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सुशासन के मामले में बिहार को मिला 15वां स्थान, विपक्ष ने नीतीश सरकार से किए कई सवाल

बिहार में सुशासन का 15वां स्थान मिलने पर जहां एक तरफ बीजेपी और जदयू मिलने वाले नंबर पर सवाल कर रही है, तो वहीं आरजेडी और कांग्रेस ने नीतीश कुमार के सुशासन राज को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है.

good governance in bihar
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Published : Dec 28, 2019, 11:03 PM IST

पटना: कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी सुशासन सूचकांक की लिस्ट में बिहार का 15वां स्थान है. इसको लेकर विपक्षी पार्टी लगातार नीतीश सरकार पर हमला कर रही है. वहीं बीजेपी और जेडीयू का कहना है कि ये लिस्ट किस निष्कर्ष पर निकाला गया है यह समझ के परे है.

सुशासन के मामले में बिहार को मिला 15वां स्थान

सुशासन रिपोर्ट में बिहार 15वें स्थान पर
बिहार में सुशासन का 15वां स्थान मिलने पर जहां एक तरफ बीजेपी और जदयू मिलने वाले नंबर पर सवाल कर रही है. तो वहीं आरजेडी और कांग्रेस ने नीतीश कुमार के सुशासन राज को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. जदयू नेता भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कार्मिक विभाग ने किस आधार पर सूची की है. ये नहीं पता. उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता है कि बिहार सुशासन के मामले में 15 वें स्थान पर हो सकता है. कार्मिक विभाग के इस लिस्ट पर हमें संदेह है.

बीजेपी ने सूची के आधार पर किया सवाल
बीजेपी ने भी इस लिस्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि किस आधार पर यह रिपोर्ट तैयार हुआ है, इसकी मुझे जानकारी तो नहीं है लेकिन इतना तो तय है कि बिहार का विकास दर लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हर राज्य से बिहार आगे है यहां कानून का राज चलता है, सरकार की इच्छा भी है कि यहां पर न्याय के साथ सबका विकास हो. इसलिए मुझे नहीं लगता है कि कार्मिक मंत्रालय में जो सूचकांक जारी किया है. फिर से उसे देखा जाए और मंत्रालय अच्छे से जानकारी ले ले.

'नीताश कुमार की सुशासन वाली बात फिसड्डी'
आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा है कि अब तो साफ हो गया है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में भ्रष्टाचार हो या बलात्कार लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तो कार्मिक मंत्रालय ने भी मान लिया कि बिहार सुशासन के मामले में फिसड्डी है.

'नीतीश सरकार की खुल गई पोल'
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा है कि इस सूचकांक के जारी होने के बाद नीतीश सरकार की पोल खुल गई है और बिहार की जनता भी अब समझ चुकी है कि बिहार में सुशासन नाम की कोई चीज ही नहीं बची है और ना ही कोई लॉ इन रूल है.

पटना: कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी सुशासन सूचकांक की लिस्ट में बिहार का 15वां स्थान है. इसको लेकर विपक्षी पार्टी लगातार नीतीश सरकार पर हमला कर रही है. वहीं बीजेपी और जेडीयू का कहना है कि ये लिस्ट किस निष्कर्ष पर निकाला गया है यह समझ के परे है.

सुशासन के मामले में बिहार को मिला 15वां स्थान

सुशासन रिपोर्ट में बिहार 15वें स्थान पर
बिहार में सुशासन का 15वां स्थान मिलने पर जहां एक तरफ बीजेपी और जदयू मिलने वाले नंबर पर सवाल कर रही है. तो वहीं आरजेडी और कांग्रेस ने नीतीश कुमार के सुशासन राज को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. जदयू नेता भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कार्मिक विभाग ने किस आधार पर सूची की है. ये नहीं पता. उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता है कि बिहार सुशासन के मामले में 15 वें स्थान पर हो सकता है. कार्मिक विभाग के इस लिस्ट पर हमें संदेह है.

बीजेपी ने सूची के आधार पर किया सवाल
बीजेपी ने भी इस लिस्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि किस आधार पर यह रिपोर्ट तैयार हुआ है, इसकी मुझे जानकारी तो नहीं है लेकिन इतना तो तय है कि बिहार का विकास दर लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हर राज्य से बिहार आगे है यहां कानून का राज चलता है, सरकार की इच्छा भी है कि यहां पर न्याय के साथ सबका विकास हो. इसलिए मुझे नहीं लगता है कि कार्मिक मंत्रालय में जो सूचकांक जारी किया है. फिर से उसे देखा जाए और मंत्रालय अच्छे से जानकारी ले ले.

