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जलजमाव पर जांच कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा, 'अफसरों ने डुबोया पटना' - नीतीश सरकार

पटना जलजमाव को लेकर विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने 25 जनवरी को मुख्य सचिव दीपक कुमार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

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जल जमाव
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Published : Jan 31, 2020, 1:06 PM IST

पटनाः राजधानी पटना में जलजमाव पर बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. 3 महीने की जांच के बाद जलजमाव के कारणों का रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दिया गया है. इस रिपोर्ट में पटना नगर निगम के पूर्व आयुक्त अनुपम कुमार पर कई तरह के आरोप लगे हैं. कमेटी ने 25 जनवरी को ये रिपोर्ट सौंपी है.

जांच कमेटी की रिपोर्ट में जलजमाव के पीछे कई कारणों का उल्लेख किया गया है. विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी ने संप हाउस का नहीं चलना और समय-समय पर नालों की सफाई नहीं होना बताया है. रिपोर्ट में तत्कालीन नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन और बुडको के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय में कमी के अलावा साफ-सफाई में लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया गया है.

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जल जमाव में डूबा गांधी मैदान

संप हाउस ने किया बेड़ा गर्क
सूत्रों की मानें तो सबसे प्रमुख कारण संप हाउस का नहीं चलना है. जबकि पटना में पिछले 2 वर्षों में करोड़ों के संप हाउस लगाए गए हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मशीन लगाये जाने के बाद भी संप हाउस के लिंक की जांच नहीं हो पाई. जिसके कारण पटना को जलजमाव का दंश झेलना पड़ा. रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया गया है कि संप हाउस की मशीन चलने में असफल रही.

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पटना में जल जमाव

जलजमाव पर हो चुकी है सरकार की किरकिरी
गौरतलब है कि पटना जलजमाव को लेकर नीतीश सरकार की किरकिरी हुई थी. खुद सीएम नीतीश कुमार ने पटना के मोहल्लों में घूम-घूमकर जलजमाव का जायजा लिया था. रिपोर्ट में कई अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी माना गया है. एक अधिकारी ने अपनी गोपनीयता छुपाए रखने की शर्त पर बताया कि कई अधिकारियों पर कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है.

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मुख्य सचिव दीपक कुमार

कमेटी के सदस्य
विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी में वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा, नगर विकास विभाग के सचिव आनंद किशोर, पटना के आयुक्त संजय अग्रवाल और पटना के डीएम कुमार रवि कमिटी के सदस्य है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कई इलाके हुए थे जलमग्न
गौरतलब है कि पटना जलजमाव में राजधानी के कई रिहायशी इलाके डूबे थे. जिनमें कंकड़बाग, राजेंद्र नगर और बहादुरपुर प्रमुख मोहल्ले थे. वहीं, आम जनता को आर्थिक क्षति के साथ खाने पीने से लेकर रहने के लिए कष्ट उठाना पड़ा था.

पटनाः राजधानी पटना में जलजमाव पर बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. 3 महीने की जांच के बाद जलजमाव के कारणों का रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दिया गया है. इस रिपोर्ट में पटना नगर निगम के पूर्व आयुक्त अनुपम कुमार पर कई तरह के आरोप लगे हैं. कमेटी ने 25 जनवरी को ये रिपोर्ट सौंपी है.

जांच कमेटी की रिपोर्ट में जलजमाव के पीछे कई कारणों का उल्लेख किया गया है. विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी ने संप हाउस का नहीं चलना और समय-समय पर नालों की सफाई नहीं होना बताया है. रिपोर्ट में तत्कालीन नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन और बुडको के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय में कमी के अलावा साफ-सफाई में लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया गया है.

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जल जमाव में डूबा गांधी मैदान

संप हाउस ने किया बेड़ा गर्क
सूत्रों की मानें तो सबसे प्रमुख कारण संप हाउस का नहीं चलना है. जबकि पटना में पिछले 2 वर्षों में करोड़ों के संप हाउस लगाए गए हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मशीन लगाये जाने के बाद भी संप हाउस के लिंक की जांच नहीं हो पाई. जिसके कारण पटना को जलजमाव का दंश झेलना पड़ा. रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया गया है कि संप हाउस की मशीन चलने में असफल रही.

