पटना: बिहार सरकार ने नई शिक्षक नियमावली को लेकर वेतन तय कर दिया है. बिहार टीईटी शिक्षक संघ ने सरकार की इस रवैए का विरोध किया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि सरकार एक बार फिर से शिक्षक को और शिक्षक अभ्यर्थियों को ठगने का काम कर रही है. अधिकारी चुनने की परीक्षा और वेतन चपरासी का दिया जाएगा. उससे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा. सरकार का यह निर्णय शिक्षकों को अपमानित करने का प्रयास है.
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वेतनमान के नाम पर शिक्षकों को लॉलीपॉप थमाया: बिहार टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि इससे पहले जब 2015 में शिक्षकों द्वारा हड़ताल किया गया था. तभी सरकार ने वेतनमान देने का वादा किया और शिक्षकों को लॉलीपॉप थमा दिया. अभी विद्यालयों में तीन संवर्ग के शिक्षक हो जाएंगे. एक जो नियोजित शिक्षक है और 9300 के पे स्केल का वेतनमान पाते हैं. दूसरे वह जो पंचायती राज और नगर निकाय के संस्थानों के तहत बहाल शिक्षक हैं और तीसरे वह जो बीपीएससी की परीक्षा पास कर चपरासी के समतुल्य वेतन प्राप्त करेंगे और सरकार का यह निर्णय शिक्षकों को अपमानित करने का प्रयास है.
"बीपीएससी के माध्यम से अधिकारी चुनने की परीक्षा सरकार ले रही है और वेतन चपरासी का दिया जा रहा है. अभी विद्यालयों में तीन संवर्ग के शिक्षक हो जाएंगे. बीपीएससी की परीक्षा की बात मान भी ली जाए तो यह वेतनमान कहीं से स्वीकारी नहीं है." -अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार टीईटी शिक्षक संघ
वेतनमान कहीं से स्वीकार नहीं: उन्होंने कहा कि टीईटी शिक्षक संघ सरकार की इस रवैए का विरोध करता है और यह शिक्षकों के साथ बिल्कुल ही वादाखिलाफी है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस वेतनमान और बहाली के खिलाफ शिक्षक सड़क से लेकर कोर्ट तक का रुख करेंगे. अब तक महागठबंधन के नेताओं ने खासकर तेजस्वी यादव ने जो वादे किए थे उससे वह पूरी तरह से मुकर रहे हैं. अब बीपीएससी की परीक्षा की बात मान भी ली जाए तो यह वेतनमान कहीं से स्वीकारी नहीं है. .
बीपीएससी परीक्षा में शिक्षक शामिल नहीं होंगे: बिहार शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार ने कहा कि वह खुद एक प्राथमिक शिक्षक हैं और 29650 का वेतन पाते हैं. इस नए निर्देश के तहत जब वह बीपीएससी परीक्षा को पास कर जाएंगे तो 25000 उनका वेतन मान होगा. चाहे प्राथमिक शिक्षक हो या माध्यमिक शिक्षक या उच्च माध्यमिक शिक्षक हो. सरकार ने जो नया वेतनमान तय किया है वह वर्तमान मूल वेतन मान से कम है. ऐसे में कोई भी बीपीएससी परीक्षा में शिक्षक शामिल नहीं होंगे.
"नियम बनाकर सरकार चाहती है कि शिक्षकों की मांग अधूरी रहे और इसके लिए शिक्षक कोर्ट जाएं और फिर कोर्ट का हवाला देकर कि मामला कोर्ट में है. सरकार इस मामले से अपना पल्ला झाड़ ले.सरकार ने जो नया वेतनमान तय किया है वह वर्तमान मूल वेतन मान से कम है. ऐसे में कोई भी बीपीएससी परीक्षा में शिक्षक शामिल नहीं होंगे."- केशव कुमार, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार शिक्षक संघ