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Reality Check: बिहार के कई विभागों में नहीं है आग से निपटने की व्यवस्था, रियलिटी चेक में खुली पोल - पटना महालेखाकार भवन

पटना के विश्वेश्वरैया भवन (Fire In Visvesvaraya Bhawan) में लगी भीषण आग के बाद ईटीवी भारत ने विभिन्न विभागों में आग से निपटने की व्यवस्थाओं का रियलिटी चेक किया. महालेखाकार भवन से परिवाहन विभाग तक में आग से निपटने की कोई व्यवस्था दूर दूर तक नजर नहीं आई. पढ़ें पूरी खबर..

Fire In Visvesvaraya Bhawan
Fire In Visvesvaraya Bhawan
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Published : May 12, 2022, 6:02 PM IST

पटना: राजधानी पटना के विश्वेश्वरैया भवन में अगलगी की घटना के बाद अन्य विभागों में आग से निपटने के क्या इंतजाम हैं, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. विश्वेश्वरैया भवन की आग को 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू में किया गया. इस आग में सबसे ज्यादा विश्वेश्वरैया भवन के पांचवें तल्ले पर नुकसान हुआ है. पांचवें तल्ले पर ग्रामीण कार्य विभाग का कार्यालय है.

पढ़ें- हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर टीकाकरण कैंप का रियलिटी चेक: सबकी अपनी दलील, ऐसे तो जीत जाएगा कोरोना !

टीम कर रही विश्वेश्वरैया भवन अग्निकांड की जांच: इस आग में विभाग के कई फाइल जलकर खाक हो गए, जिसके बाद इस मामले की जांच करने के लिए जांच कमेटी का गठन किया गया है. इस घटना के बाद सवाल यह उठ रहा है कि बार-बार सरकारी कार्यालयों में आग लगने घटना घटित हो रही है, इसके बावजूद भी राज्य सरकार ( fire in Bihar) क्यों नहीं सजग हो रही है. हालांकि सरकारी कार्यालय में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई सरकारी कार्यालय में आग लग चुकी है.

कब-कब हुई अग्निकांड की घटना?: बता दें कि इससे पहले भी साल 2020 में पुराना सचिवालय में ग्रामीण विकास विभाग में आग लगी थी. वहीं साल 2016 में विकास भवन के स्वास्थ्य विभाग में आग लगी थी जिसमें कई सरकारी कागजात जल गए थे. 2009 में भी सचिवालय स्थित स्वास्थ्य विभाग में आग लगी थी. इसके बावजूद सरकारी कार्यालय में लगातार आग लगने के बावजूद भी वहां सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. ईटीवी भारत के रियालिटी चेक में यह बात सामने आई है.

महालेखाकार भवन का हाल: विश्वेश्वरैया भवन में आग लगने के बाद ईटीवी भारत ने बिहार सरकार के कुछ सरकारी कार्यालयों की पड़ताल की. इस पड़ताल में कई तरह की खामियां उजागर हुई है. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम राजधानी पटना महालेखाकार भवन (Patna Mahalekhakar Bhawan) पहुंची, जहां पर अगलगी की घटना से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड की जो सुविधा होनी चाहिए वह तो वहां पर मौजूद है परंतु उसकी देखभाल और साफ सफाई करने वाला कोई नहीं है. फायर ब्रिगेड के इक्विपमेंट्स की कई महीनों से सफाई नहीं की गई है. ऐसे में अगर आग लगने की घटना घटित होती है तो कैसे तुरंत आग पर काबू पाया जा सकेगा? दरअसल सरकारी कार्यालय के साथ-साथ सभी सार्वजनिक बिल्डिंग और स्थलों पर फायर ब्रिगेड से तत्काल राहत पाने के लिए फायर ब्रिगेड का इक्विपमेंट्स लगाया जाता है जिसे समय-समय पर जांच भी करना चाहिए परंतु यहां ऐसा नहीं देखने को मिल रहा है.

