पटना: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) के माध्यम से 'बिहारी गुंडे' कहे जाने पर बिहार की सियासत में बवाल खड़ा हो गया है. बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने इसे बिहार का अपमान बताया है. सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को माफी मांगने को कहा है. तो वहीं कांग्रेस ने टीएमसी सांसद को दिमाग की जांच करवाने की बात कही है.
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टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आईटी कमेटी की बैठक (IT Committee Meeting) में बिहारी गुंडे शब्द का प्रयोग किया था. जिसके बाद से बिहार की सियासत में हंगामा खड़ा हो गया है. दिल्ली में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Nishikant Dubey) ने इस बयान पर विरोध जताते हुए टीएमसी सांसद की कड़ी निंदा की है.
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि टीएमसी सांसद के इस बयान से बिहारियों का अपमान नहीं बल्कि पूरे हिंदीभाषी प्रदेश का अपमान हुआ है. ऐसे बयान से नफरत फैलेगी. टीएमसी सांसद के इस बयान पर बिहार बीजेपी के विधायक हरी भूषण ठाकुर बचौल ने कहा है कि ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि टीएमसी को शायद पता नहीं है कि 'एक बिहारी 100' पर भारी होता है. ऐसे सांसद पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए वरना मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा.
दुनिया उनकी गुंडागर्दी देखी है. बिहार तो गुरु गोविंद सिंह, माता जानकी, विद्यापति की धरती है. 1बिहारी 100 पर भारी होता है. इसलिए उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. इस बयान को लेकर उन्हें माफी मांगना चाहिए. बिहार के बगैर भारत का इतिहास अधूरा है. वे तो स्वयं गुंडा हैं.-हरी भूषण ठाकुर बचौल, बीजेपी नेता
टीएमसी सांसद के बयान पर राजद ने भी निंदा की है. राजद विधायक मुकेश रोशन ने कहा है कि उनका यह बयान बचकाना है. उन्होंने कहा है कि इस तरह के शब्दों को कहीं स्थान नहीं देना चाहिए. बिहारी गुंडा नहीं होते हैं, बल्कि बिहारी प्रतिभाशाली होते हैं. अपने प्रभाव ज्ञान विद्वता के माध्यम से देश भर में छाए रहते हैं. बिहार से अधिक आईएएस, आईपीएस की नियुक्ति भी देशभर में होती है. उन्होंने कहा है कि टीएमसी सांसद को इस तरह के शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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इस तरीके के शब्दों को लोकतंत्र में कहीं स्थान नहीं है. बिहारी प्रतिभाशाली हैं. बिहार से कई लोग निकलकर आईएस और आईपीएस बने हैं. बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. बिहारी के बारे में और जगहों पर कहा जाता है कि एक बिहारी सौ पर भारी. टीएमसी सांसद को इस तरीके के शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. -मुकेश रोशन, राजद विधायक
वहीं सीपीआईएम के विधायकों ने कड़ी निंदा की है. सीपीआईएम के विधायक मनोज मंजिल ने कहा है कि यह उनका बयान गैर जिम्मेदाराना है. उन्होंने कहा है कि बिहार के लोग 1857 के आंदोलन का नेतृत्व किया है. कई लोग देश के लिए शहीद हुए हैं और अभी भी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बड़े-बड़े जन आंदोलन करते हैं. उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए.
यह गैरजिम्मेदाराना बयान है. बिहार के लोगों ने 1857 के आंदोलन में शहादत दिया है. आजादी की लड़ाई में बिहार के लोगों ने अपनी जान कुर्बान की है. अभी भी न्याय, लोकतंत्र और गरीबों के लिए बड़े-बड़े जन आंदोलन किए जाते हैं. टीएमसी सांसद को अपना बयान वापस लेना चााहिए. -मनोज मंजिल, विधायक सीपीआईएम
महुआ मोइत्रा की औकात को बताना चाहता हूं. उनकी राजनीतिक के अंदर जो प्रतिस्थापन एक डांसर के रूप में हुई है. इस बयान पर कार्रवाई क्या होगा यह तो मैं भी जानता हूं. लेकिन मैंने जैसे को तैसे जवाब दे दिया है. -सत्येंद्र यादव, विधायक सीपीआईएम
टीएमसी सांसद के बयान पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि इस बयान से बिहार का अपमान हुआ है. महिला लक्ष्मी, सरस्वती का रूप होती हैं. लेकिन इस तरह का बयान उनके जुबान से निकलना ठीक नहीं है. उन्हें अपने दिमाग का इलाज करवाना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा है कि टीएमसी सांसद को पूरे बिहारियों से माफी मांगनी चाहिए.
एक महिला मां, बहन और भगवती का रूप होती हैं. उन्हें इस तरीके की बातें नहीं करनी चाहिए थी. यदि कोई व्यक्तिगत किसी को कोई बोलता है तो उसको व्यक्तिगत ही बोलना चाहिए न कि पूरे 'बिहारी गुंडे' होते हैं, यह कहना ठीक नहीं है. अगर उनका दिमाग खराब हो गया है तो उन्हें डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए. -अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक