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अब बिहार पुलिस के सिपाही नहीं पहुंचाएंगे विभागीय डाक, सभी थानों में तैनात होंगे डाकिया - पटना न्यूज

Postmen Assigned in Police Stations: बिहार पुलिस और डाक विभाग के बीच एक नया MOU साइन हुआ है. इसके तहत अब बिहार पुलिस के सिपाही विभागीय डाक नहीं पहुंचाएंगे. इसके लिए अब पुलिस स्टेशनों में डाकिया को तैनात किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर.

Postmen Assigned in all police stations of Bihar
अब बिहार पुलिस के सिपाही नहीं पहुंचाएंगे विभागीय डाक
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 20, 2023, 2:53 PM IST

पटना: बिहार डाक सर्कल और बिहार पुलिस के बीच एक MOU पर हस्ताक्षर हुआ है. अब बिहार पुलिस के जवान डाक को पहुंचाना और ले जाने का काम नहीं करेंगे. बिहार डाक सर्कल के पोस्टमार्टम जनरल अनिल कुमार ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बिहार डाक सर्किल और बिहार पुलिस मुख्यालय के बीच समझौता हो चुका है. अब विभिन्न जिला मुख्यालयों एवं बिहार के थानों के बीच होने वाले पत्राचार पटना एवं डाकघरों के माध्यम से बुकिंग एवं वितरण होगा. उन्होंने बताया कि सभी थानों को पोस्ट ऑफिस से टैग कर दिए हैं. डाक की तमाम व्यवस्था ऑनलाइन रहेगी. थानों के नजदीक डाकघर के साथ मेपिंग किया गया है .

सभी थानों को दिया जाएगा एक कोड: इसका उद्देश्य यह है कि थाना से डाकघर की दूरी कम रहेगी जैसे ही थानों से ऑनलाइन बुकिंग की जाएगी तो अलर्ट मैसेज नजदीकी डाकघर को मिलेगा. वहां से डाकिया जाएंगे डाक को रिसीव करेंगे या जो डाक को पहुंचना है वहां पहुंचने का काम करेंगे. सभी थानों को एक कोड दिया जाएगा केंद्रीय बीएनपी कोड ,इसके माध्यम से बुकिंग होगी. थाने से कितनी डाक बुक की गई है उसका हर महीने के अंत में कलेक्ट किया जाएगा और उसके बाद पुलिस मुख्यालय से पैसा लिया जाएगा.

"बिहार के 1066 डाकघरों में पुलिस के डाक की बुकिंग की जाएगी. फिलहाल बिहार पुलिस प्रत्येक वर्ष लगभग 2.50 लाख डाक का वितरण करवा रहे हैं. इन 2.50 लाख डाक को विभाग के सहयोग से वितरण किया जाए तो बिहार पोस्टल सर्किल के राजस्व में वृद्धि होगी. साथ ही जो पुलिसकर्मी इस काम में लगे है वह अपने दायित्व को पूरा करने में समय देंगे तो पुलिस के हाथ और मजबूत होगी." - अनिल कुमार, चीफ पोस्टमास्टर

प्रति डाक मिलेंगे 30 रुपए: अनिल कुमार ने आगे बताया है कि MOU के बाद डाक विभाग की सेवा द्वारा न केवल पुलिस विभाग को होने वाली अतिरिक्त खर्च में कमी आएगा. डाक विभाग के प्रति डाक 30 रुपये की राशि ली जाएगी. यदि पूरे वर्ष में 2.50 लाख डाक का वितरण डाक विभाग के सहयोग से किया जाए तो 75 लाख रुपयों का खर्च होगा. इस प्रकार यदि माना जाए तो पूरे वर्ष में डाक वितरण के मद में अधिकाधिक 1 करोड़ रुपयों का व्यय होगा जो आन्तरिक खर्च 6 करोड़ रुपयों की अपेक्षा काफी कम है. वहीं उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम सभी मंत्रालय के साथ एकारनामा करके इसी तरह का काम आगे भी करेंगे. जिससे कि सभी मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय को परेशानी से छुटकारा मिलेगा.

इसे भी पढ़े- पटना में राज्यपाल फागू चौहान ने किया डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन

पटना: बिहार डाक सर्कल और बिहार पुलिस के बीच एक MOU पर हस्ताक्षर हुआ है. अब बिहार पुलिस के जवान डाक को पहुंचाना और ले जाने का काम नहीं करेंगे. बिहार डाक सर्कल के पोस्टमार्टम जनरल अनिल कुमार ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बिहार डाक सर्किल और बिहार पुलिस मुख्यालय के बीच समझौता हो चुका है. अब विभिन्न जिला मुख्यालयों एवं बिहार के थानों के बीच होने वाले पत्राचार पटना एवं डाकघरों के माध्यम से बुकिंग एवं वितरण होगा. उन्होंने बताया कि सभी थानों को पोस्ट ऑफिस से टैग कर दिए हैं. डाक की तमाम व्यवस्था ऑनलाइन रहेगी. थानों के नजदीक डाकघर के साथ मेपिंग किया गया है .

सभी थानों को दिया जाएगा एक कोड: इसका उद्देश्य यह है कि थाना से डाकघर की दूरी कम रहेगी जैसे ही थानों से ऑनलाइन बुकिंग की जाएगी तो अलर्ट मैसेज नजदीकी डाकघर को मिलेगा. वहां से डाकिया जाएंगे डाक को रिसीव करेंगे या जो डाक को पहुंचना है वहां पहुंचने का काम करेंगे. सभी थानों को एक कोड दिया जाएगा केंद्रीय बीएनपी कोड ,इसके माध्यम से बुकिंग होगी. थाने से कितनी डाक बुक की गई है उसका हर महीने के अंत में कलेक्ट किया जाएगा और उसके बाद पुलिस मुख्यालय से पैसा लिया जाएगा.

"बिहार के 1066 डाकघरों में पुलिस के डाक की बुकिंग की जाएगी. फिलहाल बिहार पुलिस प्रत्येक वर्ष लगभग 2.50 लाख डाक का वितरण करवा रहे हैं. इन 2.50 लाख डाक को विभाग के सहयोग से वितरण किया जाए तो बिहार पोस्टल सर्किल के राजस्व में वृद्धि होगी. साथ ही जो पुलिसकर्मी इस काम में लगे है वह अपने दायित्व को पूरा करने में समय देंगे तो पुलिस के हाथ और मजबूत होगी." - अनिल कुमार, चीफ पोस्टमास्टर

प्रति डाक मिलेंगे 30 रुपए: अनिल कुमार ने आगे बताया है कि MOU के बाद डाक विभाग की सेवा द्वारा न केवल पुलिस विभाग को होने वाली अतिरिक्त खर्च में कमी आएगा. डाक विभाग के प्रति डाक 30 रुपये की राशि ली जाएगी. यदि पूरे वर्ष में 2.50 लाख डाक का वितरण डाक विभाग के सहयोग से किया जाए तो 75 लाख रुपयों का खर्च होगा. इस प्रकार यदि माना जाए तो पूरे वर्ष में डाक वितरण के मद में अधिकाधिक 1 करोड़ रुपयों का व्यय होगा जो आन्तरिक खर्च 6 करोड़ रुपयों की अपेक्षा काफी कम है. वहीं उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम सभी मंत्रालय के साथ एकारनामा करके इसी तरह का काम आगे भी करेंगे. जिससे कि सभी मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय को परेशानी से छुटकारा मिलेगा.

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