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पटना में जल जमाव

जलजमाव पर हो चुकी है सरकार की किरकिरी
गौरतलब है कि पटना जलजमाव को लेकर नीतीश सरकार की किरकिरी हुई थी. खुद सीएम नीतीश कुमार ने पटना के मोहल्लों में घूम-घूमकर जलजमाव का जायजा लिया था. रिपोर्ट में कई अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी माना गया है. एक अधिकारी ने अपनी गोपनीयता छुपाए रखने की शर्त पर बताया कि कई अधिकारियों पर कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है.

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मुख्य सचिव दीपक कुमार

कमेटी के सदस्य
विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी में वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा, नगर विकास विभाग के सचिव आनंद किशोर, पटना के आयुक्त संजय अग्रवाल और पटना के डीएम कुमार रवि कमिटी के सदस्य है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कई इलाके हुए थे जलमग्न
गौरतलब है कि पटना जलजमाव में राजधानी के कई रिहायशी इलाके डूबे थे. जिनमें कंकड़बाग, राजेंद्र नगर और बहादुरपुर प्रमुख मोहल्ले थे. वहीं, आम जनता को आर्थिक क्षति के साथ खाने पीने से लेकर रहने के लिए कष्ट उठाना पड़ा था.

Intro:सब हेड...
3 महीने की जांच के बाद पटना जलजमाव के कारणों का रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दिया गया। पटना नगर निगम के पूर्व आयुक्त पर कई तरह के आरोप लगे हैं। 25 जनवरी को कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट।

पटना जलजमाव को लेकर विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने 25 जनवरी को मुख्य सचिव दीपक कुमार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार पटना के संभावित का नहीं चलना और नालों की सफाई समय समय पर नहीं होना पटना के डूबने का प्रमुख कारण माना गया है।


Body:ईटीवी भारत ने इस रिपोर्ट के संदर्भ में कई अधिकारियों से कैमरे पर बात करने की कोशिश की। लेकिन किसी अधिकारी ने सपोर्ट के बारे में कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया। ईटीवी भारत पूरी जिम्मेदारी के साथ यह बता रहा है कि रिपोर्ट में कई कारण उल्लेखित किए गए हैं।
विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी में वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा, नगर विकास विभाग के सचिव आनंद किशोर, पटना के आयुक्त संजय अग्रवाल और पटना के डीएम कुमार रवि कमिटी के सदस्य है।

सूत्रों की माने तो संप हाउस नहीं चलना सबसे प्रमुख कारण रहा पटना डुबाने में। जबकि पिछले 2 वर्षों में करोड़ों के मशीनरी समभाव में लगाए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संभवत में करोड़ों के मशीन तो जरूर लगाए गए लिंक कभी भी इनकी जांच नहीं हो पाई। जिसके कारण जयपटना जल प्रलय झेल रहा था तो संभवत की मशीन एक भी चलने में सफल नहीं रहे।


Conclusion:गौरतलब है कि पटना जलजमाव से नीतीश सरकार का चेहरा प्रदेश ही नहीं पूरे देश में शर्मसार हुआ था। और खुद नीतीश कुमार पटना के मोहल्लों में घूम-घूम कर जल जमाव का जायजा ले रहे थे। इतना आता है कि रिपोर्ट में कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर दोष मारे गए हैं। एक अधिकारी अपनी गोपनीयता को छुपाए रखने की शर्त पर बताते हैं, कि कई अधिकारियों पर कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है।
गौरतलब है कि पटना जलजमाव में राजधानी के कई रिहायशी इलाके दुबे थे, जिनमें कंकड़बाग, राजेंद्र नगर और बहादुरपुर प्रमुख मोहल्ले। आम जनता को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।
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