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जेल में बापू की पाठशालाः कैदी पढ़ रहे राष्ट्रपिता के संदेश, कहा-अब उन्हीं के मार्ग पर चलेंगे

कैदियों का कहना है कि बापू के संदेश काफी सुकून देने वाले हैं. उनकी जीवनी और तमाम जानकारियां पाकर एहसास हो रहा है कि उनके पद चिन्हों पर चलना चाहिए. जेल से निकलने के बाद उनके बताए मार्ग पर चलने की कोशिश करेंगे.

मसौढ़ी जेल में बापू के संदेश को पढ़ रहे कैदी
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Published : Sep 14, 2019, 3:58 PM IST

पटना: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि जेल यातना गृह नहीं बल्कि सुधार गृह है. जिन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें सुधारा जाता है. बापू के इस कथन को मसौढ़ी जेल में सही साबित करने की कोशिश की जा रही है. बापू की 150वीं जयंती को लेकर जेल में कैदियों को उनकी जीवनी और उनसे जुड़ी यादों को बताया जा रहा है.

रोजाना 1 घंटे खूंखार कैदियों के बीच बापू के संदेशों को पढ़ाया एवं सुनाया जाता है. ताकि उनकी मानसिकता में बदलाव आ सके. वह जेल से बाहर निकलने पर समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर सामाजिक कार्यों में रूचि ले सकें. जेल में चल रहे इस अभियान का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी जेल पहुंची.

masaurhi jail
मसौढ़ी जेल के कैदी

कैदियों को भा रहे बापू के संदेश
ईटीवी भारत से बातचीत में कैदियों ने बापू के संदेशों को आत्मसात करने की बात कही. कैदियों ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें महात्मा गांधी से जुड़ी हर वह चीज अच्छी लगती है और जेल से छूटने के बाद इसे अपने दैनिक जीवन में अपनायेंगे.

mashuri jail
बापू के संदेश को गौर से सुनते कैदी

बापू के बताए मार्ग पर चलेंगे कैदी
कैदियों ने कहा कि बापू के बताए हुए रास्ते पर उन्हें चलना चाहिए. उनके संदेश काफी कर्णप्रिय और सुकून देने वाले हैं. समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की प्रेरणा देती है. कैदियों ने प्रण लेते हुए कहा कि जेल से छूटने के बाद समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर अच्छे कार्य करेंगे.

ईटीवी भारत संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट

सभी जेलों में सुनाया जा रहा बापू का संदेश
वहीं, जेलर कृष्ण कुमार झा ने कहा कि जेल में बंद कैदियों को समाज की मुख्यधारा में लाने की एक कोशिश है. इसके लिए जेल आईजी ने बापू के संदेश कैदियों को सुनाने का निर्देश जारी किया है. जेल में रोजाना 1 घंटे बापू की जीवनी, यादें और उनके संदेशों को कैदियों को सुनाया जा रहा है. ताकि, उनके जीवन में बदलाव आ सके और सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत कर सकें. कैदी बापू के संदेशों को काफी गौर से सुनते हैं. आशा है कि जेल से बाहर जाने के बाद बापू के संदेश का अपने जीवन में ढालने की कोशिश करेंगे.

पटना: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि जेल यातना गृह नहीं बल्कि सुधार गृह है. जिन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें सुधारा जाता है. बापू के इस कथन को मसौढ़ी जेल में सही साबित करने की कोशिश की जा रही है. बापू की 150वीं जयंती को लेकर जेल में कैदियों को उनकी जीवनी और उनसे जुड़ी यादों को बताया जा रहा है.

रोजाना 1 घंटे खूंखार कैदियों के बीच बापू के संदेशों को पढ़ाया एवं सुनाया जाता है. ताकि उनकी मानसिकता में बदलाव आ सके. वह जेल से बाहर निकलने पर समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर सामाजिक कार्यों में रूचि ले सकें. जेल में चल रहे इस अभियान का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी जेल पहुंची.

masaurhi jail
मसौढ़ी जेल के कैदी

कैदियों को भा रहे बापू के संदेश
ईटीवी भारत से बातचीत में कैदियों ने बापू के संदेशों को आत्मसात करने की बात कही. कैदियों ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें महात्मा गांधी से जुड़ी हर वह चीज अच्छी लगती है और जेल से छूटने के बाद इसे अपने दैनिक जीवन में अपनायेंगे.

mashuri jail
बापू के संदेश को गौर से सुनते कैदी

बापू के बताए मार्ग पर चलेंगे कैदी
कैदियों ने कहा कि बापू के बताए हुए रास्ते पर उन्हें चलना चाहिए. उनके संदेश काफी कर्णप्रिय और सुकून देने वाले हैं. समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की प्रेरणा देती है. कैदियों ने प्रण लेते हुए कहा कि जेल से छूटने के बाद समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर अच्छे कार्य करेंगे.

