पटना/हजारीबागः सीएए-एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश भर में विरोध-प्रदर्शन का दौर चल रहा है. हजारीबाग में भी पूर्व सांसद पप्पू यादव के नेतृत्व में जनसभा कर इसके विरोध में आवाज बुलंद की गई. कार्यक्रम का आयोजन हजारीबाग के इस्लामिया स्कूल परिसर में किया गया था, जहां पप्पू यादव और कई वक्ताओं ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ अपना विरोध जताया और कहा कि देश में इसे लागू नहीं किया जा सकता है.
बहुसंख्यक समाज को एकजुट करना चाहती है सरकार
हजारीबाग में पूर्व सांसद पप्पू यादव के नेतृत्व में संविधान बचाओ, देश बचाओ के बैनर तले जनसभा का आयोजन किया गया, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी बातें रखीं. इस दौरान पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह वोट बैंक की राजनीति कर बहुसंख्यक समाज को एकजुट करना चाहती है. इस कारण सीएए और एनआरसी लाई है. यह एक्ट केवल मुस्लिमों के विरुद्ध नहीं है, बल्कि यह भारतीय सभ्यता और संस्कृति के भी खिलाफ है. पप्पू ने कहा कि भारत की संस्कृति आपसी एकता और भाईचारे की प्रतीक है. जहां सभी धर्म के लोगों को समान इज्जत मिली है, लेकिन अब मोदी सरकार समाज में द्वेष फैलाना चाहती है.
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'लोकतांत्रिक ढंग से विरोध करें'
पप्पू यादव ने अपने भाषण में यह भी कहा कि हम सभी एक परिवार के लोग हैं, जिसमें न कोई हिंदू है और न मुस्लिम, सब पहले इंसान हैं. इंसानियत को ध्यान में रखकर हमें कोई भी कदम उठाना चाहिए, आपसी भेदभाव देश को पीछे कर रहा है. उन्होंने अमित शाह पर भी कड़ा प्रहार किया और कहा कि उन्होंने यह एक्ट लाकर समाज को दो टुकड़ों में करने का काम किया है. अभी यह लड़ाई लंबी रहेगी और सबों को एकजुट होकर इसका विरोध करना है. उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक ढंग से इसका विरोध करेंगे और सोशल साइट्स के माध्यम से अपनी लड़ाई लड़ेंगे न कि सड़क पर उतरकर हिंसा का मार्ग अपनाएंगे. पप्पू यादव ने मुस्लिम समुदाय को एकजुट रहने की भी सलाह मंच से दी. उन्होंने यह भी कहा कि 50 से अधिक रीट सुप्रीम कोर्ट में एनआरसी और सीएए के खिलाफ दायर किये गये हैं. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अपना आदेश देगी, किसी भी कीमत में यह एक्ट देश में लागू नहीं हो सकता है. उन्होंने सूबे के हेमंत सरकार से भी आग्रह किया है कि वह इस एक्ट को राज्य में लागू नहीं होने दें.
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'जामिया की घटना दुर्भाग्यपूर्ण'
जन अधिकार पार्टी के संरक्षक ने जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि छात्रों पर गोली चलाई गई और उनपर बर्बरतापूर्वक लाठी बरसाई गई. यह किसी भी देश के लिए शुभ नहीं है. उन्होंने कहा कि रात के 11:00 बजे से वह वहां खुद थे और देखा कि किस तरह से पुलिस ने यह कार्रवाई की. वहां की बहनों ने अपने भाइयों की रक्षा के लिए रात भर खड़ी रहीं.