पटना: राजधानी के डाक बंगला रोड स्थित इलाहाबाद बैंक में कर्मियों ने बैंक के विलय के खिलाफ जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया. बैंक कर्मचारियों ने बैंक के रीजनल शाखा ऑफिस से होते हुए स्टेशन गोलंबर तक का विरोध मार्च निकाला.
रिटायर्ड कर्मियों ने भी लिया हिस्सा
बिहार राज्य इलाहाबाद बैंक स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले निकाले गए इस विरोध-प्रदर्शन की अगुवाई एसोसिएशन के महामंत्री उत्पल कांत कर रहे थे. बताया जाता है कि इस दौरान पटना के आलावे देश के अन्य राज्यों के इलाहाबाद बैंक कर्मी शामिल हुए. इस विरोध-प्रदर्शन में बैंक के अधिकारियों के अलावा रिटायर्ड कर्मियों ने भी हिस्सा लिया.
'राजनीति से प्रेरित है बैंको का विलय'
मामले पर इलाहाबाद बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था ताकि हर समाज को बैंक का लाभ मिले. लेकिन आज सरकार की विलय नीति ठीक इसके विपरीत दिशा की ओर जा रही है. इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में किया जा रहा है, जो पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है.
'राष्ट्रीय धरोहर है इलाहाबाद बैंक'
विरोध-प्रदर्शन कर रहे बैंक कर्मियों का कहना था कि इलाहाबाद बैंक राष्ट्रीय धरोहर है. इस बैंक का मर्जर एक छोटे से बैंक में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय धरोहर को बचाने की रक्षा के लिए प्रदर्शन की जा रही है. इलाहाबाद बैंक 1865 का है जिसने दोनों विश्वयुद्ध देखा है. इस बैंक के कई रीजनल ऑफिस के भवन राष्ट्रीय धरोहर में आते हैं. इसको बचाने के लिए सरकार के खिलाफ ऐसे ही विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा.
'भयावह रूप लेगा आंदोलन'
प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सभी कर्मियों का हस्ताक्षर लेकर सरकार को मर्जर विरोध का पत्र लिखा जाएगा. सरकार के अपने फैसले को वापस लेने तक कर्मी बैंक के मर्जर का विरोध करते रहेंगे. अगर सरकार नहीं सुनती है, तो आने वाले समय में यह आंदोलन और भयावह रूप लेगा.