ईटीवी भारत संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट

सभी जेलों में सुनाया जा रहा बापू का संदेश
वहीं, जेलर कृष्ण कुमार झा ने कहा कि जेल में बंद कैदियों को समाज की मुख्यधारा में लाने की एक कोशिश है. इसके लिए जेल आईजी ने बापू के संदेश कैदियों को सुनाने का निर्देश जारी किया है. जेल में रोजाना 1 घंटे बापू की जीवनी, यादें और उनके संदेशों को कैदियों को सुनाया जा रहा है. ताकि, उनके जीवन में बदलाव आ सके और सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत कर सकें. कैदी बापू के संदेशों को काफी गौर से सुनते हैं. आशा है कि जेल से बाहर जाने के बाद बापू के संदेश का अपने जीवन में ढालने की कोशिश करेंगे.

Intro: जेल में गांधी की पाठशाला,
बिहार के तमाम जेलों में इन दिनों चल रही है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वी जयंती को लेकर बापू की पाठशाला,
रोजाना 1 घंटे कैदियों के बीच बापू की जीवनी और उनके संदेशो को सुनाया जाता है,
देखिए ईटीवी भारत पर जेल के अंदर कैदियों के बिच बापू की पाठशाला की exclusive story


Body:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को लेकर पूरे देश भर में तरह-तरह के आयोजन किए जा रहे हैं, ऐसे में बिहार के तमाम जेलों में कैदियों के बीच रोज 1 घंटे लगती है बापू की पाठशाला,

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि जेल यातना गृह नहीं बल्कि सुधार गृह होती है, जिन्हें समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें सुधारा जाता है, इसी के तर्ज पर बिहार के तमाम जेल में जेल प्रशासन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को लेकर रोजाना 1 घंटे उन खूंखार कैदियों के बीच बापू से जुड़े तमाम यादें उनकी जीवनी एवं उनके बताए गए संदेशों को पढ़ाया एवम सुनाया जाता है, ताकि उनकी जीवनी से कैदियों में उनके मानसिकता में बदलाव आ सके और जेल से बाहर निकलने के बाद समाज के मुख्यधारा से जुड़ कर सामाजिक कार्यों में रूचि ले सकें
यह तस्वीर पटना से सटे मसौढी जेल की है, जहां जेल के अंदर कैदियों के बीच ईटीवी भारत की टीम पहुंची है और गांधी के पढ़ाये गए पाठ और संदेशों को दिखा रहे हैं जहां कैदियों ने साफ तौर पर कहा कि हमें गांधी से जुड़े हर वह चीजें अच्छी लगती है, और हम जेल से छूटने के बाद इसे आत्मसात करेंगे और अपने जीवन में गांधीजी के बताए हुए रास्ते पर चलने की कोशिश करेंगे


Conclusion: ईटीवी भारत पर जेल के कैदियों ने कहा बापू के बताए हुए रास्ते पर हम लोगों को चलना चाहिए उनकी हर वह बातें हमें अच्छी लगती हैं, उनके संदेश कर्णर्प्रिय होते हैं
समाजिक कार्यों में हर किसी को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए, जेल से छूटने के बाद हम लोगों की कोशिश होगी कि समाज के मुख्यधारा से जुड़ कर कुछ अच्छे कार्य करें
वहीं जेल प्रशासन ने कहा कि जेल में बंद कैदियों को समाज के मुख्यधारा से लाने के लिए जेल आईजी ने बिहार के तमाम जेलों में रोजाना 1 घंटे बापू से जुड़े जीवनी यादें और उनके संदेशों को कैदियों के बीच सुनाया जाता है ताकि उनके जीवन में बदलाव हो सके और सामान्य व्यक्ति की तरह वो अपना जीवन व्यतीत कर सकें


नोट:-- डेक्स से गुजारिश होगी कि इस पूरे पैकेज में अपने हिसाब से बैकग्राउण्ड म्यूजिक लगा सकते हैं


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बाईट:- कृष्ण कुमार झा,जेलर मसौढी जेल
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