पटना: बिहार में पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. कई नए प्रत्याशी चुनाव में हाथ आजमाने की तैयारी में हैं. बस इंतजार है तो चुनाव आयोग की तरफ से तारीखों के तय किए जाने का. लेकिन पंचायत चुनाव भी सिर्फ वादे वाले चुनाव बनकर ही रह गए हैं. पांच साल पहले किए गए वादे पूरे नहीं होते कि नया चुनाव आते ही नए वादों की झड़ी लग जाती है. पूराने वादे नए चुनाव में फिर दोहराए जाते हैं. पटना से सटे पुनपुन प्रखंड के कुछ इलाकों का भी यही हाल है.
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गांव के रास्ते पर जमा रहता है नाली का पानी
ईटीवी के रिपोर्टर ने पुनपुन प्रखंड के पोठहीं गांव में एक ऐसी ही चुनावी वादे की जमीनी हकीकत की जांच की है. इस गांव की समस्या ऐसी है कि इससे सिर्फ ग्रामीण ही नहीं बल्कि गांव से होकर गुजरनेवाले हर राही को दो चार होना पड़ता है. इस गांव के लोग बिना बरसात के ही जमाव वाली नरकीय स्थिति में जीने को मजबूर हैं. गांव की गलियों में बिना बरसात के ही घुटने भर पानी भरा रहता है. यहां के स्थानीय लोग इसी समस्या से कई दिनों से जूझ रहे हैं.
मुखिया कहते हैं, फंड की कमी है
यह सड़क एनएच 83 जुड़ी है. एनएच से लेकर ही पूरे गांव के अंदर तक सड़क का यही हाल है. गांव की आबादी अधिक होने के कारण इस मुख्य मार्ग से होकर प्रतिदिन करीब 1000 विद्यार्थियों और ग्रामीण गुजरते हैं. मजबूरी में इन लोगों को नाली के गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है. इस बारे में जब गांव के मुखिया तथा वार्ड सदस्य से इस बारे में ईटीवी के रिपोर्टर ने पूछा तो मुखिया जी वहीं पूराना राग आलापते नज़र आए कि फंड नहीं है, फंड आते ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.
पंचायत चुनाव में बनेगा मुद्दा
बताते चलें कि नाली जाम रहने के कारण हमेशा नाली का पानी बहकर सड़क पर जमा हो जाता है. इस समस्या को लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश का भाव व्याप्त है. अब आगे यह देखना है कि क्या जन प्रतिनिधि इस तरह की समस्या को सुलझा पाते हैं, या इस बार भी चुनाव में वादा करके भमल जाएंगे.