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हिंदू महासभा का ऐलान- जमीन दें ओली, बना देंगे नेपाल में भी भव्य राम मंदिर

हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने ईटीवी भारत पर नेपाल पीएम ओली के विवादित बयान पर आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि नेपाल के पीएम के गुलाम हो गए हैं.

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Published : Jul 14, 2020, 6:59 PM IST

हिंदू महासभा
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पटना: नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के विवादित दावे पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि चीन का नमक खाते-खाते नेपाल के पीएम ओली की मति भ्रष्ट हो गई है.

स्वामी चक्रपाणि ने आगे कहा कि अगर ओली ये मानते हैं कि श्री राम जी का जन्म नेपाल में हुआ था, तो वे हमें अपनी जमीन दे दें. हम नेपाल में भी भव्य मंदिर बनावा देंगे. स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि ओली जी की अगर श्री राम जी के प्रति आस्था है, तो बता दें. नेपाल में भी हमारी महासभा के लोग हैं. हम काठमांडू में भी मंदिर बना देंगे. वैसे भी हम अन्य देशों में मंदिर बनाने का काम कर रहे हैं.

सुनिए स्वामी चक्रपाणि की पूरी प्रतिक्रिया

'राजनीतिक लाभ के लिए दिया ऐसा बयान'
ईटीवी भारत के स्टेट हेड भूपेंद्र दुबे से बात करते हुए हिंदू महासभा अध्यक्ष ने कहा कि ओली की बात का नेपाल में ही विरोध होने लगा है. ओली आज की राजनीति के चलते अपने फायदे के आधार पर बयान दे रहे हैं. नेपाल हमरा पड़ोसी नहीं बल्कि नेपाल ठीक उसी तरह है जैसे शरीर और आत्मा का मामला होता है. नेपाल से हमारा बेटी और रोटी का रिश्ता है, ओली पहले नेपाल की जनता का जवाब दें और वे अपने इलाज करवाएं.

नेपाल की वजह से आती है बिहार में बाढ़- स्वामी चक्रपाणि
चक्रपाणी जी महराज ने कहा कि बिहार में बाढ़ का कारण हमेशा नेपाल ही रहा है लेकिन हमरा उनसे संबंध ही है कि हम बाढ़ को झेलते हैं. नेपाल से हमारा जो भी करार रहा है उसे नेपाल ने कई बार नहीं माना है. इसकी वजह ओली की चाइना और पाकिस्तान जैसी मानसिकता का होना है. उन्होने कहा कि नेपाल में हमारे महासभा के लोग हैं, जो इसबात की जानकारी दे रहे हैं कि ओली के इस बयान के बाद नेपाल में ही विरोध शुरू हो गया है.

कोरोना काल में सनातनी परंपरा अपना रहे लोग
कोरोना महामारी को लेकर चक्रपाणी जी महराज ने कहा कि स्वदेशी से इस रोग का इलाज है और हमरी सनातनी परम्परा सोशल डिस्टेंसिंग की रही है. दूसरे देशों में पिज्जा बर्गर खाने से शरीर और आत्मा दोनो कमजोर हो जाती है. यही वजह है कि दूसरे देशों में ज्यादा मौतें हुई हैं. हमारे देश में एक दूसरे के सम्मान के लिए दूर दूर होकर बैठना, और कई अन्य परम्पराएं रही हैं. लेकिन आर्थिक विकास के नाम पर उसे दूसरा रंग दिया गया. आज फिर से उसी सनातनी परम्परा को लोग अपना रहे हैं. कोरोना को लेकर उन्होंने जनता से सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की और स्वदेशी अपनाने की सलाह भी दी.

पटना: नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के विवादित दावे पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि चीन का नमक खाते-खाते नेपाल के पीएम ओली की मति भ्रष्ट हो गई है.

स्वामी चक्रपाणि ने आगे कहा कि अगर ओली ये मानते हैं कि श्री राम जी का जन्म नेपाल में हुआ था, तो वे हमें अपनी जमीन दे दें. हम नेपाल में भी भव्य मंदिर बनावा देंगे. स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि ओली जी की अगर श्री राम जी के प्रति आस्था है, तो बता दें. नेपाल में भी हमारी महासभा के लोग हैं. हम काठमांडू में भी मंदिर बना देंगे. वैसे भी हम अन्य देशों में मंदिर बनाने का काम कर रहे हैं.

सुनिए स्वामी चक्रपाणि की पूरी प्रतिक्रिया

'राजनीतिक लाभ के लिए दिया ऐसा बयान'
ईटीवी भारत के स्टेट हेड भूपेंद्र दुबे से बात करते हुए हिंदू महासभा अध्यक्ष ने कहा कि ओली की बात का नेपाल में ही विरोध होने लगा है. ओली आज की राजनीति के चलते अपने फायदे के आधार पर बयान दे रहे हैं. नेपाल हमरा पड़ोसी नहीं बल्कि नेपाल ठीक उसी तरह है जैसे शरीर और आत्मा का मामला होता है. नेपाल से हमारा बेटी और रोटी का रिश्ता है, ओली पहले नेपाल की जनता का जवाब दें और वे अपने इलाज करवाएं.

नेपाल की वजह से आती है बिहार में बाढ़- स्वामी चक्रपाणि
चक्रपाणी जी महराज ने कहा कि बिहार में बाढ़ का कारण हमेशा नेपाल ही रहा है लेकिन हमरा उनसे संबंध ही है कि हम बाढ़ को झेलते हैं. नेपाल से हमारा जो भी करार रहा है उसे नेपाल ने कई बार नहीं माना है. इसकी वजह ओली की चाइना और पाकिस्तान जैसी मानसिकता का होना है. उन्होने कहा कि नेपाल में हमारे महासभा के लोग हैं, जो इसबात की जानकारी दे रहे हैं कि ओली के इस बयान के बाद नेपाल में ही विरोध शुरू हो गया है.

कोरोना काल में सनातनी परंपरा अपना रहे लोग
कोरोना महामारी को लेकर चक्रपाणी जी महराज ने कहा कि स्वदेशी से इस रोग का इलाज है और हमरी सनातनी परम्परा सोशल डिस्टेंसिंग की रही है. दूसरे देशों में पिज्जा बर्गर खाने से शरीर और आत्मा दोनो कमजोर हो जाती है. यही वजह है कि दूसरे देशों में ज्यादा मौतें हुई हैं. हमारे देश में एक दूसरे के सम्मान के लिए दूर दूर होकर बैठना, और कई अन्य परम्पराएं रही हैं. लेकिन आर्थिक विकास के नाम पर उसे दूसरा रंग दिया गया. आज फिर से उसी सनातनी परम्परा को लोग अपना रहे हैं. कोरोना को लेकर उन्होंने जनता से सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की और स्वदेशी अपनाने की सलाह भी दी.

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