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नगर निकाय चुनाव की घोषणा के बाद भी संशय, उम्मीदवारों को सता रहा कोर्ट में लंबित याचिका का डर - बिहार नगर निकाय चुनाव 2022

बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से नगर निकाय चुनाव की घोषणा की जा चुकी है. चुनाव 18 दिसंबर और 28 दिसंबर को होगा. इसी बीच पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों के कारण उम्मीदवारों में संशय है कि कहीं कोर्ट के कारण चुनाव टल न जाय. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Dec 8, 2022, 8:09 PM IST

पटनाः बिहार में नगर निकाय चुनाव दिसंबर (Municipal elections in Bihar) में होना है. राजनीतिक दलों के साथ ही प्रशासन ने भी कमर कस ली है. बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदान संबंधी तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है. चुनाव में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवार डोर टू डोर कैंपेन के अलावा फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मतदाताओं के रिझाने में लगे (Politics on Municipal Elections In Bihar) हैं. वहीं इसी बीच उम्मीदवारों में चुनाव को लेकर संशय है कि कहीं फिर कोर्ट के आदेश पर चुनाव टल न जाय.

ये भी पढ़ें-बिहार में नगर निकाय चुनाव की घोषणा : 18 और 28 दिसंबर को मतदान


"राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से पहले नगर निकाय चुनाव की घोषणा की गई थी. लेकिन कोर्ट की ओर से इस पर रोक लगा दिया गया था. अब फिर चुनाव समय पर होगा कि नहीं यह डर हमलोगों को सता रहे हैं. -"माला सिन्हा, मेयर उम्मीदवार

उम्मीदवारों को चुनाव टलने का डर सता रहा हैः फिर एक बार अब चुनाव का ऐलान कर दिया गया है भले इसमें प्रचार प्रसार करने के लिए समय मिला है लेकिन अभी संसय बना हुआ है कि अगर चुनाव होने के बाद कोर्ट के द्वारा कहीं किसी प्रकार का कोई आदेश होता है. तो आम जनता से लेकर के प्रत्याशियों के भी परेशानी बढ़ जाएगी . उन्होंने कहा कि जनता की जो समस्या है उसको लेकर के प्रतिदिन सुनने को ही मिलता है और उसके निदान के लिए हर संभव प्रयास हमारे तरफ से जारी है.

सोशल मीडिया पर प्रचार कर रहे हैं उम्मीदवारः पिछली बार के चुनाव में हार चुके प्रत्याशी निवर्तमान पार्षदों को उनके द्वारा किये गये वादे याद करा रहे हैं. वहीं आम जनता अपने गली-मुहल्ले की जर्जर सड़क, जलजमाव, गंदगी की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर वास्तविक स्थिति के बारे में बता रहे हैं. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी लोगों के मोबाइल पर कॉल कर संबंधित वार्ड में बेहतर सेवा करने का सपना दिखाने में जुट गए हैं.

तीन पदों के लिए होगी वोटिंगः नगर निकाय क्षेत्र में इस बार तीन पदों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड के पार्षदों का सीधे मतदान के जरिये चयन होगा, चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा. वहीं जातीय समीकरणों साधने के साथ ही दूसरे वर्गों के सुख-दुख में शामिल होना शुरू कर दिया है. जनता भी जनप्रतिनिधियों से पिछले पांच साल का हिसाब मांगना शुरू कर दिया है.

30 दिसंबर तक पूरी होगी चुनाव प्रक्रियाः पहले चरण के लिए मतदान 18 दिसंबर को होगा और मतगणना 20 दिसंबर को. दूसरे चरण के लिए मतदान 28 दिसंबर को मतगणना 30 दिसंबर को होगी. राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा. बोगस वोटरों की पहचान के लिए भी बूथों पर व्यवस्था किया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ दिन पहले सभी जिला पदाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारियों को पत्र लिखकर चुनाव संपन्न कराने का निर्देश दिया है.

क्या कहते हैं उम्मीदवारः वहीं वार्ड पार्षद प्रत्याशी निशांत कुमार का कहना है कि राजनीतिक दलों के कारण काफी परेसानी होता है कोर्ट नगर निकाय चुनाव पर रोक लगाया लेकिन फिर से एक बार चुनाव की घोषणा कर दी गई है. राजनीतिक दल के द्वारा अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए इस तरह का काम किया जा रहा है. चुनाव में अमीर गरीब से लेकर सभी तरह के प्रत्याशी खड़े हुए हैं. चुनाव को लेकर संसय बना हुआ है कि अगर चुनाव होने के बाद कोर्ट की ओर से अगर कोई आदेश हुआ तो इस लोगों को फिर से परेशानी होगी.

