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मौसम साफ होते ही पटना में सजने लगे पूजा पंडाल, अधूरी तैयारियों को पूरा करने में जुटी समितियां - दुर्गा पूजा

पटना के जिन इलाकों से पानी निकल गया है वहां पूजा पंडाल सजने लगे हैं. दुर्गा पूजा की तैयारी जोरों पर है. पंडाल में कपड़ा लगाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ-साथ लाइट और सजावट का काम भी हो रहा है.

सजने लगे पूजा पंडाल
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Published : Oct 4, 2019, 1:18 PM IST

पटना: नवरात्र शुरू होते ही राजधानी में जिस तरह बरसात ने कहर बरपाया उससे आहत लोग अब तक ऊबर नहीं पाए हैं. लेकिन मौसम साफ होते ही दुर्गा पूजा की रौनक लौटने लगी है. पूजा समितियां अधूरी तैयारियों को पूरा करने में जी-जान से जुट गई हैं. पंडाल बनाने वाले कारीगर और मूर्ति बनाने वाले कलाकार दिन-रात एक कर अपना काम पूरा करने में जुटे हैं.

पटना के जिन इलाकों से पानी निकल गया है वहां पूजा पंडाल सजने लगे हैं. दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी जोरों पर है. पंडाल में कपड़ा लगाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ-साथ लाइट और सजावट का काम भी हो रहा है. पूजा पंडालों और प्रतिमाओं को दो से तीन दिनों में पूरा करने की बड़ी चुनौती आसान नहीं है. लेकिन, पूजा समितियों का उत्साह इस चुनौती को पस्त कर देने के लिए काफी है.

पेश है रिपोर्ट

अभी भी कई इलाके जलमग्न
बता दें कि राजधानी के कई इलाके अभी भी जलमनग्न हैं. राजेंद्र नगर में अभी जितना पानी है उसे निकालने के लिए कम से कम 2 से 3 दिन और लगेंगे. बाईपास के किनारे बसे कंकड़बाग, हनुमान नगर, अशोक नगर और विजय नगर समेत कई इलाकों में पानी धीरे-धीरे निकल रहा है. हालांकि कंकड़बाग के ज्यादातर इलाकों से पानी निकल चुका है. लेकिन, बहादुरपुर-राजेंद्र नगर में जलजमाव लोगों के साथ-साथ सरकार और प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है.

दुर्गा पूजा को लेकर हो रही तैयारी
जिन इलाकों में अब पानी सूख चुका है वहां जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटती नजर आ रही है. पूजा पंडालों में पिछली बार जैसी रौनक नहीं है. कहीं भी लाउडस्पीकर या गाने नहीं बज रहे हैं. लेकिन दशहरे को लेकर हो रही तैयारी ने रफ्तार पकड़ ली है.

पटना: नवरात्र शुरू होते ही राजधानी में जिस तरह बरसात ने कहर बरपाया उससे आहत लोग अब तक ऊबर नहीं पाए हैं. लेकिन मौसम साफ होते ही दुर्गा पूजा की रौनक लौटने लगी है. पूजा समितियां अधूरी तैयारियों को पूरा करने में जी-जान से जुट गई हैं. पंडाल बनाने वाले कारीगर और मूर्ति बनाने वाले कलाकार दिन-रात एक कर अपना काम पूरा करने में जुटे हैं.

पटना के जिन इलाकों से पानी निकल गया है वहां पूजा पंडाल सजने लगे हैं. दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी जोरों पर है. पंडाल में कपड़ा लगाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ-साथ लाइट और सजावट का काम भी हो रहा है. पूजा पंडालों और प्रतिमाओं को दो से तीन दिनों में पूरा करने की बड़ी चुनौती आसान नहीं है. लेकिन, पूजा समितियों का उत्साह इस चुनौती को पस्त कर देने के लिए काफी है.

पेश है रिपोर्ट

अभी भी कई इलाके जलमग्न
बता दें कि राजधानी के कई इलाके अभी भी जलमनग्न हैं. राजेंद्र नगर में अभी जितना पानी है उसे निकालने के लिए कम से कम 2 से 3 दिन और लगेंगे. बाईपास के किनारे बसे कंकड़बाग, हनुमान नगर, अशोक नगर और विजय नगर समेत कई इलाकों में पानी धीरे-धीरे निकल रहा है. हालांकि कंकड़बाग के ज्यादातर इलाकों से पानी निकल चुका है. लेकिन, बहादुरपुर-राजेंद्र नगर में जलजमाव लोगों के साथ-साथ सरकार और प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है.

दुर्गा पूजा को लेकर हो रही तैयारी
जिन इलाकों में अब पानी सूख चुका है वहां जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटती नजर आ रही है. पूजा पंडालों में पिछली बार जैसी रौनक नहीं है. कहीं भी लाउडस्पीकर या गाने नहीं बज रहे हैं. लेकिन दशहरे को लेकर हो रही तैयारी ने रफ्तार पकड़ ली है.

Intro:पिछले सात-आठ दिनों में जो दर्द पटना वासियों को मिला है उसे भूलना शायद संभव नहीं होगा। नवरात्र की शुरुआत के साथ ही पटना में जिस तरह बरसाती बाढ़ ने कहर ढाया उससे आहत लोग अब तक उबर नहीं पाए हैं। लेकिन जैसे-जैसे पानी निकल रहा है, उन इलाकों में, जहां अब पानी नहीं है, वहां पूजा के पंडाल सज रहे हैं और तैयारियां जोरों पर हैं। इसके पीछे एक एक बड़ी वजह यह भी है कि जो हाल और जो दर्द सरकार से मिला है ऐसी हालत में लोगों के पास सिर्फ एक भगवान का भरोसा ही बचा है।


Body:पटना के राजेंद्र नगर में अभी जितना पानी है उसे निकालने के लिए कम से कम 2 से 3 दिन लगेंगे बाईपास के किनारे बसे कंकड़बाग हनुमान नगर अशोक नगर विजय नगर समेत कई इलाकों में पानी धीरे धीरे निकल रहा है हालांकि कंकड़बाग के ज्यादातर इलाकों से पानी निकल चुका है लेकिन बहादुरपुर राजेंद्र नगर में जलजमाव लोगों के साथ-साथ सरकार और प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है। लेकिन जिन इलाकों में अब पानी सूख चुका है वहां जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटती नजर आ रही है। पूजा पंडालों में पिछली बार जैसी रौनक नहीं है कहीं भी लाउडस्पीकर या गाने नहीं बज रहे लेकिन तैयारी हो रही है मां की पूजा की। आखिर सब कुछ भगवान भरोसे जो है।


Conclusion:walkthrough
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