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बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग के बीच कांग्रेस का बड़ा दावा, जल्द अलग होगी BJP-JDU - बिहार लेटेस्ट न्यूज

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग के बीच कांग्रेस ने बड़ा दावा किया है. कांग्रेस ने कहा है कि जल्द ही बीजेपी और जेडीयू की राहें अलग हो जाएंगी. पढ़ें पूरी खबर...

राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
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Published : Dec 16, 2021, 7:25 AM IST

पटनाः बिहार एनडीए की दो बड़ी सहयोगी पार्टियां, बीजेपी और जेडीयू के बीच मतभेद देखी जा रही है. एनआरसी और जातीय जनगणना पर दोनों दलों की अलग राय तो रही ही, अब नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report) और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (Special Status For Bihar) को लेकर सियासत होने लगी है. इसे लेकर कांग्रेस ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा (Congress Targets Nitish Government) है.

इसे भी पढ़ें- विशेष राज्य के दर्जे पर नीतीश कुमार ने कहा- ये मेरा नहीं पूरे बिहार का दर्द है

"पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि बिहार के सीएम कह रहे हैं कि बिहार पिछड़ा हुआ है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भी बिहार सभी क्षेत्रों के अंतिम पायदान पर चला गया है. लेकिन उन्हीं के डिप्टी सीएम कह रहे हैं कि भारत सरकार इतनी राशि दे दी है, कि यहां विशेष राज्य के दर्जे की आवश्यकता नहीं है. जब-जब कोई जनता या नीति आयोग जैसी संस्था कह देती है कि बिहार पिछड़ा हुआ है तो इसे पाटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की आवश्यकता है."- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

बिहार एनडीए को लेकर कांग्रेस का बड़ा दावा

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार किससे विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं. जिनके साथ वे सरकार में हैं, वे कहते हैं कि इसकी कोई आवश्यता नहीं है. इस तरह से ये लोग बिहार की जनता को बेवकूफ बनाने में लगे हैं. जिस तरह से बीजेपी और नीतीश कुमार एक दूसरे की लड़ाई को सतह पर लाकर बिहार के विकास को पीछे छोड़ रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में दोनों दलों की राहें अलग हो जाएंगी.

इसे भी पढ़ें- विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर JDU और BJP में तकरार, लगातार किया जा रहा वार-पलटवार

बता दें कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले एक दशक से लगातार करते आ रहे हैं. इस बार उन्होंने नए सिरे से इसकी मांग की है. बिहार सरकार में मंत्री बिजेंद्र यादव ने नीति आयोग की उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह मांग उठाई है, जिसमें बिहार को देश का सर्वाधिक गरीब राज्‍य बताया गया है.

इस रिपोर्ट के आधार पर विपक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के विकास के दावों को कटघरे में खड़ा कर रहा है. पत्र में मंत्री ने कहा है कि बिहार प्रति व्‍यक्ति आय, मानव विकास व जीवन स्‍तर के मानकों पर राष्‍ट्रीय औसत से नीचे है. उन्‍होंने इसके लिए बिहार में प्राकृतिक संसाधनों व जलीय सीमा के अभाव तथा अत्‍यधिक जनसंख्‍या घनत्‍व को जिम्‍मेदार बताया है.

वहीं, बिहार की राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंघन की सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी कोटे से उपमुख्‍यमंत्री रेणु देवी ने सवाल किया है कि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विशेष राज्‍य के दर्जे से अधिक धन दे रही है, तो इस मांग का क्‍या औचित्‍य है?

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पटनाः बिहार एनडीए की दो बड़ी सहयोगी पार्टियां, बीजेपी और जेडीयू के बीच मतभेद देखी जा रही है. एनआरसी और जातीय जनगणना पर दोनों दलों की अलग राय तो रही ही, अब नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report) और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (Special Status For Bihar) को लेकर सियासत होने लगी है. इसे लेकर कांग्रेस ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा (Congress Targets Nitish Government) है.

इसे भी पढ़ें- विशेष राज्य के दर्जे पर नीतीश कुमार ने कहा- ये मेरा नहीं पूरे बिहार का दर्द है

"पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि बिहार के सीएम कह रहे हैं कि बिहार पिछड़ा हुआ है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भी बिहार सभी क्षेत्रों के अंतिम पायदान पर चला गया है. लेकिन उन्हीं के डिप्टी सीएम कह रहे हैं कि भारत सरकार इतनी राशि दे दी है, कि यहां विशेष राज्य के दर्जे की आवश्यकता नहीं है. जब-जब कोई जनता या नीति आयोग जैसी संस्था कह देती है कि बिहार पिछड़ा हुआ है तो इसे पाटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की आवश्यकता है."- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

बिहार एनडीए को लेकर कांग्रेस का बड़ा दावा

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार किससे विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं. जिनके साथ वे सरकार में हैं, वे कहते हैं कि इसकी कोई आवश्यता नहीं है. इस तरह से ये लोग बिहार की जनता को बेवकूफ बनाने में लगे हैं. जिस तरह से बीजेपी और नीतीश कुमार एक दूसरे की लड़ाई को सतह पर लाकर बिहार के विकास को पीछे छोड़ रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में दोनों दलों की राहें अलग हो जाएंगी.

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बता दें कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले एक दशक से लगातार करते आ रहे हैं. इस बार उन्होंने नए सिरे से इसकी मांग की है. बिहार सरकार में मंत्री बिजेंद्र यादव ने नीति आयोग की उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह मांग उठाई है, जिसमें बिहार को देश का सर्वाधिक गरीब राज्‍य बताया गया है.

इस रिपोर्ट के आधार पर विपक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के विकास के दावों को कटघरे में खड़ा कर रहा है. पत्र में मंत्री ने कहा है कि बिहार प्रति व्‍यक्ति आय, मानव विकास व जीवन स्‍तर के मानकों पर राष्‍ट्रीय औसत से नीचे है. उन्‍होंने इसके लिए बिहार में प्राकृतिक संसाधनों व जलीय सीमा के अभाव तथा अत्‍यधिक जनसंख्‍या घनत्‍व को जिम्‍मेदार बताया है.

वहीं, बिहार की राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंघन की सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी कोटे से उपमुख्‍यमंत्री रेणु देवी ने सवाल किया है कि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विशेष राज्‍य के दर्जे से अधिक धन दे रही है, तो इस मांग का क्‍या औचित्‍य है?

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