पटनाः बिहार में जेपी आंदोलन से जुड़े नेता पिछले कई सालों से बिहार की सत्ता को संभाल रहे हैं. सत्ता के शीर्ष पर जेपी के शिष्य ही बैठते आए हैं. लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील मोदी ऐसे कई नेता हैं जो बिहार में सत्ता का संचालन कई सालों से कर रहे हैं. लेकिन बिहार भाजपा में जेपी का असली हिमायती कौन है, इसे साबित करने की होड़ लगी है.
जेपी का असली हिमायती कौन?
26 जून के दिन ही इंदिरा गांधी ने 44 साल पहले देश में आपातकाल लागू किया था. इस मौके पर जेपी आंदोलन से जुड़े लोग अपनी स्मृति लोगों के बीच शेयर कर रहे हैं. बिहार भाजपा मैं इस बात को लेकर होड़ लगी है कि जेपी का असली हिमायती कौन है.
कार्यक्रम में नहीं पहुंचे आरके सिन्हा
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जेपी आंदोलन के वक्त सक्रिय थे. जेपी आंदोलन की याद में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सुशील मोदी के अलावा अरुण सिंहा ने हिस्सा लिया. लेकिन जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे सांसद आरके सिंहा मौजूद नहीं थे.
आरके सिन्हा ने अलग रखा कार्यक्रम
पूरे मामले पर सांसद आरके सिन्हा ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जेपी के नाम पर हमने कार्यक्रम आयोजन किया और तमाम प्रदेश के नेताओं को सूचना भेजा. व्हाट्सएप के जरिए भी उन्हें आमंत्रित किया. लेकिन कोई नहीं आए उन्हें बताना चाहिए कि जेपी के नाम पर राजनीति क्यों करते हैं और कार्यक्रम में हिस्सा क्यों नहीं लिया. इसका जवाब वही दे सकते हैं.