पटना: जलवायु परिवर्तन के कारण पूरी दुनिया खतरों से जूझ रही है. इससे निपटना एक बड़ी चुनौती बन गई है. जलवायु परिवर्तन के पीछे एक बड़ी वजह कार्बन उत्सर्जन है. जिसमें चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है. देश में कार्बन उत्सर्जन कम करने को लेकर कुछ प्रयास शुरू होने वाले हैं. वहीं, बिहार ने इससे पहले ही यह काम शुरू कर दिया है.
जलवायु परिवर्तन का खामियाजा सबसे ज्यादा बिहार को पिछले कुछ सालों में भुगतना पड़ा था. इसी को देखते हुए बिहार सरकार ने एक वृहद कार्यक्रम शुरू किया, जिसका नाम जल जीवन हरियाली कार्यक्रम है. इसके तहत राज्य में 3 सालों के अंदर 24 हजार करोड़ रुपये खर्च कर पेड़ पौधे लाए जाने हैं. जिसका प्रयास जारी है.
2040 तक बन सकेगा बिहार कार्बन न्यूट्रल स्टेट
अब इसके अलावा एक और बड़ा प्रयास बिहार में शुरू हो रहा है. राज्य को अगले 20 साल में कार्बन न्यूट्रल स्टेट बनाने की तैयारी हो रही है. पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन विभाग बिहार सरकार के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इसके लिए यूएनईपी की सहायता से विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है. किन किन उपायों को अपना कर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाया जा सकता है. इस पर विचार-विमर्श जारी है. 2040 तक बिहार कार्बन न्यूट्रल स्टेट बन सके ये लक्ष्य रखा गया है.
कार्बन एमिशन का किया जा रहा डेटा तैयार
इसके साथ ही दीपक कुमार सिंह ने बताया कि बिहार ने फरवरी महीने में इसका खाका तैयार कर लिया था. वहीं, यूनाइटेड नेशन एनवायरमेंट प्रोग्राम यूएनईपी के जरिए इसके लिए स्ट्रेटजी बनाकर समेकित प्रयास शुरू किया जाएगा. 2 साल में यूएनईपी की रिपोर्ट मिल जाएगी कि बिहार में कितना कार्बन एमिशन हो रहा है और किन-किन तरीकों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है और उनसे सलाह की मांगी गई है.
क्या-क्या हो सकते हैं उपाय
- वृक्षारोपण
- क्लीनर फ्यूल
- विभिन्न स्रोतों से कार्बन का उत्सर्जन कम करना
- ई व्हीकल और सीएनजी का उपयोग
- प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों पर नियंत्रण
- स्वच्छतर ईंट भट्ठे
- समेकित स्ट्रैटजी बनाकर काम करना
बता दें कि इसी साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की है कि लद्दाख क्षेत्र को कार्बन न्यूट्रल स्टेट बनाया जाएगा.