"हमारे पास सब इंतजाम है. इक्विपमेंट्स की साफ-सफाई भी करते हैं. कभी अगलगी की घटना हुई तो आग पर काबू पाने के इंतजाम हैं."- कर्मचारी, महालेखाकार भवन

परिवहन विभाग में नहीं है आग कंट्रोल करने की व्यवस्था: महालेखाकर भवन के बाद ईटीवी भारत की टीम सरकारी कार्यालयों में लगे इक्विपमेंट्स की जांच करने परिवहन विभाग के कार्यालय पहुंचती है तो वहां पर देखती है कि काफी पुराना बिल्डिंग है जिसे हेरिटेज के रूप में घोषित किया गया है. यहां पर परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) के कई आला अधिकारी बैठते हैं. इसके बावजूद भी वहां पर एक भी फायर ब्रिगेड के इक्विपमेंट्स देखने को नहीं मिल थे. तैनात गार्ड और कर्मचारी जो कि पिछले 30 वर्षों से काम कर रहे हैं उन्होंने बताया कि फायर ब्रिगेड से संबंधित कोई भी इक्विपमेंट्स यहां पर मौजूद नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर किसी भी तरह का अनहोनी अगलगी जैसी घटना घटित होती है तो क्या होगा?

"यहां आग पर काबू पाने की कोई व्यवस्था नहीं है. आग लगने पर फायर ब्रिगेड को सूचना दी जाएगी. तब वहां से लोग आएंगे. हम 1978 से यहां काम कर रहे हैं."- परिवहन विभाग में कार्यरत गार्ड



परिवहन विभाग भी बना लापरवाह: परिवहन विभाग के बाद ईटीवी भारत की टीम पहुंची विकास भवन इसे नया सचिवालय के नाम से जाना जाता है. वहां पर दर्जनों सरकारी विभाग के कार्यालय स्थापित है और दर्जनों मंत्री और उपमुख्यमंत्री तक बैठते हैं. पड़ताल के क्रम में जब हम विकास भवन स्थित उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के कार्यालय के कॉरिडोर में पहुंचे तो वहां एक भी फायर ब्रिगेड के इक्विपमेंट्स नहीं देखने थे. हालांकि विकास भवन में बने कुछ सरकारी कार्यालय जिसे नए रूप में बनाया गया है वहां पर जरूर फायर ब्रिगेड के सामग्री को लगाया गया है.

यहां मुक्कमल मिली व्यवस्था: अंततः ईटीवी भारत के द्वारा पड़ताल के क्रम में जब हम बिहार सरकार के सरदार पटेल भवन जहां पर पुलिस मुख्यालय स्थापित है वहां पहुंचते हैं तो वहां पर देखते हैं कि वहां पर नई बिल्डिंग बनने के कारण अगलगी की घटना से बचाव के लिए सभी तरह के इक्विपमेंट्स लगाए गए हैं. और समय-समय पर इसकी जांच भी की जाती है. जांच के दौरान हमने पाया कि 5 मई को अंतिम बार फायर ब्रिगेड से संबंधित इक्विपमेंट्स की जांच की गई थी.

पढ़ें-'घोटालों की फाइल दबाने के लिए विश्वेश्वरैया बिल्डिंग में लगा दी आग', तेजप्रताप यादव का बड़ा बयान


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पटना: राजधानी पटना के विश्वेश्वरैया भवन में अगलगी की घटना के बाद अन्य विभागों में आग से निपटने के क्या इंतजाम हैं, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. विश्वेश्वरैया भवन की आग को 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू में किया गया. इस आग में सबसे ज्यादा विश्वेश्वरैया भवन के पांचवें तल्ले पर नुकसान हुआ है. पांचवें तल्ले पर ग्रामीण कार्य विभाग का कार्यालय है.

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टीम कर रही विश्वेश्वरैया भवन अग्निकांड की जांच: इस आग में विभाग के कई फाइल जलकर खाक हो गए, जिसके बाद इस मामले की जांच करने के लिए जांच कमेटी का गठन किया गया है. इस घटना के बाद सवाल यह उठ रहा है कि बार-बार सरकारी कार्यालयों में आग लगने घटना घटित हो रही है, इसके बावजूद भी राज्य सरकार ( fire in Bihar) क्यों नहीं सजग हो रही है. हालांकि सरकारी कार्यालय में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई सरकारी कार्यालय में आग लग चुकी है.

कब-कब हुई अग्निकांड की घटना?: बता दें कि इससे पहले भी साल 2020 में पुराना सचिवालय में ग्रामीण विकास विभाग में आग लगी थी. वहीं साल 2016 में विकास भवन के स्वास्थ्य विभाग में आग लगी थी जिसमें कई सरकारी कागजात जल गए थे. 2009 में भी सचिवालय स्थित स्वास्थ्य विभाग में आग लगी थी. इसके बावजूद सरकारी कार्यालय में लगातार आग लगने के बावजूद भी वहां सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. ईटीवी भारत के रियालिटी चेक में यह बात सामने आई है.