ये भी पढ़ें-नगर निकाय चुनाव 2022: मधेपुरा के पूर्व चेयरमैन ने दायर की जनहित याचिका

पटनाः बिहार में नगर निकाय चुनाव दिसंबर (Municipal elections in Bihar) में होना है. राजनीतिक दलों के साथ ही प्रशासन ने भी कमर कस ली है. बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदान संबंधी तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है. चुनाव में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवार डोर टू डोर कैंपेन के अलावा फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मतदाताओं के रिझाने में लगे (Politics on Municipal Elections In Bihar) हैं. वहीं इसी बीच उम्मीदवारों में चुनाव को लेकर संशय है कि कहीं फिर कोर्ट के आदेश पर चुनाव टल न जाय.

ये भी पढ़ें-बिहार में नगर निकाय चुनाव की घोषणा : 18 और 28 दिसंबर को मतदान


"राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से पहले नगर निकाय चुनाव की घोषणा की गई थी. लेकिन कोर्ट की ओर से इस पर रोक लगा दिया गया था. अब फिर चुनाव समय पर होगा कि नहीं यह डर हमलोगों को सता रहे हैं. -"माला सिन्हा, मेयर उम्मीदवार

उम्मीदवारों को चुनाव टलने का डर सता रहा हैः फिर एक बार अब चुनाव का ऐलान कर दिया गया है भले इसमें प्रचार प्रसार करने के लिए समय मिला है लेकिन अभी संसय बना हुआ है कि अगर चुनाव होने के बाद कोर्ट के द्वारा कहीं किसी प्रकार का कोई आदेश होता है. तो आम जनता से लेकर के प्रत्याशियों के भी परेशानी बढ़ जाएगी . उन्होंने कहा कि जनता की जो समस्या है उसको लेकर के प्रतिदिन सुनने को ही मिलता है और उसके निदान के लिए हर संभव प्रयास हमारे तरफ से जारी है.

सोशल मीडिया पर प्रचार कर रहे हैं उम्मीदवारः पिछली बार के चुनाव में हार चुके प्रत्याशी निवर्तमान पार्षदों को उनके द्वारा किये गये वादे याद करा रहे हैं. वहीं आम जनता अपने गली-मुहल्ले की जर्जर सड़क, जलजमाव, गंदगी की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर वास्तविक स्थिति के बारे में बता रहे हैं. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी लोगों के मोबाइल पर कॉल कर संबंधित वार्ड में बेहतर सेवा करने का सपना दिखाने में जुट गए हैं.

तीन पदों के लिए होगी वोटिंगः नगर निकाय क्षेत्र में इस बार तीन पदों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड के पार्षदों का सीधे मतदान के जरिये चयन होगा, चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा. वहीं जातीय समीकरणों साधने के साथ ही दूसरे वर्गों के सुख-दुख में शामिल होना शुरू कर दिया है. जनता भी जनप्रतिनिधियों से पिछले पांच साल का हिसाब मांगना शुरू कर दिया है.

30 दिसंबर तक पूरी होगी चुनाव प्रक्रियाः पहले चरण के लिए मतदान 18 दिसंबर को होगा और मतगणना 20 दिसंबर को. दूसरे चरण के लिए मतदान 28 दिसंबर को मतगणना 30 दिसंबर को होगी. राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा. बोगस वोटरों की पहचान के लिए भी बूथों पर व्यवस्था किया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ दिन पहले सभी जिला पदाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारियों को पत्र लिखकर चुनाव संपन्न कराने का निर्देश दिया है.

क्या कहते हैं उम्मीदवारः वहीं वार्ड पार्षद प्रत्याशी निशांत कुमार का कहना है कि राजनीतिक दलों के कारण काफी परेसानी होता है कोर्ट नगर निकाय चुनाव पर रोक लगाया लेकिन फिर से एक बार चुनाव की घोषणा कर दी गई है. राजनीतिक दल के द्वारा अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए इस तरह का काम किया जा रहा है. चुनाव में अमीर गरीब से लेकर सभी तरह के प्रत्याशी खड़े हुए हैं. चुनाव को लेकर संसय बना हुआ है कि अगर चुनाव होने के बाद कोर्ट की ओर से अगर कोई आदेश हुआ तो इस लोगों को फिर से परेशानी होगी.

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