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अब एक क्लिक में मिलेगी मंदिर और मठों की पूरी जानकारी, जमीनों की देखरेख के लिए बनेगा पोर्टल

बिहार में मंदिर-मठ और ठाकुरबाड़ी की जमीन से जुड़ी तमाम जानकारी अब पोर्टल (Portal) पर मिल सकेगी. इसके लिए तेजी से काम चल रहा है. इसके साथ ही दान में दी गई जमीन को भू माफियाओं के कब्जा से छुड़ाने के लिए भी सख्ती तेज हो गई है.

मंदिर मठों
मंदिर मठों
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Published : Oct 2, 2021, 6:19 PM IST

पटना: बिहार के मंदिरों और मठों (Temple and Monasteries) के नाम पर जो दान में दी गई जमीन को कुछ भू-माफियाओं (Land Mafia) द्वारा हड़प लिया गया है. ऐसे में धार्मिक न्यास पर्षद सभी जिलों में लगातार बैठक कर रहा है. बैठक के साथ ही स्थानीय स्तर के अधिकारियों को आदेश दिया जा रहा है कि मंदिर और मठ की जमीनों की पहचान की जाए. पहचान के बाद जमीन का स्वामित्व मंदिर के नाम पर कर दिया जाएगा. धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा अब मठों, मंदिरों और ठाकुरबाड़ी की जमीनों का सर्वे कराकर उसे एक पोर्टल (Portal) पर डाला जाएगा.

ये भी पढ़ें: बिहार में भू-माफियाओं के हौसले बुलंद, मंदिर बनाकर हड़प रहे सरकारी जमीन

धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने बताया कि मंदिर के जमीन की देखरेख के लिए विभिन्न जिलों में लगातार विधि मंत्री के साथ-साथ न्यास परिषद के सदस्यों के द्वारा बैठक किया जा रहा है. सभी डीएम को पत्र भेजा गया है कि किस मंदिर मठ के पास कितनी जमीन अभी बची हुई है, उसकी सही जानकारी एक महीने के भीतर धार्मिक न्यास पर्षद को देनी होगी. जिले में कौन से मंदिर मठ के पास पहले कितनी जमीन थी और अब कितनी जमीन बची है, इसका पूरा डिटेल देना है. जब सभी जिलों से रिपोर्ट आ जाएगी तो एक पोर्टल पर सभी मंदिरों और मठों की जमीनों की जानकारी डाली जाएगी. जिससे कि आम लोग भी एक क्लिक में मंदिर की पूरी डिटेल्स मिल जाएगी.

देखें रिपोर्ट

विधि विभाग के द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी, सभी जिला अधिकारियों को भी इसकी कॉपी दी जाएगी. अगर कहीं भी किसी मठ मंदिर की जमीन को गलत तरीके से बेचा गया होगा तो उसका सेल डीड निरस्त किया जाएगा. जमाबंदी कैंसिल की जाएगी और इस तरह की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले को खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

ये भी पढ़ें: तमिलनाडु से पहले बिहार में भी हो चुकी है मंदिरों में दलित पुजारी की नियुक्ति की पहल, खास था मकसद

इसके साथ ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने राज्य के मठ मंदिरों के महंतों से भी जानकारी ली जा रही है, जिसके लिए समिति भी बना दी गई है. न्यास ने इसे सख्ती से पालन करने को लेकर आदेश भी दे दिए हैं. प्रतिवर्ष मंदिर और मठों के आय की सही-सही जानकारी देनी होगी, अन्यथा वैसे भी मंदिरों के महंत या पुजारी को हटाया जाएगा.

