.

पढ़ें- बिहार में जल्द ही 'डायल 112 करेगा' काम, महिला पुलिसकर्मी को मिलेगी जिम्मेवारी

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के अनुसार डायल 112 की सेवा शुरू करने के लिए तैयारी अंतिम चरणों में चल रही है. डायल 112 सेवा को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि आपात स्थिति में नागरिकों के द्वारा वॉइस कॉल एसएमएस ईमेल पैनिक sms रिक्वेस्ट और वैब रिक्वेस्ट भेजा जा सकता है. पहले चरण में 400 वाहन की खरीदारी हो चुकी है. वहीं कुछ और नए वाहन खरीदे गए हैं जिसका डिजाइन और लोगो तैयार किया जा रहा है. जल्दी उम्मीद है कि इसका ट्रायल लिया जाएगा.

सवाल यह उठता है कि, राज्य में लाखों की संख्या में बेरोजगार युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं. ऐसे में एक ओर राज्य सरकार जहां ड्राइवर की बहाली ना निकालकर आर्मी के रिटायर्ड ड्राइवर को इसके प्रयोग में ले रही है जिन्हें पहले से ही केंद्र सरकार द्वारा पेंशन सुविधा भी मिल रही है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी सिंह गंगवार की मानें तो इसके लिए वाहनों की परचेसिंग शुरू हो गई है. इसके लिए एक सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग रूम भी बनाया जा रहा है.

पढ़ें- डायल 100 नंबर के बाद अब शुरू होगी इमरजेंसी सेवा, देशभर में इस नंबर पर मिलेगी सुविधा

डायल 112 के लिए चिन्हित कर्मियों को ट्रेनिंग भी दिलवाई गई है. इसकी मॉनिटरिंग के लिए बिहार पुलिस की महिला बटालियन को तैयार किया गया है. थानों के गाड़ियों के अलावा बिहार के सभी जिलों के थानों में एक-एक गाड़ी इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के तहत दिया जाएगा. इसमें जो ड्राइवर की तैनाती होगी वह आर्मी के रिटायर ड्राइवर रहेंगे. एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार का मानना है कि बिहार पुलिस में अभी ड्राइवरों की कमी है. जिस वजह से आर्मी वेलफेयर संस्थान के थ्रू जो इस पद के लायक लोग होंगे उन्हें कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर लिया जाएगा.

बता दें कि डायल 112 परियोजना को जल्द शुरू करने के लिए राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय ने यह निर्णय लिया है. इस परियोजना के लिए नए पद की स्वीकृति करने में और बहाली निकालने में प्रक्रिया लंबी हो सकती है, जिससे इस परियोजना को स्टार्ट करने में भी समय लगेगा. यही कारण है कि, आर्मी के रिटायर्ड ड्राइवर जोकि पूरी तरह से फूल ट्रेंड होते हैं उनका अभी सहयोग लिया जाएगा.

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पटना: बिहार पुलिस स्पेशल ऑग्ज़ीलियरी पुलिस के रूप में सेना के रिटायर्ड जवानों से बिहार पुलिस द्वारा सेवा ली जा रही है. ठीक उसी प्रकार डायल 112 के लिए भी सेना के रिटायर्ड 1255 ड्राइवर से सेवा (Retired Army Driver In Service Of Dial 112 In Bihar) ली जाएगी. उन्हें प्रतिमाह ₹25000 वेतन और साल में एक बार वर्दी भत्ता के तौर पर ₹4000 दिया जाएगा, जिस पर सालाना करीब 38.15 करोड़ खर्च होंगे.

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दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अन्य राज्यों के तर्ज पर बिहार में भी अप्रैल माह से डायल 112 (Dial 112 in Bihar from April) शुरू होने जा रहा है. जिसके बाद डायल 100, डायल 102, डायल 103 को एक ही नंबर यानी कि 112 के तहत एक ही प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है. यानी कि अब देश भर में सिर्फ एक नंबर से कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की समस्या को लेकर शिकायत कर सकता है. 1255 आर्मी के रिटायर्ड ड्राइवर की इस कृति के लिए बिहार सरकार के कैबिनेट से भी प्रस्ताव पारित हो चुका है.

बिहार में आपातकालीन सेवाओं के लिए डायल 112 इसी वर्ष अप्रैल में शुरू होने की संभावना जताई जा रही है. जिसके लिए केंद्र सरकार की मदद से इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के तहत यह कार्य करेगा. इसमें खास बात यह है कि, डायल 112 की सेवा के तहत वाहनों को चलाने के लिए राज्य सरकार अब भारतीय सेना के रिटायर्ड ड्राइवरों की सेवा लेगी.

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पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के अनुसार डायल 112 की सेवा शुरू करने के लिए तैयारी अंतिम चरणों में चल रही है. डायल 112 सेवा को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि आपात स्थिति में नागरिकों के द्वारा वॉइस कॉल एसएमएस ईमेल पैनिक sms रिक्वेस्ट और वैब रिक्वेस्ट भेजा जा सकता है. पहले चरण में 400 वाहन की खरीदारी हो चुकी है. वहीं कुछ और नए वाहन खरीदे गए हैं जिसका डिजाइन और लोगो तैयार किया जा रहा है. जल्दी उम्मीद है कि इसका ट्रायल लिया जाएगा.

सवाल यह उठता है कि, राज्य में लाखों की संख्या में बेरोजगार युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं. ऐसे में एक ओर राज्य सरकार जहां ड्राइवर की बहाली ना निकालकर आर्मी के रिटायर्ड ड्राइवर को इसके प्रयोग में ले रही है जिन्हें पहले से ही केंद्र सरकार द्वारा पेंशन सुविधा भी मिल रही है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी सिंह गंगवार की मानें तो इसके लिए वाहनों की परचेसिंग शुरू हो गई है. इसके लिए एक सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग रूम भी बनाया जा रहा है.

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डायल 112 के लिए चिन्हित कर्मियों को ट्रेनिंग भी दिलवाई गई है. इसकी मॉनिटरिंग के लिए बिहार पुलिस की महिला बटालियन को तैयार किया गया है. थानों के गाड़ियों के अलावा बिहार के सभी जिलों के थानों में एक-एक गाड़ी इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के तहत दिया जाएगा. इसमें जो ड्राइवर की तैनाती होगी वह आर्मी के रिटायर ड्राइवर रहेंगे. एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार का मानना है कि बिहार पुलिस में अभी ड्राइवरों की कमी है. जिस वजह से आर्मी वेलफेयर संस्थान के थ्रू जो इस पद के लायक लोग होंगे उन्हें कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर लिया जाएगा.

बता दें कि डायल 112 परियोजना को जल्द शुरू करने के लिए राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय ने यह निर्णय लिया है. इस परियोजना के लिए नए पद की स्वीकृति करने में और बहाली निकालने में प्रक्रिया लंबी हो सकती है, जिससे इस परियोजना को स्टार्ट करने में भी समय लगेगा. यही कारण है कि, आर्मी के रिटायर्ड ड्राइवर जोकि पूरी तरह से फूल ट्रेंड होते हैं उनका अभी सहयोग लिया जाएगा.

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