ETV Bharat / state

बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती समारोह को लेकर सियासी संग्राम, RJD ने खड़े किए सवाल

23 अप्रैल को बीजेपी की ओर से भोजपुर के जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती (Veer Kunwar Singh Birth Anniversary) पर विजयोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस विजयोत्सव को लेकर बिहार में राजनीति भी गरम हो चुकी है. आरजेडी ने इस उत्सव पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पहले उनके परिवार को न्याय मिलना चाहिए. वहीं, बीजेपी ने दोषियों पर कार्रवाई का दावा किया है.

बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती समारोह को लेकर सियासत
बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती समारोह को लेकर सियासत
author img

By

Published : Apr 19, 2022, 6:41 PM IST

पटना: 23 अप्रैल को भोजपुर के जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती समारोह (Veer Kunwar Singh Birth Anniversary) का आयोजन होना है, जिसमे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah Bihar Visit) भी शरीक होंगे. बीजेपी इस कार्यक्रम की तैयारी में लगी है. इस कार्यक्रम में 75000 तिरंगा फहराने का भी लक्ष्य रखा गया है. वहीं, इस विजयोत्सव को लेकर बिहार में सियायी संग्राम भी छिड़ गया है. आरजेडी ने इस आयोजन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र की पुलिस की पिटाई से हत्या कर दी जाती है. सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. इस मामले पर सरकार को जवाब देना चाहिए. जिस पर पलवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: सम्राट अशोक के बाद अब वीर कुंवर सिंह की जयंती मनाने की तैयारी में जुटी BJP, प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक


बीजेपी के विजयोत्सव कार्यक्रम पर सियासत: वहीं, विजयोत्सव कार्यक्रम पर विवादों का साया भी मंडराने लगा है, आरजेडी ने इस आयोजन को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. आरजेडी प्रवक्ता एजाज एहमद ने कहा कि विजयोत्सव कार्यक्रम का मतलब क्या है जब उनके परिजनों की हत्या हो जाती है और सरकार की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र को पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला और इस मामले पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है. जब तक वीर कुंवर सिंह के परिजनों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक विजयोत्सव कार्यक्रम का कोई मतलब नहीं है.

दोषियों पर होगी कार्रवाई-बीजेपी: इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती को हम लोग समारोह के रूप में मनाने जा रहे हैं. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जहां, तक सवाल उनके प्रपौत्र के साथ अन्याय का है, तो बता दें कि पूरे मामले पर सरकार गंभीर है और उस मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
ये भी पढ़ें: बाबू वीर कुंवर सिंह जयंती की तैयारियों में जुटी बीजेपी, केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने की समीक्षा बैठक

कौन थे बाबू वीर कुंवर सिंह: 1857 का संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक बड़ी और अहम घटना थी. इस क्रांति की शुरुआत 10 मई 1857 को मेरठ से हुई, जो धीरे-धीरे बाकी स्थानों पर फैल गई. वैसे तो संग्राम में कई लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाई लेकिन अंग्रेजों के साथ लड़ते हुए अपने क्षेत्र को आजाद करने वाले एकमात्र नायक बाबू वीर कुंवर सिंह थे. उन्होंने 23 अप्रैल, 1858 को शाहाबाद क्षेत्र को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराया था. उन्होंने जगदीशपुर के अपने किले पर फतह पाई थी और ब्रिटिश झंडे को उतारकर अपना झंडा फहराया था. उसी आजादी का पारंपरिक विजयोत्सव दिवस 23 अप्रैल को मनाया जाता है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: 23 अप्रैल को भोजपुर के जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती समारोह (Veer Kunwar Singh Birth Anniversary) का आयोजन होना है, जिसमे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah Bihar Visit) भी शरीक होंगे. बीजेपी इस कार्यक्रम की तैयारी में लगी है. इस कार्यक्रम में 75000 तिरंगा फहराने का भी लक्ष्य रखा गया है. वहीं, इस विजयोत्सव को लेकर बिहार में सियायी संग्राम भी छिड़ गया है. आरजेडी ने इस आयोजन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र की पुलिस की पिटाई से हत्या कर दी जाती है. सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. इस मामले पर सरकार को जवाब देना चाहिए. जिस पर पलवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: सम्राट अशोक के बाद अब वीर कुंवर सिंह की जयंती मनाने की तैयारी में जुटी BJP, प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक


बीजेपी के विजयोत्सव कार्यक्रम पर सियासत: वहीं, विजयोत्सव कार्यक्रम पर विवादों का साया भी मंडराने लगा है, आरजेडी ने इस आयोजन को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. आरजेडी प्रवक्ता एजाज एहमद ने कहा कि विजयोत्सव कार्यक्रम का मतलब क्या है जब उनके परिजनों की हत्या हो जाती है और सरकार की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र को पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला और इस मामले पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है. जब तक वीर कुंवर सिंह के परिजनों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक विजयोत्सव कार्यक्रम का कोई मतलब नहीं है.

दोषियों पर होगी कार्रवाई-बीजेपी: इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती को हम लोग समारोह के रूप में मनाने जा रहे हैं. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जहां, तक सवाल उनके प्रपौत्र के साथ अन्याय का है, तो बता दें कि पूरे मामले पर सरकार गंभीर है और उस मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
ये भी पढ़ें: बाबू वीर कुंवर सिंह जयंती की तैयारियों में जुटी बीजेपी, केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने की समीक्षा बैठक

कौन थे बाबू वीर कुंवर सिंह: 1857 का संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक बड़ी और अहम घटना थी. इस क्रांति की शुरुआत 10 मई 1857 को मेरठ से हुई, जो धीरे-धीरे बाकी स्थानों पर फैल गई. वैसे तो संग्राम में कई लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाई लेकिन अंग्रेजों के साथ लड़ते हुए अपने क्षेत्र को आजाद करने वाले एकमात्र नायक बाबू वीर कुंवर सिंह थे. उन्होंने 23 अप्रैल, 1858 को शाहाबाद क्षेत्र को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराया था. उन्होंने जगदीशपुर के अपने किले पर फतह पाई थी और ब्रिटिश झंडे को उतारकर अपना झंडा फहराया था. उसी आजादी का पारंपरिक विजयोत्सव दिवस 23 अप्रैल को मनाया जाता है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.