पटना: जेडीयू के कद्दावर नेता और केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा (RCP Singh Resigns ) सौंप दिया है. आरसीपी सिंह जनता दल यूनाईटेड (JDU) के कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री थे. उन्हें नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने सांसद के तौर पर अगला कार्यकाल नहीं दिया है. बता दें कि आज ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया है. दोनों ही नेताओं का राज्यसभा सांसद के तौर पर 7 जुलाई को अंतिम दिन है.
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आरसीपी सिंह ने दिया इस्तीफा: आरसीपी सिंह पिछले कुछ समय से जदयू से नाराज चल रहे हैं. दरअसल, आरसीपी सिंह का राज्यसभा में बतौर सांसद कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है. बिना सांसद रहे कोई भी व्यक्ति अधिक से अधिक 6 महीने तक ही मंत्री रह सकता है. अब ऐसे में वह इस्तीफा देते हैं कि नहीं इसपर सबकी नजर टिकी हुईं थीं. जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा सांसद नहीं बनाया और खीरू महतो को जेडीयू ने राज्यसभा पहुंचाया है. ऐसे में सिंह की नाराजगी काफी बढ़ गयी है.
इस्तीफे के सवालों पर RCP साधते रहे चुप्पी: इससे पहले जब भी पत्रकारों ने आरसीपी सिंह से उनके इस्तीफे को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा ''ये प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, हम उनके पास जाएंगे और कहेंगे सर मेरे लिए क्या आदेश है..? वो मंत्री से कभी भी इस्तीफा मांग सकते हैं और हम भी कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं. नरेंद्र मोदी हमारे सर्वमान्य नेता हैं उनसे बात करेंगे सबलोग. हमें पार्टी ने अब तक कोई आदेश नहीं दिया है. इस बीच उनके बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगायी गयी थी. इस सवाल पर भी आरसीपी सिंह कन्नी काट गए थे.
मुख्तार अब्बास नकवी का मोदी कैबिनेट से इस्तीफा: बता दें कि मुख्तार अब्बास नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल गुरुवार (7 जुलाई) को खत्म हो रहा है. भाजपा ने हाल ही में हुए राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में उन्हें कहीं से उम्मीदवार नहीं बनाया था. तभी से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें कोई नई भूमिका सौंप सकती है. मुख्तार अब्बास नकवी केंद्र की मोदी सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरा थे. साथ ही नकवी और राजनाथ सिंह, पीएम मोदी की सरकार में केवल दो मंत्री हैं जो अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में भी थे.