महालेखाकार भवन का हाल: विश्वेश्वरैया भवन में आग लगने के बाद ईटीवी भारत ने बिहार सरकार के कुछ सरकारी कार्यालयों की पड़ताल की. इस पड़ताल में कई तरह की खामियां उजागर हुई है. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम राजधानी पटना महालेखाकार भवन (Patna Mahalekhakar Bhawan) पहुंची, जहां पर अगलगी की घटना से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड की जो सुविधा होनी चाहिए वह तो वहां पर मौजूद है परंतु उसकी देखभाल और साफ सफाई करने वाला कोई नहीं है. फायर ब्रिगेड के इक्विपमेंट्स की कई महीनों से सफाई नहीं की गई है. ऐसे में अगर आग लगने की घटना घटित होती है तो कैसे तुरंत आग पर काबू पाया जा सकेगा? दरअसल सरकारी कार्यालय के साथ-साथ सभी सार्वजनिक बिल्डिंग और स्थलों पर फायर ब्रिगेड से तत्काल राहत पाने के लिए फायर ब्रिगेड का इक्विपमेंट्स लगाया जाता है जिसे समय-समय पर जांच भी करना चाहिए परंतु यहां ऐसा नहीं देखने को मिल रहा है.

"हमारे पास सब इंतजाम है. इक्विपमेंट्स की साफ-सफाई भी करते हैं. कभी अगलगी की घटना हुई तो आग पर काबू पाने के इंतजाम हैं."- कर्मचारी, महालेखाकार भवन

परिवहन विभाग में नहीं है आग कंट्रोल करने की व्यवस्था: महालेखाकर भवन के बाद ईटीवी भारत की टीम सरकारी कार्यालयों में लगे इक्विपमेंट्स की जांच करने परिवहन विभाग के कार्यालय पहुंचती है तो वहां पर देखती है कि काफी पुराना बिल्डिंग है जिसे हेरिटेज के रूप में घोषित किया गया है. यहां पर परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) के कई आला अधिकारी बैठते हैं. इसके बावजूद भी वहां पर एक भी फायर ब्रिगेड के इक्विपमेंट्स देखने को नहीं मिल थे. तैनात गार्ड और कर्मचारी जो कि पिछले 30 वर्षों से काम कर रहे हैं उन्होंने बताया कि फायर ब्रिगेड से संबंधित कोई भी इक्विपमेंट्स यहां पर मौजूद नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर किसी भी तरह का अनहोनी अगलगी जैसी घटना घटित होती है तो क्या होगा?

"यहां आग पर काबू पाने की कोई व्यवस्था नहीं है. आग लगने पर फायर ब्रिगेड को सूचना दी जाएगी. तब वहां से लोग आएंगे. हम 1978 से यहां काम कर रहे हैं."- परिवहन विभाग में कार्यरत गार्ड



परिवहन विभाग भी बना लापरवाह: परिवहन विभाग के बाद ईटीवी भारत की टीम पहुंची विकास भवन इसे नया सचिवालय के नाम से जाना जाता है. वहां पर दर्जनों सरकारी विभाग के कार्यालय स्थापित है और दर्जनों मंत्री और उपमुख्यमंत्री तक बैठते हैं. पड़ताल के क्रम में जब हम विकास भवन स्थित उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के कार्यालय के कॉरिडोर में पहुंचे तो वहां एक भी फायर ब्रिगेड के इक्विपमेंट्स नहीं देखने थे. हालांकि विकास भवन में बने कुछ सरकारी कार्यालय जिसे नए रूप में बनाया गया है वहां पर जरूर फायर ब्रिगेड के सामग्री को लगाया गया है.

यहां मुक्कमल मिली व्यवस्था: अंततः ईटीवी भारत के द्वारा पड़ताल के क्रम में जब हम बिहार सरकार के सरदार पटेल भवन जहां पर पुलिस मुख्यालय स्थापित है वहां पहुंचते हैं तो वहां पर देखते हैं कि वहां पर नई बिल्डिंग बनने के कारण अगलगी की घटना से बचाव के लिए सभी तरह के इक्विपमेंट्स लगाए गए हैं. और समय-समय पर इसकी जांच भी की जाती है. जांच के दौरान हमने पाया कि 5 मई को अंतिम बार फायर ब्रिगेड से संबंधित इक्विपमेंट्स की जांच की गई थी.

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