पटना: भारत छोड़ो आंदोलन के 81वीं वर्षगांठ के मौके पर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम से विधानसभा गेट के सामने शहीद स्मारक तक पैदल मार्च किया गया. हालांकि इस दौरान राजापुर पुल के पास प्रशासन की अनुमति न होने के कारण कांग्रेस नेताओं को रोक दिया गया, लेकिन उसके बाद कुछ संख्या में नेताओं को जाने की इजाजत दी गई.
कांग्रेस ने निकाला पैदल मार्च: कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के नेतृत्व में काफी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शहीद स्मारक पहुंचे और शहीदों के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके साथ ही शकील अहमद ने पार्टी के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं को देश की एकता अखंडता और भाईचारा एक्शन रखना का प्रतिज्ञा दिलाया. कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि यह बहुत ही ऐतिहासिक क्षण है.
"भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और उसके संग्राम में हमारे पुरखों ने अपनी जान की कुर्बानियां दी. देश के लिए शहीद हुए. 1942 में 8 अगस्त रेजोल्यूशन मुंबई में पास हुआ, उस वक्त के ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मौलाना आजाद थे. 8 अगस्त को रेजोल्यूशन पास होने के बाद 9 अगस्त को महात्मा गांधी, पंडित नेहरू सरीखे जितने भी देश के बड़े नेता थे उन्हें ब्रिटिश हुकूमत ने कैद कर लिया था."- शकील अहमद खान, कांग्रेस विधायक दल के नेता
याद की कुर्बानी.. ली शपथ: शकील अहमद खान ने आगे कहा कि रेजोल्यूशन जिस प्रकार पास हुआ और अंग्रेजी साम्राज्यवाद ने देश की आम जनता और कांग्रेस नेताओं के प्रति जो व्यवहार किया, उसके प्रति रोष उत्पन्न हुआ. इसी के साथ हजारों लोग अलग-अलग जगह पर शहीद हुए. पटना बिहार जो क्रांति की जगह है, यहां भी काफी लोग शहीद हुए और उन्हें वह नमन करने आए हुए हैं.
"कांग्रेस पार्टी ने आजादी की लड़ाई लड़ी और 1947 में अंग्रेज तो चले गए लेकिन अपने कुछ लोग छोड़ गए. हम लोग जब आजादी की लड़ाई कर रहे थे, तो उस समय यह था देश की अखंडता अक्षुणता भाईचारा सब हम बचा कर रखेंगे. संविधान जो बना, इसे बचाने की कसमें खाई गई. आज दिक्कत यह हो गई है उस आजादी के ऊपर, उस बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के ऊपर संकट उत्पन्न हो गया है. आज संविधान निर्माताओं के बताए गए रास्ते से देश के कुछ लोग भटक गए हैं."- शकील अहमद खान, कांग्रेस विधायक दल के नेता