वहीं अगर बात पटना जिले की करें तो यहां 20 से ज्यादा अंचलों में 100 से ज्यादा मंदिरों के पास 200 एकड़ जमीन की पहचान की गई है. जिसे भू माफियों द्वारा कब्जा किया है, लिहाजा ऐसे भू माफियाओं पर नकेल कसने के लिए रणनीति बनाई गई है. साथ ही मंदिर के दान में दी गई जमीन का सर्वेक्षण किया जा रहा है. धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने कहा कि अब मंदिरों की समुचित संपत्ति का मालिक उस मंदिर के नाम पर ही किया जाएगा. कई वर्षों से भू माफियाओं द्वारा कई मंदिरों और मठों की जमीनों पर अपना काबिज बनाए हैं, वैसे भू माफियाओं पर नकेल कसने के लिए धार्मिक न्यास पर्षद ने पूरी तैयारी कर ली है.

पटना: बिहार के मंदिरों और मठों (Temple and Monasteries) के नाम पर जो दान में दी गई जमीन को कुछ भू-माफियाओं (Land Mafia) द्वारा हड़प लिया गया है. ऐसे में धार्मिक न्यास पर्षद सभी जिलों में लगातार बैठक कर रहा है. बैठक के साथ ही स्थानीय स्तर के अधिकारियों को आदेश दिया जा रहा है कि मंदिर और मठ की जमीनों की पहचान की जाए. पहचान के बाद जमीन का स्वामित्व मंदिर के नाम पर कर दिया जाएगा. धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा अब मठों, मंदिरों और ठाकुरबाड़ी की जमीनों का सर्वे कराकर उसे एक पोर्टल (Portal) पर डाला जाएगा.

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धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने बताया कि मंदिर के जमीन की देखरेख के लिए विभिन्न जिलों में लगातार विधि मंत्री के साथ-साथ न्यास परिषद के सदस्यों के द्वारा बैठक किया जा रहा है. सभी डीएम को पत्र भेजा गया है कि किस मंदिर मठ के पास कितनी जमीन अभी बची हुई है, उसकी सही जानकारी एक महीने के भीतर धार्मिक न्यास पर्षद को देनी होगी. जिले में कौन से मंदिर मठ के पास पहले कितनी जमीन थी और अब कितनी जमीन बची है, इसका पूरा डिटेल देना है. जब सभी जिलों से रिपोर्ट आ जाएगी तो एक पोर्टल पर सभी मंदिरों और मठों की जमीनों की जानकारी डाली जाएगी. जिससे कि आम लोग भी एक क्लिक में मंदिर की पूरी डिटेल्स मिल जाएगी.

देखें रिपोर्ट

विधि विभाग के द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी, सभी जिला अधिकारियों को भी इसकी कॉपी दी जाएगी. अगर कहीं भी किसी मठ मंदिर की जमीन को गलत तरीके से बेचा गया होगा तो उसका सेल डीड निरस्त किया जाएगा. जमाबंदी कैंसिल की जाएगी और इस तरह की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले को खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

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इसके साथ ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने राज्य के मठ मंदिरों के महंतों से भी जानकारी ली जा रही है, जिसके लिए समिति भी बना दी गई है. न्यास ने इसे सख्ती से पालन करने को लेकर आदेश भी दे दिए हैं. प्रतिवर्ष मंदिर और मठों के आय की सही-सही जानकारी देनी होगी, अन्यथा वैसे भी मंदिरों के महंत या पुजारी को हटाया जाएगा.

वहीं अगर बात पटना जिले की करें तो यहां 20 से ज्यादा अंचलों में 100 से ज्यादा मंदिरों के पास 200 एकड़ जमीन की पहचान की गई है. जिसे भू माफियों द्वारा कब्जा किया है, लिहाजा ऐसे भू माफियाओं पर नकेल कसने के लिए रणनीति बनाई गई है. साथ ही मंदिर के दान में दी गई जमीन का सर्वेक्षण किया जा रहा है. धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने कहा कि अब मंदिरों की समुचित संपत्ति का मालिक उस मंदिर के नाम पर ही किया जाएगा. कई वर्षों से भू माफियाओं द्वारा कई मंदिरों और मठों की जमीनों पर अपना काबिज बनाए हैं, वैसे भू माफियाओं पर नकेल कसने के लिए धार्मिक न्यास पर्षद ने पूरी तैयारी कर ली है.

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