पटना: राजधानी पटना के कुम्हरार इलाके में पीने का पानी की किल्लत है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वार्ड पार्षद ने साजिश के तहत क्षेत्र में बोरिंग नहीं कराई. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात महत्वकांक्षी निश्चय योजना में नल और जल योजना भी शामिल है. जिसके तहत करोड़ों रुपये खर्च किए गए. इसी के खिलाफ स्थानीय लोगों ने वार्ड पार्षद के खिलाफ एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन (protest against ward Councillor) किया. प्रदर्शन कुम्हरार सामुदायिक भवन परिसर में किया गया था.
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पानी के लिए तरस रहे लोग: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वार्ड नम्बर 55 में पानी के पानी के लिए लोग तरस गए हैं. गर्मी के दिनों में हालत और खराब हो जाती है. यदि पार्षद ने अपना काम ठीक से किया होता तो ऐसी स्थिति नहीं होती. कई जगहों पर लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ रहा तो कई इलाकों में लोगों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है. प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि क्षेत्र में बोरिंग कराने का काम शुरु किया जाए. यदि ऐसा नहीं होता है तो पार्षद के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा.
पार्षद ने आरोपों को किया खारिज: वहीं जब इस मामले पर वार्ड की पार्षद कुमुद चौधरी (Councilor Kumud Choudhary) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. पूरे क्षेत्र में नज जल योजना के तहत बोरिंग का कार्य हुआ है. लेकिन कुछ लोगों ने साजिश के तहत बोरिंग को ठप कर दिया है. अब मुझ पर आरोप लगाकर लोगों को एकत्रित कर प्रदर्शन कर रहे है. पार्षद ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जल पर सभी का अधिकार है. यदि समस्या है तो इसको जल्द सुलझा लिया जाएगा.
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