पटनाः शिक्षकों को शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू कराने के काम में लगाने के सरकारी आदेश का अब विपक्ष पुरजोर विरोध कर रहा है. मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के बाद अब कांग्रेस ने भी सरकार पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने (Rajesh Rathod On Government Order For Teacher) कहा कि इस काम से शिक्षकों का सम्मान प्रभावित होगा. सीएम खुद सोचें की शिक्षक और शिक्षिकाओं को ऐसे कामों में कैसे लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस आदेश को जल्द से जल्द वापस लिया जाए.
ये भी पढ़ें: झुकेगी सरकार! बिहार में शराबबंदी कानून में होगा संशोधन, न्यायपालिका पर घटेगा बोझ
कांग्रेस नेता राजेश राठौड़ ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर जिस तरह के काम शिक्षकों को दिए गए हैं, इससे बिहार की पूरे देश में जगहंसाई हो रही है. राजेश राठौड़ ने साफ कहा कि शिक्षकों को पहले ही शिक्षा के अलावा कई काम दिए गए हैं. अब शिक्षक पियक्कड़ों और शराब तस्करों की भी सूचना सरकार या प्रशासन को देंगे. सरकार ने जो आदेश दिया है, वह बिल्कुल गलत है.
जो काम आज शिक्षकों को मुख्यमंत्री ने दिया है, वह जदयू नेताओं और कार्यकर्ता को देना चाहिए. लेकिन यहां उल्टा दिख रहा है. जदयू के नेता और कार्यकर्ता शराब तस्करी में लगे हैं और बिहार सरकार शिक्षकों से पियक्कड़ों और शराब तस्करों की सूचना मांग रही है.
'सरकार ने जो आदेश दिया है, वह गलत है. बिहार में शराबबंदी है या नहीं, यह मुख्यमंत्री अच्छे से जानते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में 30 से 40% शिक्षिकाएं स्कूलों में कार्यरत हैं. अगर वह पियक्कड़ या शराब तस्कर के बारे में कोई जानकारी प्रशासन को देगें शराब तस्करी करने वाले लोग शिक्षकों को ही निशाना बनाना शुरू कर देंगे. इसलिए हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हैं कि जो आदेश शिक्षा विभाग ने दिया है, इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाए'-राजेश राठौर, कांग्रेस नेता
आपको बता दें कि शुक्रवार को शिक्षा विभाग (Bihar Education Department Notification) के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है. जिसमें यह स्पष्ट कहा गया है कि सभी स्कूलों में शिक्षा समिति की बैठक बुलाकर बताया जाए कि शिक्षकों को नशाबंदी को लेकर लोगों को जागरूक करना है. अगर कोई शराब पीते हुए या शराब बेचते हुए मिलता है तो उसकी जानकारी टोल फ्री नंबर पर देनी है.
ये भी पढ़ें: बिहार में होगा शराबबंदी के सकारात्मक पक्ष का सर्वे, सियासी दलों की मांग- नकारात्मक पक्ष भी आना चाहिए सामने
दरअसल, बिहार में शराबबंदी के बावजूद चोरी-छिपे शराब के सेवन और जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर सरकार की सख्ती जारी है. कई बार स्कूल कैंपस से शराब की बोतलें मिलने और स्कूल कैंपस में स्कूल अवधि के बाद शराब पीने की खबरों को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. सभी जिलों को ये भी निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल अवधि के बाद भी स्कूल कैंपस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP