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Pressure Politics In Bihar: दावत-ए-इफ्तार के बहाने अपनी अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे नेता! - तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में चिराग पासवान

बिहार में दावत ए इफ्तार और मकर संक्रांति के दौरान सियासत के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं. कई बार राजनीतिक करवट भी ले लेती है. माहे रमजान में तमाम राजनीतिक दल दावत ए इफ्तार का आयोजन कर रहे हैं. तेजस्वी यादव की इफ्तार पार्टी में जुटे विभिन्न दलों के नेताओं ने बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है.

RJD iftar party
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Published : Apr 10, 2023, 9:11 PM IST

इफ्तार पार्टी पर सियासत.

पटना: रमजान के महीने में आम और खास सभी दावत ए इफ्तार का आयोजन करते हैं. राजनीतिक इफ्तार पार्टियों पर सबकी नजर रहती है. पहले मुख्यमंत्री ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया. उसके बाद जदयू की ओर से दावत ए इफ्तार का आयोजन किया गया. तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित दावत ए इफ्तार ने खूब सुर्खियां बटोरी. लालू परिवार जब सत्ता होता है तो दावत ए इफ्तार उत्सव का रूप ले लेता है. इस बार राबड़ी आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ. करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया.

इसे भी पढ़ेंः RJD Iftrar Party: तेजस्वी यादव की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए 'मोदी के हनुमान', लगने लगे कयास

गिले शिकवे भूलेः तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में महागठबंधन के घटक दल के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह, भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम के अलावा तमाम विधायकों ने हिस्सा लिया. तेजस्वी यादव को खरी-खोटी सुनाने वाले नेता भी मंच पर देखे गए. पप्पू यादव गिले-शिकवे भूलकर 9 साल बाद 10 सर्कुलर रोड पहुंचे तो पशुपति पारस की पार्टी के सांसद महबूब अली कैसर भी इफ्तार में सक्रिय दिखे.

कौन-कौन पहुंचेः चिराग पासवान की मौजूदगी ने सबको चौंका दिया. मोदी के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान ने राबड़ी देवी और नीतीश कुमार का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया. भाजपा की ओर से कोई भी प्रतिनिधि इफ्तार में शामिल नहीं हुआ. भारत सरकार के मंत्री पशुपति पारस ने भी दावत ए इफ्तार में हिस्सा नहीं लिया. मुकेश साहनी ने भी इफ्तार से दूरी बनाए रखी. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि दावते इफ्तार में तमाम दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था.

इसे भी पढ़ेंः RJD Iftar Party: चिराग पासवान बोले- 'लालू जी से परिवारिक रिश्ता है'..बेटी के जन्म की तेजस्वी को दी बधाई

दंगे की पीड़ा: भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि ऐसे समय में दावत ए इफ्तार का आयोजन सही नहीं था. 2 जिलों में लोग दंगे की पीड़ा झेल रहे हैं. रोटी, कपड़ा और मकान के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में जश्न मनाना युक्तिसंगत नहीं था. लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जाएगा और जो नरेंद्र मोदी के साथ होगा उसकी जीत होगी. जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव परिवार से हमारा पुराना रिश्ता रहा है. हमारे संस्कार हैं कि बड़ों के पैर छूता हूं. चिराग पासवान ने कहा कि 2024 में गठबंधन किसके साथ होगा यह समय आने पर पता चल जाएगा.

रोजेदारों को सम्मान: पप्पू यादव से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने संविधान बचाने का हवाला दिया. पप्पू यादव ने कहा कि दावत ए इफ्तार सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है. भविष्य की राजनीति को लेकर पप्पू यादव सवाल टाल गए. भाजपा के आरोपों पर तेजस्वी ने पलटवार किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि दावत ए इफ्तार का मतलब भोज नहीं होता है. तेजस्वी ने कहा कि इफ्तार के जरिए रोजेदारों को सम्मान दिया जाता है. उनके धर्म में आस्था प्रकट की जाती है.

