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ग्राउंड रिपोर्ट: मूर्ति विसर्जन के लिए गंगा घाट पर नगर निगम ने बनाया कृत्रिम तालाब - ban on immersion of Durga idol in ganga river

गंगा नदी के घाट पर दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं. 10 फीट गहरे एक तालाब में 500 से अधिक मूर्तिओं का विसर्जन हो सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

Durga Idol Immersion in ganga
गंगा घाट
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Published : Oct 15, 2021, 3:48 PM IST

पटना: नवरात्र के दसवें दिन (Vijayadashami festival) शुक्रवार को मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा. प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए गंगा नदी (Ganga River) के घाट पर कृत्रिम तालाब का निर्माण कराया गया है. पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह ने सभी पूजा समिति को आदेश दिया है कि प्रतिमा का विसर्जन गंगा में नहीं बल्कि गंगा घाट पर बने कृत्रिम तालाब में होगा.

यह भी पढ़ें- नदियों में किया मूर्ति विसर्जन तो देना होगा जुर्माना, तैयार हैं अस्थायी तालाब

पटना नगर निगम ने अजीमाबाद अंचल में दो घाट पर कृत्रिम तालाब बनाया है. तालाब को 10 फीट गहरा बनाया गया है. एक तालाब में 500 से अधिक मूर्तियों का विसर्जन हो सकता है. गंगा नदी की जगह कृत्रिम तालाब में मूर्ति विसर्जन होने से कई पूजा समितियों ने असंतोष प्रकट किया है. लोगों का कहना है कि सरकार ने प्रदूषण रोकने के नाम पर गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगा दिया है. गंगा में बड़े-बड़े नालों का पानी प्रवाहित हो रहा है. उसे क्यों नहीं रोका जाता?

देखें वीडियो

बता दें कि बिहार में किसी भी पर्व के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन नदी में नहीं किया जा सकता है. इसके लिए कानून (मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021) बना दिया गया है. प्रतिमा विसर्जन के जुलूस पर प्रशासन की लगातार नजर रहेगी. विसर्जन में अधिक लोगों के शामिल होने पर पाबंदी लगाई गई है. पूर्व में ही बिना अनुमति के किसी प्रकार के जुलूस नहीं निकालने के निर्देश दिए गए हैं. वैसे राज्य के कई क्षेत्रों में शनिवार को प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा. प्रतिमा विसर्जन को लेकर सुरक्षा कड़ी की गई है. नियम का उल्लंघन करने पर पूजा समिति को 5 से 10 हजार रुपए जुर्माना भरना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ें- CM नीतीश, तेजस्वी सहित कई नेताओं ने प्रदेश वासियों को दी विजयादशमी की शुभकामनाएं

पटना: नवरात्र के दसवें दिन (Vijayadashami festival) शुक्रवार को मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा. प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए गंगा नदी (Ganga River) के घाट पर कृत्रिम तालाब का निर्माण कराया गया है. पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह ने सभी पूजा समिति को आदेश दिया है कि प्रतिमा का विसर्जन गंगा में नहीं बल्कि गंगा घाट पर बने कृत्रिम तालाब में होगा.

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पटना नगर निगम ने अजीमाबाद अंचल में दो घाट पर कृत्रिम तालाब बनाया है. तालाब को 10 फीट गहरा बनाया गया है. एक तालाब में 500 से अधिक मूर्तियों का विसर्जन हो सकता है. गंगा नदी की जगह कृत्रिम तालाब में मूर्ति विसर्जन होने से कई पूजा समितियों ने असंतोष प्रकट किया है. लोगों का कहना है कि सरकार ने प्रदूषण रोकने के नाम पर गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगा दिया है. गंगा में बड़े-बड़े नालों का पानी प्रवाहित हो रहा है. उसे क्यों नहीं रोका जाता?

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बता दें कि बिहार में किसी भी पर्व के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन नदी में नहीं किया जा सकता है. इसके लिए कानून (मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021) बना दिया गया है. प्रतिमा विसर्जन के जुलूस पर प्रशासन की लगातार नजर रहेगी. विसर्जन में अधिक लोगों के शामिल होने पर पाबंदी लगाई गई है. पूर्व में ही बिना अनुमति के किसी प्रकार के जुलूस नहीं निकालने के निर्देश दिए गए हैं. वैसे राज्य के कई क्षेत्रों में शनिवार को प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा. प्रतिमा विसर्जन को लेकर सुरक्षा कड़ी की गई है. नियम का उल्लंघन करने पर पूजा समिति को 5 से 10 हजार रुपए जुर्माना भरना पड़ सकता है.

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