पटना: जलजमाव की समस्या अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि महामारी का डर शुरू हो गया है. राजधानी के बीचों-बीच घनी आबादी वाली जगह पर कूड़ा डंपिंग केंद्र बना दिया गया है, जिसकी गंदगी और बदबू से दर्जनों इलाके प्रभावित हो रहे हैं. डंपिंग केंद्र को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को जनसंघर्ष मोर्चा और स्थानीय लोग अनिश्चितकालीन धरना दिया.
डम्पिंग केंद्र से महामारी फैलने की आशंका
पटना सिटी के बीच निगम प्रसाशन ने राज्य के दो बड़े अस्पताल, ऐतिहासिक धार्मिक स्थल और घनी आबादी की अनदेखी करते हुए कूड़ा डंपिंग केंद्र बनाया है. जिससे महामारी फैलने की संभावना बढ़ गयी है. इसकी वजह से स्थानीय लोग, मरीज और मंदिर जाने वाले दर्शनार्थियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. यहां बदबूदार कूड़े के ढेर के साथ दर्जनों मरे हुए जानवर पड़े हैं, जिनकी दुर्गंध से पूरा इलाका ग्रसित है.
कूड़ा डम्पिंग केंद्र हटाने की है मांग
मामले में जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि कूड़ा डंपिंग केंद्र हटाने को लेकर संवेदनहीन सरकार के खिलाफ हम पिछले तीन साल से लगे हैं. पहले हमने हस्ताक्षर अभियान, प्रेस विज्ञप्ति और पत्राचार के माध्यम से सरकार को अपनी समस्याओं से रूबरू कराया. हालांकि निरंकुश और बेशर्म सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. साथ ही उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि समस्या दूर होने तक धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.