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भगवान भरोसे सिविल कोर्ट परिसर की सुरक्षा, झुनझुना बने 'हैंड मेटल डिटेक्टर' - सुरक्षा व्यवस्था का रियलिटी चेक

दिल्ली के रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) में फायरिंग की घटना के बाद पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) और सिविल कोर्ट (Civil Court) परिसर में ईटीवी भारत ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रियलिटी चेक किया. जहां सुरक्षा में चूक देखने को मिली. देखिए रिपोर्ट..

पटना
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Published : Sep 25, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 6:37 PM IST

पटना: वकील के भेष में आए दो बदमाशों ने दिल्ली के रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) में जज के सामने ही अंधाधुंध गोलियों की बौछार (Firing) कर दी. जिसमें गैंगस्टर जितेंद्र गोगी (Gangster Jitendra Gogi) को कोर्ट परिसर में गोली मार दी गई. वहीं, कोर्ट में तैनात पुलिस कर्मियों ने उन दोनों बदमाशों को मार गिराया. इस गैंगवार में 3 लोगों की मौत हो गई और एक महिला वकील के पैर में गोली लगी है.

ये भी पढ़ें- अनोखे फैसले सुनाने वाले झंझारपुर जज के पावर सीज, कपड़ा धोने और बच्चों को दूध पिलाने के आदेश किए थे पारित

कोर्ट परिसर में वकील के भेष में हथियारबंद अपराधियों के द्वारा घटना को अंजाम देने के बाद कहीं ना कहीं अब न्यायालय भी सुरक्षित नहीं रह गया है. इसी कड़ी में दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में घटित घटना के बाद राजधानी पटना के सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

देखें रिपोर्ट.

रोहिणी कोर्ट परिसर में हुई घटना के बाद राजधानी पटना के सिविल कोर्ट परिसर में जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो कई तरह की प्रशासनिक चूक देखने को मिली. पटना सिविल कोर्ट के साथ-साथ हाईकोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा चाक-चौबंद कर दी गई है. पटना सिविल कोर्ट में पुलिसकर्मियों के द्वारा सुरक्षा को लेकर काफी चूक देखने को मिली है.

ये भी पढ़ें- इस शर्त पर मिली जमानत: '6 महीने तक महादलित परिवार के बच्चों को फ्री में पिलाने होंगे दूध'

बता दें कि कोर्ट में तैनात पुलिसकर्मी के हाथ में हैंड मेटल डिटेक्टर तो जरूर था, लेकिन वह महीनों से काम नहीं कर रहा है. बस पुलिसकर्मी दिखाने के लिए अपने हाथों में हैंड मेटल डिटेक्टर रखे हुए हैं, जब हमने उनसे उसके बारे में पूछताछ की गई तो वह कई तरह के बहाने बनाते नजर आए. एक पुलिसकर्मी का कहना है कि बैटरी डिस्चार्ज होने की वजह से यह काम नहीं कर रहा है, तो वहीं दूसरी महिला पुलिसकर्मी के हाथों में मेटल डिटेक्टर देखकर जब हमने उनसे पूछताछ किया तो उनका कहना है कि यह खराब पड़ा हुआ है. हमने इसकी शिकायत आला अधिकारियों को की है और मैकेनिक को बुलाया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

पटना सिविल कोर्ट के मुख्य द्वार पर लगे फुल बॉडी स्कैन मेटल डिटेक्टर कई सालों से आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जब इस मेटल डिटेक्टर के बारे में वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों से हमने पूछताछ की तो उनका कहना है कि पिछले दो महीनों से ये खराब है. जबकि ईटीवी भारत कई सालों से सिविल कोर्ट में रिपोर्टिंग करता आ रहा है. कई सालों से मेटल डिटेक्टर खराब पड़ा हुआ है. ऐसे में कई तरह के सवाल खड़े होते हैं कि जब पुलिस को मिले संसाधन में ही कमी है, तो वह खुद की और आम व्यक्ति के साथ साथ माननीय न्यायाधीश की रक्षा कैसे करेंगे.

ये भी पढ़ें- छेड़छाड़ के आरोपी को धोने होंगे छह महीने तक महिलाओं के कपड़े, इसी शर्त पर मिली कोर्ट से जमानत

पटना सिविल कोर्ट में तैनात पुलिस कर्मियों के द्वारा एक और जहां कुछ लोगों की जांच की जा रही है, तो दूसरी ओर लोग धड़ल्ले से न्यायालय परिसर में आवागमन कर रहे हैं. पटना के सिविल कोर्ट में पड़ताल के बाद जब हम पटना हाईकोर्ट की पड़ताल करने पहुंचे तो वहां पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद देखने को मिली. दिल्ली के रोहिणी कोर्ट की घटना के बाद पटना हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

हालांकि, शनिवार होने की वजह से न्यायालय बंद था जिस वजह से ज्यादा चहल-पहल देखने को नहीं मिली. कोरोना काल से अब तक पटना हाईकोर्ट वर्चुअल माध्यम से चल रहा है. वहीं, 27 सितंबर यानी सोमवार से पटना हाईकोर्ट में 4 दिन फिजिकल और 1 दिन वर्चुअल माध्यम से सुनवाई की जाएगी. वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों का कहना है कि कोरोना महामारी के समय से ही सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है और वहां पर लगे मेटल डिटेक्टर भी ढंग से काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें- पटना हाई कोर्ट में 27 सितंबर से शुरू होगी फिजिकल माध्यम से सुनवाई

कुल मिलाकर बात करें तो पटना के सिविल कोर्ट में जिस तरह से प्रशासनिक चूक या प्रशासन को दी गई संसाधनों में चूक देखने को मिली है, उसका खामियाजा कहीं ना कहीं न्यायाधीश, वकील या न्यायालय में आए आम लोगों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को भी भुगतना पड़ सकता है. मेटल डिटेक्टर का कार्य है कि कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता है, ऐसे में मेटल डिटेक्टर के खराब होने से कई तरह के सवालिया निशान प्रशासन पर खड़े हो रहे हैं.

