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मसौढी में लगा रबी किसान चौपाल, किसानों को खेतों में पराली जलाने के दुष्प्रभावों की दी जानकारी

Rabi Kisan Chaupal In Masaurhi: खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को अब गांव-गांव में किसान पाठशाला के जरिए जागरूक किया जा रहा है. पटना के मसौढ़ी में भी रबी किसान चौपाल आयोजित कर खेतों में पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई.

मसौढी में लगा रबी किसान चौपाल
मसौढी में लगा रबी किसान चौपाल
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 29, 2023, 7:22 PM IST

पटना: बिहार के गांवों में किसान पाठशाला लगाकर खेतों में पराली नहीं जलाने को लेकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है. उन्हें बताया जा रहा है कि खेतों में पराली जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है, बल्कि वातावरण भी प्रदूषित होता है. मिट्टी के मित्र कीट मर जाते हैं, इसके अलावा कई सूक्ष्म में पोषक तत्व भी खत्म हो जाते हैं.

रबी किसान चौपाल का आयोजन: इसी कड़ी में पटना के मसौढ़ी में रबी किसान चौपाल लगाया गया और किसानों को जागरूक किया गया. खेती में ज्यादा से ज्यादा रसायनिक खाद्द का प्रयोग करना पड़ता है, जिसको लेकर कृषि सलाहकार की टीम अपने-अपने पंचायत के गांव-गांव में घूम कर खेतों में खेत पाठशाला लगा रही है.

खेतों में पराली जलने से जिला प्रशासन चिंतित: इसको लेकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी शकील अहमद खान ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशानुसार लगातार जल रही खेतों में पराली से जिला प्रशासन चिंतित है. लगातार हवा खराब होती जा रही है, ऐसे में अब तक दर्जनों किसानों पर कार्रवाई भी की गई है. लेकिन इन सभी के बीच अब एक जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

किसानों को किया गया जागरूक: बीडीओ ने बताया कि किसान पाठशाला लगाई जा रही है और किसानों को रबी की फसल कैसे लगे, इसके अलावा मुख्यमंत्री तीव्र विस्तार योजना के तहत अनुदानित बीज के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है.

"मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायत में सभी किसान सलाहकार और कृषि समनव्यक और किसान सलाहकारों के माध्यम से गांव-गांव में किसानों को किसान पाठशाला लगाकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है कि पराली न जलाएं. बल्कि उसे मिट्टी में ही दबाकर उसे डीकंपोज करें ताकि वह खाद्द बन जाए और आने वाली फसल के लिए वह लाभदायक हो."- शकील अहमद खान, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, मसौढ़ी

पढ़ें: मसौढ़ी में किसान चौपाल का आयोजन, गीत-संगीत के जरिए बताए आधुनिक खेती के गुर

पटना: बिहार के गांवों में किसान पाठशाला लगाकर खेतों में पराली नहीं जलाने को लेकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है. उन्हें बताया जा रहा है कि खेतों में पराली जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है, बल्कि वातावरण भी प्रदूषित होता है. मिट्टी के मित्र कीट मर जाते हैं, इसके अलावा कई सूक्ष्म में पोषक तत्व भी खत्म हो जाते हैं.

रबी किसान चौपाल का आयोजन: इसी कड़ी में पटना के मसौढ़ी में रबी किसान चौपाल लगाया गया और किसानों को जागरूक किया गया. खेती में ज्यादा से ज्यादा रसायनिक खाद्द का प्रयोग करना पड़ता है, जिसको लेकर कृषि सलाहकार की टीम अपने-अपने पंचायत के गांव-गांव में घूम कर खेतों में खेत पाठशाला लगा रही है.

खेतों में पराली जलने से जिला प्रशासन चिंतित: इसको लेकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी शकील अहमद खान ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशानुसार लगातार जल रही खेतों में पराली से जिला प्रशासन चिंतित है. लगातार हवा खराब होती जा रही है, ऐसे में अब तक दर्जनों किसानों पर कार्रवाई भी की गई है. लेकिन इन सभी के बीच अब एक जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

किसानों को किया गया जागरूक: बीडीओ ने बताया कि किसान पाठशाला लगाई जा रही है और किसानों को रबी की फसल कैसे लगे, इसके अलावा मुख्यमंत्री तीव्र विस्तार योजना के तहत अनुदानित बीज के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है.

"मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायत में सभी किसान सलाहकार और कृषि समनव्यक और किसान सलाहकारों के माध्यम से गांव-गांव में किसानों को किसान पाठशाला लगाकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है कि पराली न जलाएं. बल्कि उसे मिट्टी में ही दबाकर उसे डीकंपोज करें ताकि वह खाद्द बन जाए और आने वाली फसल के लिए वह लाभदायक हो."- शकील अहमद खान, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, मसौढ़ी

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