पटना: राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर अपने जन सुराज अभियान (Prashant Kishore Pad Yatra In West Champaran) के तहत महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर आज से पश्चिम चंपारण जिले के भितिहरवा गांधी आश्रमसे बिहार में 3500 किलोमीटर की पदयात्रा’ शुरू करेंगे. प्रशांत किशोर की यह यात्रा 12-18 महीनों तक चलेगी, जिसके बाद उनके व्यापक रूप से राजनीति के क्षेत्र में नए सिरे से कदम रखने की संभावना व्यक्त की जा रही है. प्रशांत किशोर ने इस यात्रा से पहले पटना में पूजा- अर्चना की और उसके बाद बड़े काफिले के साथ रवाना हुए हैं.
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जनसुराज पदयात्रा LIVE UPDATE:
वैशाली: बिहार के चंपारण से जन सुराज की पदयात्रा (Jan Suraj Yatra from Champaran) शुरू करने से पहले हाजीपुर के रामाशीष चौक पर लोगों ने प्रशांत किशोर का भव्य स्वागत किया. गाजे-बाजे के बीच प्रशांत किशोर के चाहने वाले पहले से ही मौके पर मौजूद थे. चंपारण जाने के दौरान प्रशांत किशोर के गाड़ियों का काफिला जैसे ही रामाशीष चौक पहुंचा, उनका सुधीर शुकला की अगुआई में जोरदार स्वागत किया गया.
पटना से चंपारण के लिए निकले प्रशांत किशोर का काफिला वैशाली के हाजीपुर पहुंचा. जहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये कदम उनका एक छोटा सा प्रयास है.
बेतिया- प्रशांत किशोर थोड़ी देर में पहुंचेंगे भितिहरवा आश्रम. बेतिया से भितिहरवा आने के दौरान लोगों ने रास्ते में किया स्वागत.
राजधानी पटना में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज भित्तिहरवा स्थित गांधी आश्रम से जन सुराज यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. इस पदयात्रा की कुल दूरी 3500 किलोमीटर से अधिक बताई जा रही है. इसे पूरा करने में करीब 12 से 15 महीने लगने की संभावना है. वहीं बिहार के कई शहरों, गांवों और कस्बों तक जाकर प्रशांत किशोर खुद लोगों से संवाद करेंगे. बताया जाता है कि इस जन सुराज पदयात्रा के लिए पटना से पश्चिमी चंपारण जाने से पहले प्रशांत किशोर ने पूजा-अर्चना की और जनसुराज यात्रा की शुरुआत करने के लिए पश्चिम चंपारण के लिए निकल गये.
इस पदयात्रा के तीन उद्देश्य है.
1.समाज की मदद से जमीनी स्तर पर सही लोगों को चिन्हित कर एक राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए लोकतांत्रिक मंच पर लाने का प्रयास करना.
2. स्थानीय समस्याओं और संभावनाओं को बेहतर तरीके से समझना और उसके आधार पर शहरों और पंचायतों की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध कर उनके विकास का ब्लूप्रिंट तैयार करना.
3. बिहार के समग्र विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक विकास, कृषि उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों में विशेषज्ञों के सुझाव लेना और लोगों के लिए अगले 15 साल का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना.
इन सारी सुविधाओं की जानकारी के लिए जन सुराज अभियान की आधिकारिक वेबसाइट भी शुरू की गई है.
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देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य #बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का दृढ़ संकल्प
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) October 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
पहला महत्वपूर्ण कदम - समाज की मदद से एक नयी और बेहतर राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए अगले 12-15 महीनों में बिहार के शहरों, गाँवों और क़स्बों में 3500KM की पदयात्रा
बेहतर और विकसित बिहार के लिए #जनसुराज
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पहला महत्वपूर्ण कदम - समाज की मदद से एक नयी और बेहतर राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए अगले 12-15 महीनों में बिहार के शहरों, गाँवों और क़स्बों में 3500KM की पदयात्रा
बेहतर और विकसित बिहार के लिए #जनसुराजदेश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य #बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का दृढ़ संकल्प
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पहला महत्वपूर्ण कदम - समाज की मदद से एक नयी और बेहतर राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए अगले 12-15 महीनों में बिहार के शहरों, गाँवों और क़स्बों में 3500KM की पदयात्रा
बेहतर और विकसित बिहार के लिए #जनसुराज
'स्वतंत्रता के बाद 50 के दशक में भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल बिहार, आज देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है. आज गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से लोगों का यहां बुरा हाल है. अब समय बदलने का है. इस संकल्प के साथ और आने वाले 10 सालों में बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों की श्रेणी में शामिल कराने के लिए, जन सुराज का यह अभियान समाज के सही लोगों को जोड़कर, एक सही सोच के साथ, सामूहिक प्रयास के जरिए एक ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश है, जिससे सत्ता परिवर्तन सही मायनों में व्यवस्था परिवर्तन का जरिया बने.''- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
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