पटना: बिहार की राजधानी पटना में गर्मी के दिनों में पानी की समस्या (Water Crisis in Patna ) बढ़ने लगी है. खास करके गर्मी के दिनों में जब पानी की डिमांड बढ़ जाती है, तभी समस्याएं भी सामने आने लगती है. ऐसे में मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल की स्थिति का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम पटना के पटेल नगर, कमला नेहरू नगर, कंकड़बाग, इलाके में स्थित झुग्गियों का जयाजा लिया. यहां लगे नलों से लोगों को पानी तो मिल रहा है, लेकिन दूषित होने के कारण किसी काम का नहीं है.
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झुग्गियों में रहने वाले लोगों को मिल रहा दूषित पानीः झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. स्वच्छ पानी नहीं मिलने से कई लोग दूसरे घरों से शुद्ध पेयजल लाकर पीते हैं और गंदे पानी से कपड़ा और बर्तन धोने का काम करते हैं. अगर देखा जाए तो नल जल योजना मनमानी की भेंट चढ़ी हुई है. टीम ने दो-तीन इलाकों का जायजा लिया, हर जग लोगों के घरों तक पीने का साफ पानी नहीं पहुंच रहा है. पटेल नगर की झुग्गी में रहने वाले 50 से ज्यादा घरों में नल जल का पानी दिया जा रहा है. लेकिन पानी में पीलापन आ रहा है और ज्यादा देर बर्तन या बाल्टी में रखने पर पानी पूरी तरीके से पीला हो जा रहा है.
नल-जल योजना का पानी आ रहा पीलाः नल से गंदा पानी निकलने के कारण लोग मजबूरी में उसे ही किसी तरह पी रहे हैं. कमला नेहरू नगर में भी लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. नल जल योजना के अंतर्गत जो पाइप लगाई गई है. कई जगह से पाइप फटी हुई है या फिर टूट गई है. इस कारण से गंदा पानी लोगों को मिल रहा है. आशा देवी ने बताया कि पानी तो मिलता है, लेकिन पानी में पीलापन रहता है. इस कारण से बीमारी का डर बना रहता है. उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में नल लगा तो पूरा गंदा पानी आता था. उस पानी से नहाना और कपड़ा धोना भी मुश्किल था. अब भी जो पानी आ रहा है वह पीने योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि 20-25 दिन से इसी तरह का पानी हम लोग पी रहे हैं, लेकिन वार्ड पार्षद से लेकर अधिकारी तक कोई इसकी सुधि लेने वाला नहीं हैं.
पीने के लायक नहीं नल-जल का पानीः कमला नेहरू नगर के निवासी राकेश राज ने बताया कि कमला नेहरू नगर में 2 महीना पहले नल जल योजना का काम पूरा किया गया है. लेकिन पानी पीने योग्य नहीं है. गंदा पानी पीना बीमारी को दावत देने जैसा है. हमारे परिवार के लोग इसी पानी से खाना-पीना बनाते हैं और किसी दूसरे घर से पीने के लिए पानी ला करके रखते हैं. उन्होंने कहा कि कई बार इसको लेकर के पार्षद और कई अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कहा जाता है कि अभी तो शुरू हुआ है. थोड़ा समय लगेगा. कहते हैं कि कार्य पूर्ण हो जाएगा उसके बाद देखा जाएगा.
"पानी तो मिलता है, लेकिन पानी में पीलापन रहता है. इस कारण से बीमारी का डर बना रहता है. उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में नल लगा तो पूरा गंदा पानी आता था. उस पानी से नहाना और कपड़ा धोना भी मुश्किल था. अब भी जो पानी आ रहा है वह पीने योग्य नहीं है" - आशा देवी
पानी से आ रही दुर्गंध: कंकड़बाग इलाके में रहने वाली लीलावती देवी ने कहा कि एक महीना पहले नल लगा है, लेकिन पानी पीला निकल रहा है. पानी से दुर्गंध भी आती है. कई बार तो तबीयत भी खराब हो जाता है. उन्होंने कहा कि एक महीना पहले से हम लोग पानी का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी पानी की जांच करने तक नहीं आए हैं. काम पूरा हो गया, अधिकारी को इसीसे मतलब होता है. लोग गंदा पानी पी रहे हैं और कई जगह पर पाइप लीकेज है. जिस कारण से पानी भी बहता रहता है.
आज भी नल-जल का हो रहा काम: सबसे बड़ी बात है कि 2016 में मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना हर घर नल जल की शुरुआत की गई थी. लेकिन कई इलाकों में आज भी धीरे-धीरे नल जल योजना का काम चल रहा है. जहां पर नल जल योजना से लोगों को पानी मिल रहा है वहां पर दूषित पानी मिलने से लोगों को परेशानी हो रही है. विभाग या वार्ड पार्षद की तरफ से शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. मजबूरी में गरीब लोग दूषित पानी पी रहे हैं.
कई जगह फटी हुई है पाईपः हकीकत तो यह भी है कि कई जगह पर पाइप फटी हुई है. पानी की बर्बादी हो रही है. कई जगह पर नल का पाइप लगा है, तो टोटी गायब है. हालांकि सरकारी चापाकल नहीं होने से कई इलाकों में गर्मी के दिनों में पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इससे कि गरीब लोगों को चिंता सता रही है. गरीब लोग बोरिंग नहीं करवा पा रहे हैं और मजबूरन में गंदा पानी पीकर के गुजर-बसर करना पड़ रहा है. सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद भी लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है.
"कमला नेहरू नगर में 2 महीना पहले नल जल योजना का काम पूरा किया गया है. लेकिन पानी पीने योग्य नहीं है. गंदा पानी पीना बीमारी को दावत देने जैसा है. हमारे परिवार के लोग इसी पानी से खाना-पीना बनाते हैं और किसी दूसरे घर से पीने के लिए पानी ला करके रखते हैं" - राकेश राज