'नीताश कुमार की सुशासन वाली बात फिसड्डी'
आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा है कि अब तो साफ हो गया है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में भ्रष्टाचार हो या बलात्कार लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तो कार्मिक मंत्रालय ने भी मान लिया कि बिहार सुशासन के मामले में फिसड्डी है.

'नीतीश सरकार की खुल गई पोल'
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा है कि इस सूचकांक के जारी होने के बाद नीतीश सरकार की पोल खुल गई है और बिहार की जनता भी अब समझ चुकी है कि बिहार में सुशासन नाम की कोई चीज ही नहीं बची है और ना ही कोई लॉ इन रूल है.

Intro:कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सुशासन सूचीकांक के लिस्ट में बिहार 15 में स्थान पर जिसे लेकर बिहार की राजनीति हुई गर्म विपक्ष ने नीतीश कुमार की विफलता मानी तो वहीं जदयू और बीजेपी ने सूचीकांक पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं,





Body:पटना-- बिहार में सुशासन की दम भरने वाली एनडीए की सरकार की कलई खुली जब भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने सुशासन सूचीकांक में बिहार 15वें स्थान पर जिसको लेकर बिहार की राजनीति में एक बार फिर से गर्माहट आ गई है इस सूचीकांक पर विपक्ष सरकार पर उठा रही है सवाल तो वहीं एनडीए को मिले इस अंग पर भरोसा नहीं।

सूचीकांक पर बिहार की सियासत गरम

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सुशासन सूचीकांक को लेकर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है विपक्ष इसे नीतीश कुमार का विफलता मानती है तो वहीं सत्ता पक्ष के नेता सूचीकांक पर ही सवाल खड़ा कर दिए हैं। जदयू नेता भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सुशासन सूचीकांक को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या कटेरिया है कार्मिक विभाग का सूची तैयार करने का क्या आधार रखा है हमें नहीं लगता है कि बिहार सुशासन के मामले में 15 वें स्थान पर हो सकता है हम एक कार्मिक विभाग के इस सूचीकांक पर संदेह है।
तो वहीं बीजेपी ने भी इस सूचीकांक पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि किस आधार पर यह रिपोर्ट तैयार हुआ है इसे मुझे जानकारी तो नहीं है लेकिन इतना तो तय है कि बिहार का विकास दर लगातार बढ़ रहा है हर राज्य से बिहार आगे है यहां कानून का राज चलता है सरकार की इच्छा भी है कि यहां पर न्याय के साथ सबका विकास हो , इसलिए मुझे नहीं लगता है कि कार्मिक मंत्रालय में जो सूचीकांक जारी किया है फिर से उसे देखा जाए और मंत्रालय अच्छे से जानकारी ले ले।

विपक्ष ने नीतीश पर उठाए सवाल

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सुशासन सूचीकांक मैं बिहार 15वें स्थान पर जिसको लेकर अब विपक्ष नीतीश कुमार के मंशा पर सवाल खड़ा करने लगा है आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा है कि अब तो साफ हो गया है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में भ्रष्टाचार हो या बलात्कार लगातार बढ़ते जा रहा है अब तो कार्मिक मंत्रालय ने भी मान लिया कि बिहार में सुशासन के मामले में फिसड्डी है नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए जो लगातार सुशासन की बात करते हुए आ रहे थे और न्याय के साथ विकास की बात करते आ रहे थे लेकिन कार्मिक मंत्रालय ने उनके सब पोल खोल दिया है तो वहीं कांग्रेस ने भी नीतीश कुमार पर हमला बोला है कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा है कि इस सूचीकांक के जारी होने के बाद नीतीश कुमार की सरकार की पोल खुल गई है और बिहार की जनता भी अब समझ चुकी है कि बिहार में सुशासन नाम की कोई चीज ही नहीं बची है और ना ही कोई लॉ इन रूल है।

बाइट-- अशोक चौधरी भवन निर्माण मंत्री जदयू

बाइट-- प्रेम रंजन पटेल प्रवक्ता बीजेपी

बाइट-- विजयप्रकाश नेता आरजेडी

बाइट-- प्रेमचंद मिश्रा नेता कांग्रेस


Conclusion: हम आपको बता दें कि कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सूची में तमिलनाडु पहले पायदान पर है तो महाराष्ट्र दूसरे जबकि कर्नाटक को तीसरे नंबर पर है। वहीं बिहार को 15 में और झारखंड को 18वां स्थान मिला है जिसको लेकर अब विपक्ष नीतीश सरकार के सुशासन पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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