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पटना में BPSC अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, दो दिन परीक्षा लेने और परसेंटाइल सिस्टम का विरोध

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Published : Aug 26, 2022, 9:46 AM IST

Updated : Aug 26, 2022, 2:40 PM IST

बिहार लोक सेवा आयोग 67 वीं संयुक्त पीटी प्रतियोगिता परीक्षा दो दिन लेगा. यह 20 और 22 सितंबर को ली जाएगी. परसेंटाइल सिस्टम से रिजल्ट तैयार किया जाएगा. अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं. बीपीएससी में परसेंटाइल सिस्टम के खिलाफ आज छात्रों ने बीपीएससी कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि परीक्षा एक दिन में ही होनी चाहिए. बीच में परीक्षा के नियम नहीं बदलने चाहिए ये सरासर गलत है.

बिहार लोक सेवा आयोग
बिहार लोक सेवा आयोग

पटनाः पेपर लीक होने की वजह से रद्द हुई बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा (67th BPSC PT Exam) की नई तिथि की घोषणा आयोग ने कर दी है. 67 वीं पीटी परीक्षा अब 20 और 22 सितंबर को होगी. इस बार परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम लागू किया गया है, लेकिन इस सिस्टम लागू किए जाने से अभ्यर्थियों में रोष है और इस रोष को प्रकट करने के लिए आज बीपीएससी कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ेंः सितंबर में होगी बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा, पेपर लीक होने के कारण रद्द हुआ था एग्जाम

छात्र कर रहे परसेंटाइल सिस्टम का विरोधः छात्र नेता दिलीप कुमार बताया कि आयोग ने 2 दिन में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है और परसेंटाइल सिस्टम में धांधली होने की आशंका है. उन लोगों की एक ही मांग है कि परीक्षा एक दिन में ही आयोजित की जाए और उसी के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार किया जाए. 2 दिन परीक्षा आयोजित की जाएगी तो दोनों दिन परीक्षा का क्वेश्चन का लेवल अलग-अलग होगा. वहीं, बिहार लोक सेवा आयोग के चेयरमैन अतुल प्रसाद का कहना है कि इस बार परसेंटाइल सिस्टम से रिजल्ट तैयार किया जाएगा और ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार पीटी परीक्षा में छह लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं और कदाचार मुक्त परीक्षा का आयोजन करने के उद्देश्य से 2 दिन में परीक्षा आयोजित की जा रही है.

बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन का निर्णयः बताते चलें कि 802 पदों के लिए मुख्य परीक्षा के लिए 10 गुना लगभग 8000 अभ्यर्थियों का आरक्षण कोटि के हिसाब से बटरफ्लाई होगा. परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की आंसर शीट की चेकिंग की जाएगी और उत्तर पुस्तिका चेक करने से पहले सॉफ्टवेयर का मॉक चेक कर दिया जाएगा ताकि कहीं कोई त्रुटि नहीं रह जाए. अभ्यर्थियों की आंख और अंगूठे का निशान लेकर परीक्षा हॉल में प्रवेश करने दिया जाएगा और जो भी फिंगरप्रिंट नहीं देना चाहेंगे उन्हें परीक्षा से वंचित रखा जाएगा. इसके साथ ही बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन ने निर्णय लिया है कि आयोग के वेबसाइट पर अभ्यर्थी अपने आंसर शीट को चेक कर पाएंगे.

अभ्यर्थियों को ऐच्छिक विषय बदलने की छूटः इसके लिए मुख्य परीक्षा की कॉपी स्कैन करके डाली जाएगी ताकि आरटीआई से अंक संबंधित जानकारी मांगने की आवश्यकता ना पड़े. परीक्षा में क्वेश्चन लिख से बचने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए जाएंगे और संवेदनशील सेंटर पर अतिरिक्त टीम तैनात की जाएगी. हर परीक्षा केंद्र का एक यूनिक कोड होगा इससे प्रश्न पत्र की पहचान की जाएगी कि कौन सा प्रश्न किस परीक्षा केंद्र का है. वहीं, प्रारंभिक परीक्षा के बाद एक बार अभ्यर्थियों को अपने ऐच्छिक विषय बदलने का भी आयोग इस बार से मौका दे रहा है.

38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र पर हुई थी परीक्षा : पेपर लीक का ये मामला उस समय हुआ था, जब 8 मई को बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा ली जा रही थी. इस परीक्षा में लगभग 5 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पूरे राज्य से शामिल हुए थे. बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर राज्य के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. राजधानी पटना में ही अकेले 83 केंद्रों पर 55710 छात्र परीक्षा दे रहे थे. लेकिन अचानक सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ये खबर आने लगी कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. दरअसल टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही वायरल हो चुके था. बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है. छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गए. इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा. इस पूरे मामले के बाद सरकार और प्रशासन में हड़कंप मच गया. इसे लेकर पूरे देश में बिहार सरकार की फजीहत होने लगी. पूरे मामले पर सख्ती से निपटने का आदेश जारी किया गया.