"दावत ए इफ्तार के जरिए प्रेशर पॉलिटिक्स देखने को मिला. पप्पू यादव को राजनीतिक आशियाने की तलाश थी. इफ्तार पार्टी में जाकर उन्होंने संकेत भी दे दिये. जहां तक चिराग पासवान का मामला है तो चिराग पासवान प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. चाचा पशुपति पारस को लेकर बीजेपी के साथ हो अपनी शर्तों पर सौदा करना चाहते हैं"- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

इफ्तार पार्टी पर सियासत.

पटना: रमजान के महीने में आम और खास सभी दावत ए इफ्तार का आयोजन करते हैं. राजनीतिक इफ्तार पार्टियों पर सबकी नजर रहती है. पहले मुख्यमंत्री ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया. उसके बाद जदयू की ओर से दावत ए इफ्तार का आयोजन किया गया. तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित दावत ए इफ्तार ने खूब सुर्खियां बटोरी. लालू परिवार जब सत्ता होता है तो दावत ए इफ्तार उत्सव का रूप ले लेता है. इस बार राबड़ी आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ. करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया.

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गिले शिकवे भूलेः तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में महागठबंधन के घटक दल के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह, भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम के अलावा तमाम विधायकों ने हिस्सा लिया. तेजस्वी यादव को खरी-खोटी सुनाने वाले नेता भी मंच पर देखे गए. पप्पू यादव गिले-शिकवे भूलकर 9 साल बाद 10 सर्कुलर रोड पहुंचे तो पशुपति पारस की पार्टी के सांसद महबूब अली कैसर भी इफ्तार में सक्रिय दिखे.

कौन-कौन पहुंचेः चिराग पासवान की मौजूदगी ने सबको चौंका दिया. मोदी के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान ने राबड़ी देवी और नीतीश कुमार का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया. भाजपा की ओर से कोई भी प्रतिनिधि इफ्तार में शामिल नहीं हुआ. भारत सरकार के मंत्री पशुपति पारस ने भी दावत ए इफ्तार में हिस्सा नहीं लिया. मुकेश साहनी ने भी इफ्तार से दूरी बनाए रखी. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि दावते इफ्तार में तमाम दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था.

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दंगे की पीड़ा: भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि ऐसे समय में दावत ए इफ्तार का आयोजन सही नहीं था. 2 जिलों में लोग दंगे की पीड़ा झेल रहे हैं. रोटी, कपड़ा और मकान के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में जश्न मनाना युक्तिसंगत नहीं था. लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जाएगा और जो नरेंद्र मोदी के साथ होगा उसकी जीत होगी. जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव परिवार से हमारा पुराना रिश्ता रहा है. हमारे संस्कार हैं कि बड़ों के पैर छूता हूं. चिराग पासवान ने कहा कि 2024 में गठबंधन किसके साथ होगा यह समय आने पर पता चल जाएगा.

रोजेदारों को सम्मान: पप्पू यादव से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने संविधान बचाने का हवाला दिया. पप्पू यादव ने कहा कि दावत ए इफ्तार सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है. भविष्य की राजनीति को लेकर पप्पू यादव सवाल टाल गए. भाजपा के आरोपों पर तेजस्वी ने पलटवार किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि दावत ए इफ्तार का मतलब भोज नहीं होता है. तेजस्वी ने कहा कि इफ्तार के जरिए रोजेदारों को सम्मान दिया जाता है. उनके धर्म में आस्था प्रकट की जाती है.

"दावत ए इफ्तार के जरिए प्रेशर पॉलिटिक्स देखने को मिला. पप्पू यादव को राजनीतिक आशियाने की तलाश थी. इफ्तार पार्टी में जाकर उन्होंने संकेत भी दे दिये. जहां तक चिराग पासवान का मामला है तो चिराग पासवान प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. चाचा पशुपति पारस को लेकर बीजेपी के साथ हो अपनी शर्तों पर सौदा करना चाहते हैं"- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

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