पटना: वकील के भेष में आए दो बदमाशों ने दिल्ली के रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) में जज के सामने ही अंधाधुंध गोलियों की बौछार (Firing) कर दी. जिसमें गैंगस्टर जितेंद्र गोगी (Gangster Jitendra Gogi) को कोर्ट परिसर में गोली मार दी गई. वहीं, कोर्ट में तैनात पुलिस कर्मियों ने उन दोनों बदमाशों को मार गिराया. इस गैंगवार में 3 लोगों की मौत हो गई और एक महिला वकील के पैर में गोली लगी है.

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कोर्ट परिसर में वकील के भेष में हथियारबंद अपराधियों के द्वारा घटना को अंजाम देने के बाद कहीं ना कहीं अब न्यायालय भी सुरक्षित नहीं रह गया है. इसी कड़ी में दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में घटित घटना के बाद राजधानी पटना के सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

देखें रिपोर्ट.

रोहिणी कोर्ट परिसर में हुई घटना के बाद राजधानी पटना के सिविल कोर्ट परिसर में जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो कई तरह की प्रशासनिक चूक देखने को मिली. पटना सिविल कोर्ट के साथ-साथ हाईकोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा चाक-चौबंद कर दी गई है. पटना सिविल कोर्ट में पुलिसकर्मियों के द्वारा सुरक्षा को लेकर काफी चूक देखने को मिली है.

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बता दें कि कोर्ट में तैनात पुलिसकर्मी के हाथ में हैंड मेटल डिटेक्टर तो जरूर था, लेकिन वह महीनों से काम नहीं कर रहा है. बस पुलिसकर्मी दिखाने के लिए अपने हाथों में हैंड मेटल डिटेक्टर रखे हुए हैं, जब हमने उनसे उसके बारे में पूछताछ की गई तो वह कई तरह के बहाने बनाते नजर आए. एक पुलिसकर्मी का कहना है कि बैटरी डिस्चार्ज होने की वजह से यह काम नहीं कर रहा है, तो वहीं दूसरी महिला पुलिसकर्मी के हाथों में मेटल डिटेक्टर देखकर जब हमने उनसे पूछताछ किया तो उनका कहना है कि यह खराब पड़ा हुआ है. हमने इसकी शिकायत आला अधिकारियों को की है और मैकेनिक को बुलाया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

पटना सिविल कोर्ट के मुख्य द्वार पर लगे फुल बॉडी स्कैन मेटल डिटेक्टर कई सालों से आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जब इस मेटल डिटेक्टर के बारे में वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों से हमने पूछताछ की तो उनका कहना है कि पिछले दो महीनों से ये खराब है. जबकि ईटीवी भारत कई सालों से सिविल कोर्ट में रिपोर्टिंग करता आ रहा है. कई सालों से मेटल डिटेक्टर खराब पड़ा हुआ है. ऐसे में कई तरह के सवाल खड़े होते हैं कि जब पुलिस को मिले संसाधन में ही कमी है, तो वह खुद की और आम व्यक्ति के साथ साथ माननीय न्यायाधीश की रक्षा कैसे करेंगे.

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पटना सिविल कोर्ट में तैनात पुलिस कर्मियों के द्वारा एक और जहां कुछ लोगों की जांच की जा रही है, तो दूसरी ओर लोग धड़ल्ले से न्यायालय परिसर में आवागमन कर रहे हैं. पटना के सिविल कोर्ट में पड़ताल के बाद जब हम पटना हाईकोर्ट की पड़ताल करने पहुंचे तो वहां पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद देखने को मिली. दिल्ली के रोहिणी कोर्ट की घटना के बाद पटना हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

हालांकि, शनिवार होने की वजह से न्यायालय बंद था जिस वजह से ज्यादा चहल-पहल देखने को नहीं मिली. कोरोना काल से अब तक पटना हाईकोर्ट वर्चुअल माध्यम से चल रहा है. वहीं, 27 सितंबर यानी सोमवार से पटना हाईकोर्ट में 4 दिन फिजिकल और 1 दिन वर्चुअल माध्यम से सुनवाई की जाएगी. वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों का कहना है कि कोरोना महामारी के समय से ही सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है और वहां पर लगे मेटल डिटेक्टर भी ढंग से काम कर रहा है.

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कुल मिलाकर बात करें तो पटना के सिविल कोर्ट में जिस तरह से प्रशासनिक चूक या प्रशासन को दी गई संसाधनों में चूक देखने को मिली है, उसका खामियाजा कहीं ना कहीं न्यायाधीश, वकील या न्यायालय में आए आम लोगों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को भी भुगतना पड़ सकता है. मेटल डिटेक्टर का कार्य है कि कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता है, ऐसे में मेटल डिटेक्टर के खराब होने से कई तरह के सवालिया निशान प्रशासन पर खड़े हो रहे हैं.

Last Updated : Sep 25, 2021, 6:37 PM IST
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