बीपीएससी पेपर लीक मामले में कई गिरफ्तार : गिरफ्तार अभियुक्तों से मिली जानकारी के बाद टीम ने राजधानी पटना के कदमकुआं स्थित एक किराए के मकान से दो युवकों को गिरफ्तार किया. जिसके बाद से पूरे मामले की परत दर परत खुलती चली गई. आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार इसी किराए के मकान को कंट्रोल रूप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. यहीं से पेपर लीक की सारी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था. उसके बाद इस मामले में कई लोगों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार किया गया. मामले में गहन जांच के बाद एसआईटी ने 9 आरोपियों के खिलाफ आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज कराया. इसमें धारा 420 467 468 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है. मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


पटनाः पेपर लीक होने की वजह से रद्द हुई बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा (67th BPSC PT Exam) की नई तिथि की घोषणा आयोग ने कर दी है. 67 वीं पीटी परीक्षा अब 20 और 22 सितंबर को होगी. इस बार परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम लागू किया गया है, लेकिन इस सिस्टम लागू किए जाने से अभ्यर्थियों में रोष है और इस रोष को प्रकट करने के लिए आज बीपीएससी कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ेंः सितंबर में होगी बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा, पेपर लीक होने के कारण रद्द हुआ था एग्जाम

छात्र कर रहे परसेंटाइल सिस्टम का विरोधः छात्र नेता दिलीप कुमार बताया कि आयोग ने 2 दिन में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है और परसेंटाइल सिस्टम में धांधली होने की आशंका है. उन लोगों की एक ही मांग है कि परीक्षा एक दिन में ही आयोजित की जाए और उसी के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार किया जाए. 2 दिन परीक्षा आयोजित की जाएगी तो दोनों दिन परीक्षा का क्वेश्चन का लेवल अलग-अलग होगा. वहीं, बिहार लोक सेवा आयोग के चेयरमैन अतुल प्रसाद का कहना है कि इस बार परसेंटाइल सिस्टम से रिजल्ट तैयार किया जाएगा और ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार पीटी परीक्षा में छह लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं और कदाचार मुक्त परीक्षा का आयोजन करने के उद्देश्य से 2 दिन में परीक्षा आयोजित की जा रही है.

बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन का निर्णयः बताते चलें कि 802 पदों के लिए मुख्य परीक्षा के लिए 10 गुना लगभग 8000 अभ्यर्थियों का आरक्षण कोटि के हिसाब से बटरफ्लाई होगा. परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की आंसर शीट की चेकिंग की जाएगी और उत्तर पुस्तिका चेक करने से पहले सॉफ्टवेयर का मॉक चेक कर दिया जाएगा ताकि कहीं कोई त्रुटि नहीं रह जाए. अभ्यर्थियों की आंख और अंगूठे का निशान लेकर परीक्षा हॉल में प्रवेश करने दिया जाएगा और जो भी फिंगरप्रिंट नहीं देना चाहेंगे उन्हें परीक्षा से वंचित रखा जाएगा. इसके साथ ही बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन ने निर्णय लिया है कि आयोग के वेबसाइट पर अभ्यर्थी अपने आंसर शीट को चेक कर पाएंगे.

अभ्यर्थियों को ऐच्छिक विषय बदलने की छूटः इसके लिए मुख्य परीक्षा की कॉपी स्कैन करके डाली जाएगी ताकि आरटीआई से अंक संबंधित जानकारी मांगने की आवश्यकता ना पड़े. परीक्षा में क्वेश्चन लिख से बचने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए जाएंगे और संवेदनशील सेंटर पर अतिरिक्त टीम तैनात की जाएगी. हर परीक्षा केंद्र का एक यूनिक कोड होगा इससे प्रश्न पत्र की पहचान की जाएगी कि कौन सा प्रश्न किस परीक्षा केंद्र का है. वहीं, प्रारंभिक परीक्षा के बाद एक बार अभ्यर्थियों को अपने ऐच्छिक विषय बदलने का भी आयोग इस बार से मौका दे रहा है.

38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र पर हुई थी परीक्षा : पेपर लीक का ये मामला उस समय हुआ था, जब 8 मई को बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा ली जा रही थी. इस परीक्षा में लगभग 5 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पूरे राज्य से शामिल हुए थे. बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर राज्य के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. राजधानी पटना में ही अकेले 83 केंद्रों पर 55710 छात्र परीक्षा दे रहे थे. लेकिन अचानक सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ये खबर आने लगी कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. दरअसल टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही वायरल हो चुके था. बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है. छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गए. इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा. इस पूरे मामले के बाद सरकार और प्रशासन में हड़कंप मच गया. इसे लेकर पूरे देश में बिहार सरकार की फजीहत होने लगी. पूरे मामले पर सख्ती से निपटने का आदेश जारी किया गया.

बीपीएससी पेपर लीक मामले में कई गिरफ्तार : गिरफ्तार अभियुक्तों से मिली जानकारी के बाद टीम ने राजधानी पटना के कदमकुआं स्थित एक किराए के मकान से दो युवकों को गिरफ्तार किया. जिसके बाद से पूरे मामले की परत दर परत खुलती चली गई. आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार इसी किराए के मकान को कंट्रोल रूप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. यहीं से पेपर लीक की सारी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था. उसके बाद इस मामले में कई लोगों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार किया गया. मामले में गहन जांच के बाद एसआईटी ने 9 आरोपियों के खिलाफ आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज कराया. इसमें धारा 420 467 468 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है. मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


Last Updated : Aug 26, 2022, 2:40 PM IST
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